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Rampur Bushahar News: चूड़धार जाने वाले यात्रियों से शुल्क पर मंदिर कमेटी ने जताई आपत्ति
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कहा- श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलना उचित नहीं, आस्था को पहुंच रही ठेस
वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग को भेजा पत्र
संवाद न्यूज एजेंसी
चौपाल (रोहड़ू) । चूड़धार जाने वाले यात्रियों से शुल्क पर मंदिर कमेटी ने आपत्ति जताई है। वीरवार को चूड़धार मंदिर कमेटी के चेयरमैन एसडीएम हेम चंद वर्मा की अध्यक्षता में मंदिर कमेटी और चूड़ेश्वर सेवा समिति की बैठक हुई। बैठक में सदस्यों ने कहा कि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलना उचित नहीं है। जिस प्रकार से चूड़धार जाने वाले मुख्य द्वार पर शुल्क वसूला जा रहा है, उससे श्रद्धालुओं में रोष है और विरोध कर रहे हैं। बैठक में निर्णय लिया कि किसी भी प्रकार के शुल्क के विरोध में वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग यानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को भी पत्र भेजा गया है। उपायुक्त शिमला से भी किसी भी प्रकार का शुल्क न वसूलने का आग्रह किया है। मंदिर कमेटी के सदस्य ओम प्रकाश मेहता, हरिनंद मेहता और कृष्ण शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से चूड़धार जाने वाले श्रद्धालुओं से मंदिर जाने का शुल्क वसूला जा रहा है, उससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। इसका मंदिर कमेटी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग में चूड़धार जाने वाले कोई भी रास्ते नहीं आते हैं और यह कई दशकों पुराने रास्ते हैं। ओम प्रकाश मेहता का कहना है कि वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग अपना यह निर्णय वापस नहीं लेती है, तो कमेटी के सदस्य इसका विरोध कर सरकार से भी मुलाकात करेंगे और इस निर्णय को वापस लेने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि शिरगुल महाराज मंदिर चूड़धार हिमाचल के साथ साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश का आस्था का केंद्र है और इस प्रकार का शुल्क लेना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उपायुक्त को भेजा है प्रस्ताव
बैठक के अंत में एसडीएम हेम चंद वर्मा ने कहा कि संबंधित मामले में वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग यानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को पत्र लिखकर सूचित किया गया है। श्रद्धालुओं की आस्था के मद्देनजर यात्रा पर किसी भी प्रकार का शुल्क न लिया जाए। एसडीएम ने कहा कि समिति की ओर से पारित प्रस्ताव को उपायुक्त शिमला को भेजा गया है और मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
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वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग को भेजा पत्र
संवाद न्यूज एजेंसी
चौपाल (रोहड़ू) । चूड़धार जाने वाले यात्रियों से शुल्क पर मंदिर कमेटी ने आपत्ति जताई है। वीरवार को चूड़धार मंदिर कमेटी के चेयरमैन एसडीएम हेम चंद वर्मा की अध्यक्षता में मंदिर कमेटी और चूड़ेश्वर सेवा समिति की बैठक हुई। बैठक में सदस्यों ने कहा कि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलना उचित नहीं है। जिस प्रकार से चूड़धार जाने वाले मुख्य द्वार पर शुल्क वसूला जा रहा है, उससे श्रद्धालुओं में रोष है और विरोध कर रहे हैं। बैठक में निर्णय लिया कि किसी भी प्रकार के शुल्क के विरोध में वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग यानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को भी पत्र भेजा गया है। उपायुक्त शिमला से भी किसी भी प्रकार का शुल्क न वसूलने का आग्रह किया है। मंदिर कमेटी के सदस्य ओम प्रकाश मेहता, हरिनंद मेहता और कृष्ण शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से चूड़धार जाने वाले श्रद्धालुओं से मंदिर जाने का शुल्क वसूला जा रहा है, उससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। इसका मंदिर कमेटी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग में चूड़धार जाने वाले कोई भी रास्ते नहीं आते हैं और यह कई दशकों पुराने रास्ते हैं। ओम प्रकाश मेहता का कहना है कि वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग अपना यह निर्णय वापस नहीं लेती है, तो कमेटी के सदस्य इसका विरोध कर सरकार से भी मुलाकात करेंगे और इस निर्णय को वापस लेने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि शिरगुल महाराज मंदिर चूड़धार हिमाचल के साथ साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश का आस्था का केंद्र है और इस प्रकार का शुल्क लेना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उपायुक्त को भेजा है प्रस्ताव
बैठक के अंत में एसडीएम हेम चंद वर्मा ने कहा कि संबंधित मामले में वन्यजीव अभ्यारण्य विभाग यानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को पत्र लिखकर सूचित किया गया है। श्रद्धालुओं की आस्था के मद्देनजर यात्रा पर किसी भी प्रकार का शुल्क न लिया जाए। एसडीएम ने कहा कि समिति की ओर से पारित प्रस्ताव को उपायुक्त शिमला को भेजा गया है और मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
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