Air India Crash: प्राथमिक जांच में पायलट पर नहीं डाली गई हादसे की जिम्मेदारी, केंद्र ने SC में रखा पक्ष
गौरतलब है कि गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के चंद सेकंड बाद दुर्घटना का शिकार हो गया था। इस घटना में 265 लोगों की जान चली गई थी। एएआईबी के अंतर्गत हुई जांच में इस मामले में कई अहम पहलुओं का खुलासा हुआ था। हालांकि, इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विमान को उड़ाने वाले एक पायलट के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर दिया था। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से जवाब मांगा था।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की जांच टीम अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत गठित की गई है और इसका गठन कानूनी प्रावधानों के तहत किया गया है।
जस्टिस बागची ने कहा, “एएआईबी की जांच किसी पर दोषारोपण के लिए नहीं होती, बल्कि इसका मकसद दुर्घटना के कारणों का पता लगाना होता है ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।”
'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की तरह होनी चाहिए दुर्घटना की जांच'
एक एनजीओ की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इतने बड़े पैमाने की दुर्घटना की जांच कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की तरह की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पायलट संघ ने भी चिंता व्यक्त की है कि इन विमानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता और इनमें यात्रा करने वाले लोगों के जान को बड़ा खतरा है।
उधर जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि इन कार्यवाहियों को एक एयरलाइन बनाम दूसरी एयरलाइन की लड़ाई नहीं बनना चाहिए और सॉलिसिटर जनरल से मृतक के पिता की ओर से दाखिल याचिका पर जवाब दायर करने को कहा। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए स्थगित कर दी।
अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट हुई थी दुर्घटना का शिकार
यह हादसा 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाईअड्डे के लिए रवाना एयर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान (उड़ान संख्या एआई171) के टेकऑफ के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर से टकराने पर हुआ था। इस दुर्घटना में 265 लोगों की मौत हुई, जिनमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे। मृतकों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली, एक कनाडाई नागरिक और 12 चालक दल के सदस्य थे। दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति-विश्वेशकुमार रमेश जिंदा बचे थे।