सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Ahmedabad Plane Crash investigation Lawyer for victims family claims theory on Boeing Water Leakage problem

Air India Crash: पानी लीक होने से दुर्घटना...; एअर इंडिया हादसे को लेकर अब क्या नया दावा किया गया? जानें सबकुछ

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Mon, 15 Sep 2025 07:58 AM IST
विज्ञापन
सार

एयर इंडिया अहमदाबाद क्रैश को लेकर यात्रियों के परिजनों का केस लड़ रहे वकील ने दुर्घटना को लेकर सामने आई किस थ्योरी को सही नहीं माना है? उन्होंने हादसे के पीछे किस परेशानी की सबसे ज्यादा आशंका जताई है? वकील ने जो दावे किए हैं, उन्हें तर्कों की कसौटी पर कैसे रखा है? आइये जानते हैं...

Ahmedabad Plane Crash investigation Lawyer for victims family claims theory on Boeing Water Leakage problem
एयर इंडिया क्रैश मामले में यात्रियों के परिजनों के वकील माइक एंड्रयूज। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

इस साल जून में जब गुजरात के अहमदाबाद से ब्रिटेन के लंदन रवाना हुआ एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के कुछ सेकंड्स बाद ही क्रैश हो गया तो हादसे के पीछे कई तरह की बातें शुरू हो गईं। इसमें बोइंग कंपनी के विमानों के खराब रिकॉर्ड्स से लेकर एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया और पायलटों तक को लेकर कई ऐसी चर्चाएं हुईं, जिन्हें लेकर पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। इसके ऊपर भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती जांच रिपोर्ट ने दुर्घटना के कारणों को लेकर और ज्यादा भ्रम की स्थिति पैदा कर दी। अब एयर इंडिया क्रैश में अपने करीबियों को गंवाने वाले परिवारों की तरफ से केस लड़ रहे वकील ने घटना की वजहों को लेकर एक ऐसा दावा किया है, जिससे दुर्घटना के कारणों से जुड़ा एक नया कोण सामने आया है।
loader
Trending Videos


ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर एयर इंडिया अहमदाबाद क्रैश को लेकर यात्रियों के परिजनों का केस लड़ रहे वकील ने दुर्घटना को लेकर सामने आई किस थ्योरी को सही नहीं माना है? उन्होंने हादसे के पीछे किस परेशानी की सबसे ज्यादा आशंका जताई है? वकील ने जो दावे किए हैं, उन्हें तर्कों की कसौटी पर कैसे रखा है? आइये जानते हैं...
विज्ञापन
विज्ञापन

क्या हैं दुर्घटना का शिकार हुए यात्रियों के वकील के दावे?

1. हादसे पर सामने आई किस थ्योरी को नकारा?
विमान निर्माता कंपनी बोइंग के खिलाफ केस में मृत यात्रियों के परिजन के केस को देख रहे माइक एंड्रयूज ने उन सभी दावों को खारिज कर दिया, जिनमें कथित तौर पर यात्री विमान के पायलटों पर ईंधन नियंत्रण को जानबूझकर या गलती से बंद करने की बात कही गई। उन्होंने ब्रिटिश मीडिया संस्थान 'द इंडिपेंडेंट' को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह दावे की पायलटों ने कोई गलती की या जानबूझकर विमान को दुर्घटनाग्रस्त कराया, इसका न तो सबूत समर्थन करते हैं और न ही यह मृतकों के साथ न्याय है।

गौरतलब है कि अहमदाबाद में विमान हादसे के करीब एक महीने बाद भारत की दुर्घटना जांच एजेंसी एएआईबी ने प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें दुर्घटना से ठीक पहले पायलटों के बीच हुई बातचीत का खुलासा किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि बोइंग ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजन टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद बंद हो गए, क्योंकि ईंधन की आपूर्ति रुक गई थी। एअर इंडिया विमान के ब्लैक बॉक्स की जांच में पता चला कि उड़ान के अंतिम क्षणों में, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पता चला कि एक पायलट को दूसरे से यह पूछा कि उसने ईंधन स्विच को बंद क्यों किया? इस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया। जांच में पता चला कि उड़ान भरने के तुरंत बाद ईंधन स्विच कटऑफ में बदल गए थे, जिससे विमान के इंजनों में ईंधन की आपूर्ति रुक गई। जो हादसे के मुख्य वजहों में एक माना जा रहा है।

