Pollution: प्रदूषण से एयर प्यूरिफायर की बिक्री पांच गुना बढ़ी, वित्तमंत्री से जीएसटी घटाने की मांग
दिल्ली में प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता लगातार खराब स्थिति में बनी हुई है। इसके कारण एयर प्यूरिफायर की मांग भी लगातार बढ़ रही है। जिसे लेकर सरकार से इस पर जीएसटी कम करने की मांग उठ रही है।
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वायु प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है। लोगों को सांस लेने की बीमारियों के साथ-साथ अन्य कई परेशानियों से निपटना पड़ रहा है, लेकिन इस आपदा के समय में भी एक वर्ग को इससे खूब फायदा हो रहा है। प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने के कारण बाजार में एयर प्यूरीफायर की बिक्री पांच गुना तक बढ़ गई है। लोग साफ हवा पाने के लिए अपने घर-कार्यालय में एयर प्यूरीफायर लगवा रहे हैं। इससे इसकी बिक्री में तगड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
बाजार में विभिन्न कंपनियों के एयर प्यूरीफायर अपनी क्षमता के अनुसार लगभग आठ हजार रुपए से 25-30 हजार रुपए में मिल रहे हैं। इस पर लोगों को 18 प्रतिशत की जीएसटी भी देनी पड़ रही है। व्यापारियों की मांग है कि इस गंभीर प्रदूषण के बीच एयर प्यूरीफायर की उपयोगिता को देखते हुए इसे आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा जाना चाहिए और इस पर जीएसटी की दर 18% से घटकर पांच प्रतिशत कर देनी चाहिए। इससे समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को भी अपेक्षाकृत कम कीमत पर साफ हवा उपलब्ध हो सकेगी।
व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर पर GST की दरें 18% से घटाकर 5% करने की मांग की है।
व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि अक्तूबर के बाद जैसे ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है एयर प्यूरीफायर की डिमांड 5 गुणा बढ़ गई है। पहले एक दुकान पर प्रतिदिन औसतन चार से पांच एयर प्यूरीफायर बिकते थे, लेकिन अब प्रतिदिन लगभग 20 एयर प्यूरीफायर तक बिक रहे हैं। कुछ कंपनियों के पास स्टाॅक भी खत्म हो गए हैं।