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RSS: एआईडीयूएफ विधायक ने कहा- पीएफआई से ज्यादा खतरनाक है आरएसएस, प्रतिबंध लगाने की मांग
एएनआई, गुवाहाटी
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Sun, 25 Dec 2022 05:30 AM IST
सार
एआईयूडीएफ असम में सरकार बनाती है तो वह इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। एआईयूडीएफ विधायक ने यह भी कहा कि अदालत तय करेगी कि गिरफ्तार किए गए 53 लोग जिहादी गतिविधियों में शामिल थे या नहीं, जैसा कि सरकार ने दावा किया है।
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अमीनुल इस्लाम
- फोटो : Social Media
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विस्तार
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक अमीनुल इस्लाम ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो वह आरएसएस के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अमीनुल इस्लाम ने कहा, आरएसएस और बजरंग दल जैसे संगठन पीएफआई से ज्यादा खतरनाक हैं। उन्होंने सरकार से इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि एआईयूडीएफ असम में सरकार बनाती है तो वह इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। एआईयूडीएफ विधायक ने यह भी कहा कि अदालत तय करेगी कि गिरफ्तार किए गए 53 लोग जिहादी गतिविधियों में शामिल थे या नहीं, जैसा कि सरकार ने दावा किया है। बता दें कि असम सरकार ने शनिवार को कहा कि 2022 में अब तक एक बांग्लादेशी नागरिक सहित 53 जिहादियों को गिरफ्तार किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक तेराश गोवाला ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कहा कि मार्च 2022 से कुल नौ मामले जिहादी गतिविधियों से जुड़े बारपेटा, बोंगाईगांव, मोरीगांव, धुबरी, गोलपारा, तमुलपुर और नलबाड़ी जिलों में मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बारपेटा जिले में दर्ज मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिया गया है। एक बांग्लादेशी नागरिक सैफुल इस्लाम उर्फ हारुन रशीद उर्फ सुमन को असम पुलिस ने आईपीसी, पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत बारपेटा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह ढकलियापारा मस्जिद के इमाम के रूप में कार्यरत था और जोशीहाटीपारा सैखुल हिंद महमूदुल हसन जमीउल हुडा इस्लामिक अकादमी में अरबी शिक्षक था।
सीएम सरमा ने कहा कि पांच बांग्लादेशी नागरिक उस्मान उर्फ अमीनुल इस्लाम उर्फ मेहदी हसन, अब्दुल्ला तल्हा उर्फ जाकिर भाई, महबूब उर्फ महबूबुर रहमान, आलमगीर उर्फ मोहम्मद तलहा और जहांगीर उर्फ इब्राहिम उर्फ हनीफ अभी भी फरार हैं।
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उन्होंने कहा कि एआईयूडीएफ असम में सरकार बनाती है तो वह इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। एआईयूडीएफ विधायक ने यह भी कहा कि अदालत तय करेगी कि गिरफ्तार किए गए 53 लोग जिहादी गतिविधियों में शामिल थे या नहीं, जैसा कि सरकार ने दावा किया है। बता दें कि असम सरकार ने शनिवार को कहा कि 2022 में अब तक एक बांग्लादेशी नागरिक सहित 53 जिहादियों को गिरफ्तार किया गया है।
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक तेराश गोवाला ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कहा कि मार्च 2022 से कुल नौ मामले जिहादी गतिविधियों से जुड़े बारपेटा, बोंगाईगांव, मोरीगांव, धुबरी, गोलपारा, तमुलपुर और नलबाड़ी जिलों में मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बारपेटा जिले में दर्ज मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिया गया है। एक बांग्लादेशी नागरिक सैफुल इस्लाम उर्फ हारुन रशीद उर्फ सुमन को असम पुलिस ने आईपीसी, पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत बारपेटा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह ढकलियापारा मस्जिद के इमाम के रूप में कार्यरत था और जोशीहाटीपारा सैखुल हिंद महमूदुल हसन जमीउल हुडा इस्लामिक अकादमी में अरबी शिक्षक था।
सीएम सरमा ने कहा कि पांच बांग्लादेशी नागरिक उस्मान उर्फ अमीनुल इस्लाम उर्फ मेहदी हसन, अब्दुल्ला तल्हा उर्फ जाकिर भाई, महबूब उर्फ महबूबुर रहमान, आलमगीर उर्फ मोहम्मद तलहा और जहांगीर उर्फ इब्राहिम उर्फ हनीफ अभी भी फरार हैं।