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Stray Dogs: 'मुमकिन होता तो अब तक किया जा चुका होता', शीर्ष कोर्ट के आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर मेनका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Fri, 07 Nov 2025 03:58 PM IST
सार

Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूलों, अस्पतालों, बस अड्डों और रेल स्टेशनों से सभी आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें वापस वहीं नहीं छोड़ा जाए। इस आदेश को पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने अव्यवहारिक बताया और कहा कि इतने कुत्तों को हटाने के लिए पर्याप्त आश्रय स्थल ही नहीं हैं।

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Animal rights activist Maneka Gandhi and others on supreme court order removal of stray dogs public premises
मेनका गांधी। - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट के सार्वजनिक स्थानों से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, यह फैसला उतना ही बुरा है या शायद उससे भी बुरा है, जितना जस्टिस (जेबी) पारदीवाला का फैसला था। इसे लागू करना संभव नहीं है। अगर पांच हजार कुत्तों को हटाया जाए तो उन्हें कहां रखा जाएगा? इसके लिए पचास आश्रय की जरूरत होगी। लेकिन हमारे पास इतने आश्रय नहीं हैं। 
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उन्होंने आगे कहा, इन्हें उठाने वाले लोग भी चाहिए। अगर यहां आठ लाख कुत्ते हैं तो 5000 को हटाने से क्या फर्क पड़ेगा? अगर यह मुमकिन होता तो अब तक किया जा चुका होता। 
 
वहीं, वकील और याचिकाकर्ता ननिता शर्मा ने शीर्ष कोर्ट के आदेश पर कहा, आज का आदेश 11 अगस्त के आदेश जैसा ही है। सरकारी दफ्तरों, शिक्षण संस्थानों, रेल स्टेशनों और बस स्टॉप से कुत्तों को हटाया जाएगा और उन्हें कहीं और स्थानांतरित किया जाएगा। एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, ताकि ये कुत्ते दोबारा  इन जगहों पर न लौटें। मुझे अभी भी उम्मीद है और मैं भगवान पर भरोसा रखती हूं कि इन मूक प्राणियों के साथ अन्याय नहीं होगा। 

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उन्होंने कहा, पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों के तहत किसी इलाके से आवारा कुत्तों कही और ले जाकर बसाना सही नहीं है। इसे काटने के मामलों के कारण सही ठहराया गया है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आश्रय गृहों की स्थिति भी अच्छी होनी चाहिए। हम आदेश का सम्मान करते हैं, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के परिसर से सभी आवारा कुत्तों को हटाया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि नसबंदी के बाद इन कुत्तों को उसी इलाके में वापस नहीं छोड़ा जाएगा।



 
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