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Earthquake: देश के 30 करोड़ घरों में से 90 फीसदी नहीं झेल सकते भूकंप के झटके, IIT के प्रोफेसर ने दी चेतावनी
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 14 Nov 2022 05:55 AM IST
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सार
पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रो. जावेद एन मलिक ने कहा कि उत्तराखंड के रामनगर इलाके में तीव्र भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। आने वाले समय में यहां 7.5 से 8 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाला भूकंप आने की आशंका है।

सांकेतिक तस्वीर।
- फोटो : ANI
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विस्तार
देश के कुल 30.4 करोड़ घरों में से 90 फीसदी भूकंप के झटके नहीं झेल सकते। वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती के नीचे भारतीय प्लेट व यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव बढ़ रहा है। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों ने भी भविष्य में एक बड़े भूकंप की चेतावनी दी है।

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पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रो. जावेद एन मलिक ने कहा कि उत्तराखंड के रामनगर इलाके में तीव्र भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। आने वाले समय में यहां 7.5 से 8 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाला भूकंप आने की आशंका है। हिमालयी क्षेत्र में टेक्टॉनिक प्लेटों के अस्थिर होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के जियोलॉजिस्ट अजय पॉल ने कहा कि भारतीय प्लेट पर यूरेशियन प्लेट के लगातार दबाव के कारण इसके नीचे जमा होने वाली ऊर्जा समय-समय पर भूकंप के रूप में बाहर निकलती रहती है।
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बीते करीब 100 साल में चार बड़े भूकंप
बीते करीब 100 वर्षों के दौरान हिमालयी क्षेत्र में चार बड़े भूकंप दर्ज हैं। इनमें 1897 में शिलांग, 1905 में कांगड़ा, 1934 में बिहार-नेपाल और 1950 में असम में आए भूकंप शामिल हैं। उसके बाद 1991 में उत्तरकाशी, 1999 में चमोली और 2015 में नेपाल में भी भयानक भूकंप आया था।