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Pune Land Scam: क्या पुणे जमीन घोटाले में पुलिस उपमुख्यमंत्री के बेटे को बचा रही है? जांच पर बॉम्बे HC का सवाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: पवन पांडेय Updated Thu, 11 Dec 2025 05:18 AM IST
सार

मामला पुणे के पॉश मुंधवा इलाके की 40 एकड़ जमीन की बिक्री से जुड़ा है। यह जमीन सरकारी थी, जिसे बेचा नहीं जा सकता था। इसके बावजूद इसे 300 करोड़ रुपये में अमाडिया इंटरप्राइजेज एलएलपी नाम की एक कंपनी को बेचा गया, जिसमें पार्थ पवार की हिस्सेदारी है। आरोप है कि कंपनी को 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी से भी छूट मिली।

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Are the police protecting the Dy CM's son in the Pune land scam? Bombay High Court questions investigation
बॉम्बे हाई कोर्ट - फोटो : ANI
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विस्तार
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को विवादित पुणे जमीन सौदे की पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाए। अदालत ने पूछा कि क्या पुलिस महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार को बचा रही है, क्योंकि एफआईआर में उनका नाम शामिल नहीं किया गया। जस्टिस माधव जामदार की एकल पीठ कारोबारी शीतल तेजवानी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 
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क्या सिर्फ दूसरों की जांच कर रही है पुलिस?
इसी दौरान जस्टिस माधव जामदार ने पूछा, क्या पुलिस उपमुख्यमंत्री के बेटे को बचा रही है और सिर्फ दूसरों की जांच कर रही है? इस पर लोक अभियोजक मनकुंवर देशमुख ने कहा कि पुलिस कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी।

पार्थ पवार का नाम किसी दस्तावेज में नहीं
संयुक्त पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीआर) की अध्यक्षता वाली समिति ने कारोबारी दिग्विजय पाटिल, शीतल तेजवानी और उप-पंजीयक रविंद्र तारू पर जिम्मेदारी तय की और इन्हें एफआईआर में शामिल किया है। अधिकारियों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री के बेटे पार्थ पवार का नाम किसी भी दस्तावेज में नहीं होने के कारण उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। शीतल को 3 दिसंबर को पुणे पुलिस की आर्थिक अपराधा शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया था और वह 11 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में हैं।

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सरकार किसी को नहीं बचा रही- फडणवीस
बॉम्बे हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले पर सफाई दी। फडणवीस ने कहा कि सरकार पुणे जमीन सौदे में किसी को बचा नहीं रही है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी से जुड़े सवाल पर फडणवीस ने कहा, मैंने नहीं सुना कि अदालत ने क्या कहा है, लेकिन जो सवाल किए गए हैं, उसके बारे में कोर्ट में सही जवाब दिया जाएगा। शुरू से ही सरकार का रुख किसी को बचाने का नहीं है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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