इसी का हवाला देते हुए एंड्रयूज ने कहा कि हम नहीं जानते कि पायलट किस संदर्भ में ऐसी बातें कर रहे थे। ऐसे में जब तक पूरा डाटा नहीं आ जाता, तब तक घटना पर बेवजह के नतीजे निकालना न सिर्फ यात्रियों के परिजनों के साथ, बल्कि पायलटों के परिवारवालों के साथ भी अन्याय है। जिस तरह बिना सबूतों के बोइंग को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार नहीं बताया जा सकता, वैसे ही पायलटों को भी बिना डाटा हासिल किए जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता। 

2. तो क्या बताई हादसे की वजह?
एंड्रयूज के मुताबिक, बोइंग का विमान पहले से ही कुछ अन्य समस्याओं से जूझ रहा था। खासकर अपने पानी स्टोरेज की प्रणाली को लेकर। इस प्रणाली से बोइंग अपने यात्रियों और क्रू के सदस्यों के लिए सुरक्षित और पीने योग्य पानी मुहैया कराने का दावा करता है, हालांकि, एंड्रयूज ने बताया कि यह सिस्टम विमान के संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स के काफी करीब है। उन्होंने कहा कि बीते काफी समय से बोइंग के बुलेटिन और अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) ने चेतावनियां जारी कीं, जिसमें पानी की लीकेज को लेकर आगाह किया गया था। 

Ahmedabad Plane Crash: कैसे क्रैश हुआ एअर इंडिया विमान; इंजन फेल या लैंडिंग गियर बंद न होने का कितना असर?

माइक एंड्रयूज के मुताबिक, विमान में पानी की लाइनों को जोड़ने वाली कपलिंग उन्होंने खुद खरीदी हैं और यह सरल से उपकरण हैं, जो कि दो लाइनों को थामे रहते हैं। उन्होंने दावा किया कि इस कपलिंग का एक हिस्सा ढीला पड़ सकता है। इससे कुछ समय बाद ही पानी की लीकेज शुरू हो सकती है। 

एंड्रयूज ने अमेरिकी एफएए के नोटिस और निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि बोइंग-787 विमानों में जहां उपकरण स्थित रहते हैं, उन जगहों पर पानी के लीकेज की घटनाएं सामने आई हैं और कुछ स्थितियों में तो उपकरणों को बदलना भी पड़ा है। गौरतलब है कि एंड्रयूज जिस कंपार्टमेंट का जिक्र कर रहे हैं, वह विमान में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कक्ष होता है। यह कक्ष पायलट केबिन के ठीक नीचे स्थित होता है और इसमें वह सभी उपकरण और कंप्यूटर होते हैं, जो कि फ्लाइट के लगभग सभी पहलुओं के प्रबंधन में मदद करते हैं। यहां तक कि विमान के डिजिटल इंजन कंट्रोल, जिसे फैडेक (Fadec) कहते हैं, उसका नियंत्रण भी इसी कक्ष में लगे उपकरणों से होते हैं।

यानी सीधे शब्दों में कहें तो फैडेक किसी भी एयरक्राफ्ट के दिमाग की तरह होता है। पुराने विमानों में जहां पायलट खुद से विमान के ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करते थे, वहीं नए इंजन अब संचालन से लेकर उड़ान भरने के लिए जरूरी ताकत, ईंधन की आपूर्ति और प्रदर्शन के लिए फैडेक पर ही निर्भर हैं। 

एफएए के मुताबिक, अगर विमान का फैडेक गड़बड़ हो जाए तो इंजन बेकार हो जाता है। इसी आधार पर एंड्रयूज ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि पानी का लीकेज उपकरणों को खराब कर दे तो स्थिति तुरंत खतरनाक हो जाएगी। हालांकि, इस स्थिति में अगर पानी उपकरणों को थोड़े समय के लिए बंद या दोबारा चालू करने लायक स्थिति में ले आए तो इससे इंजन कुछ समय के लिए अपने आप बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हमने देखा कि विमान के दोनों इंजन एक साथ बंद हो गए या उसने कुछ ही सेकंड्स के अंतराल में उड़ान भरने की ताकत खो दी। यह अपने आप में अनोखी बात है। ऐसे में पानी का उन उपकरणों तक पहुंचना और सिस्टम का खराब हो जाना इसकी वजह हो सकती है। उन्होंने कहा कि एफएए ने खुद क्रैश से कुछ हफ्ते पहले इस जोखिम को सामने रखा था।  

