'वंदे मातरम' के 150 वर्ष: उपराष्ट्रपति ने बताया अमर गीत; किशन रेड्डी बोले- हैदराबाद मुक्ति संग्राम का प्रतीक
देश के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के आज 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। सात नवंबर 1875 को बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह रचना हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा थी। यह केवल एक गीत/कविता नहीं, बल्कि भारत की एकता, त्याग और मातृभूमि के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।
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'वंदे मातरम' भारत के आत्मा की आवाज- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, 'वंदे मातरम' सिर्फ शब्दों का समूह नहीं, यह भारत की आत्मा की आवाज है। अंग्रेजी शासन के खिलाफ इस गीत ने देश को एकजुट किया और आजादी की चेतना को प्रबल किया। इसने देश के वीर क्रांतिकारियों में मातृभूमि के प्रति गर्व, समर्पण और बलिदान की भावना जगाई।' अमित शाह ने कहा कि यह गीत आज भी देशवासियों के दिलों में राष्ट्रप्रेम की लौ जलाए हुए है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने परिवार के साथ मिलकर 'वंदे मातरम' का पूरा संस्करण गाएं, ताकि यह भाव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का केंद्र बना रहे।
पीएम मोदी आज राष्ट्रीय उत्सव का करेंगे उद्घाटन
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में वर्षभर चलने वाले इस राष्ट्रीय उत्सव का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे।
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सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 'वंदे मातरम' को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 7 नवंबर 1875 को 'बंगदर्शन' पत्रिका में पहली बार प्रकाशित किया था। बाद में उन्होंने इसे अपने प्रसिद्ध उपन्यास 'आनंदमठ' (1882) में शामिल किया। इस गीत को संगीतकार और कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वरबद्ध किया था। 'वंदे मातरम' भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बन गया और आज भी यह देश की सांस्कृतिक, राजनीतिक और सभ्यतागत चेतना का अभिन्न हिस्सा है।
वहीं इस मौके पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 'वंदे मातरम हमारा राष्ट्रीय गीत है और हमारे देश का गौरव है। अब अगर कुछ लोगों को अपना ईमान खतरे में लग रहा है, तो उनसे बड़ा बेईमान कोई नहीं है। जिस गीत को संविधान सभा ने राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया, उसे सम्मान दिया, जिस गीत को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पूरे जोश और उत्साह के साथ गाया, देश को आजाद कराया और अंग्रेजों को देश से खदेड़ा, अगर वही गीत किसी के ईमान को तोड़ता है, तो उससे बड़ा बेईमान कोई नहीं हो सकता... यह साबित करता है कि राष्ट्र के प्रति आपके विचार और मूल्य कितने दूषित हैं।'
#WATCH | Delhi | BJP leader Mukhtar Abbas Naqvi says, "... Vande Mataram is our national song and our nation's pride. Now, if some people find their 'Imaan' jeopardised, then there is no one more 'Beimaan' than them. The song that the Constituent Assembly accepted as the national… pic.twitter.com/JgU2fXh6fA
— ANI (@ANI) November 7, 2025
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि 'वंदे मातरम' भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक और एकता, शक्ति व गर्व का अमर गीत है। उन्होंने बताया कि यह गीत 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने अक्षय नवमी के दिन लिखा था। इसके 150 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा, 'वंदे मातरम ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लोगों के हृदय में देशभक्ति की ज्वाला जगाई। यह गीत आज भी हमारी एकता और समर्पण का प्रतीक है।' उन्होंने सभी नागरिकों से इस वर्षभर चलने वाले राष्ट्रीय समारोह में शामिल होने की अपील की और कहा कि वंदे मातरम की अमर भावना हमें देशसेवा की प्रेरणा देती रहे।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शुक्रवार को ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर तवांग में आयोजित समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने इस गीत को ‘पवित्र गीत’ बताते हुए कहा कि यह स्वतंत्रता सेनानियों के दिलों में जोश और भक्ति का भाव जगाने वाला गीत है। इस कार्यक्रम में देशभक्ति गीत, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई। सीएम खांडू ने कहा, 'वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत माता के प्रति भक्ति का अमर आह्वान है, जिसने हर पीढ़ी को देशप्रेम से ओतप्रोत किया है।' उन्होंने कहा कि यह गीत आज भी एकता, बलिदान और मातृभूमि के प्रति समर्पण का संदेश देता है, जो हर भारतीय के हृदय में गूंजता रहेगा।
महराष्ट्र में भी कई जगहों पर वंदे मातरम के 150 वर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में सीएम देवेंद्र फडणवीस और मंत्री आशीष शेलार समेत कई लोगों ने शिरकत की है। इस दौरान सभी ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाए और इसपर अपने विचार भी रखे।
वंदे मातरम्!
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) November 7, 2025
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
राष्ट्रीय गीताच्या 150 व्या वर्षपूर्तीनिमित्त आयोजित समूह गायनातील एक स्वरगौरव क्षण. @Dev_Fadnavis #Maharashtra #DevendraFadnavis #VandeMataram150 pic.twitter.com/hhmkjw5yjD
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को 'वंदे मातरम' को एक अमर राष्ट्रगीत बताया, जिसने देश में राष्ट्रवाद की भावना जगाई और पीढ़ियों को प्रेरित किया है। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, 'वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर मैं इस महान गीत को नमन करता हूं। यह गीत हमारी मातृभूमि को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता के प्रतीक रूप में प्रस्तुत करता है।' उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 7 नवम्बर 1875 को अक्षय नवमी के दिन यह गीत रचा था, जो स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लोगों को एक सूत्र में बांधने वाला शक्तिशाली प्रतीक बना।
उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम' भारत की सांस्कृतिक विरासत और सभ्यता की आत्मा का प्रतीक है, जो आध्यात्मिकता और राष्ट्रभाव को जोड़ता है। उपराष्ट्रपति ने कामना की कि इस गीत के अमर शब्द हर भारतीय को अनुशासन, देशभक्ति और समर्पण की राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहें।
केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि 'वंदे मातरम' ने केवल अंग्रेजों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि निजाम शासन और रजाकारों के खिलाफ भी लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह गीत आजादी के आंदोलन की तरह ही हैदराबाद के मुक्ति संग्राम का भी प्रतीक बना। रेड्डी और राज्य भाजपा अध्यक्ष एन. रामचंदर राव ने 'वंदे मातरम@150' कार्यक्रम में भाग लिया।
तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोनम प्रभाकर और पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने भी अबिड्स के महबूबिया गर्ल्स हाई स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। राज्य के कई जिलों वारंगल, करीमनगर और अन्य जगहों पर भी इस अवसर पर आयोजन किए गए।