एंड्रयूज के मुताबिक, 14 मई 2025 को अमेरिकी उड्डयन नियामक ने एक आदेश जारी किया था। इसकमें कहा गया था कि विमान में पानी के स्टोरेज सिस्टम में लाइनों पर लगी कपलिंग के ठीक से फिट न होने की वजह से पानी के लीकेज के मामले सामने आए हैं। एफएए ने चेताया था कि इस तरह के लीकेज फैडेक को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इससे विमान में लगी तकनीकी प्रणाली खराब होने का खतरा है या इलेक्ट्रिकल शॉर्ट की आशंका भी काफी ज्यादा है, जो कि सुरक्षित यात्रा के लिए जोखिम भरी बात है। इसी आदेश में बोइंग के ड्रीमलाइनर विमान में नमी रोकने की व्यवस्था में कमी की जांच के लिए भी कहा गया था। 

उन्होंने बताया कि एफएए का यह निर्देश अहमदाबाद क्रैश वाली घटना के छह दिन बाद प्रभाव में आना था। यानी जांच नियम को लागू करने में जरूरी जल्दबाजी नहीं दिखाई गई, वह भी तब बोइंग को इस बारे में पता था। विमानन सुरक्षा हर किसी को प्रभावित करती है। एक चिंता की बात यह है कि एफएए के निर्देश अमेरिका के अंदर तो प्रभावी होते हैं, लेकिन अमेरिका के बाहर इनका महत्व कम हो जाता है। फिर चाहे राजनीतिक सुरक्षा की बात हो या संचार में दिक्कत का मसला। 

वकील ने दावों के पक्ष में क्या तर्क दिए?
अहमदाबाद में एयर इंडिया द्वारा संचालित बोइंग 737-8 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश में सभी 229 यात्रियों और 12 क्रू सदस्यों की जान चली गई थी। इसके अलावा विमान की चपेट में आकर 19 अन्य की मौत हुई थी। इस घातक हादसे के बावजूद विमान में ही सवार एक ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश की जान बच गई थी। उन्होंने कुछ समय पहले ही ब्रिटिश मीडिया समूह- बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि टेकऑफ के पांच से 10 सेकंड के अंदर विमान में मौजूद लाइटें जलनी-बुझनी शुरू हो गई थीं। रमेश ने इस इंटरव्यू में कहा था कि सभी बत्तियां हरी और सफेद होने लगी थीं। ऐसा लग रहा था जैसे विमान हवा में ही अटक गया। इसके कुछ देर बाद यह एक इमारत से टकरा गया और इसमें विस्फोट हो गया। 

एंड्रयू ने हादसे के चश्मदीद के इसी बयान को केंद्र में रखकर कहा कि यह स्थितियां विमान में किसी इलेक्ट्रिकल खराबी की ओर इशारा करती हैं। उन्होंने बताया कि विमान की रैम एयर टर्बाइन सिर्फ तभी बाहर आती हैं, जब प्लेन में कोई इलेक्ट्रिक गड़बड़ी होती है। 

गौरतलब है कि कुछ इसी तरह का दावा एआई 171 प्लेन क्रैश से ठीक पहले इसी विमान से दिल्ली से अहमदाबाद आए एक और यात्री ने किया था। एक्स पर एक पोस्ट में आकाश वत्स नाम के इस शख्स ने दावा किया था कि सफर के दौरान उसने कुछ अजीब चीजें महसूस कीं। उन्होंने कहा था, "मैं अहमदाबाद में उतरने से पहले उसी फ्लाइट में दो घंटे तक था। मैं दिल्ली से चढ़ा था।" वत्स ने अपने सफर से जुड़े कुछ वीडियो भी पोस्ट किए हैं। इस शख्स ने कहा कि आसपास के यात्री सीट पॉकेट में रखी मैगजीन को हवा करने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि एसी काम नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा, "फ्लाइट में एसी के साथ टीवी स्क्रीन्स और केबिन क्रू को बुलाने के लिए लगे बटन भी काम नहीं कर रहे थे।" 

Plane Crash: अहमदाबाद में क्रैश हुआ जो विमान, उसी से दिल्ली से आया था युवक, की थी तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed