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Assam: असम में लव जिहाद-बहुविवाह पर नकेल की तैयारी! विधानसभा के अगले सत्र में विधेयक लाएगी सरकार, CM का एलान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 22 Oct 2025 03:54 PM IST
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सार
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावों का उद्देश्य राज्य में सामाजिक सुधार और पारंपरिक संस्थाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

हिमंत बिस्व सरमा, सीएम, असम
- फोटो : ANI
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विस्तार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार विधानसभा के अगले सत्र में लव जिहाद और बहुविवाह जैसे मुद्दों पर कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करेगी। यह सत्र अगले महीने होने की संभावना है। सरमा ने नगांव में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इन विधेयकों के मसौदे को जब राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल जाएगी, तब इनके विस्तृत प्रावधान साझा किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “असम विधानसभा के आने वाले सत्र में हम ‘लव जिहाद’, बहुविवाह, सत्रों (वैष्णव मठ) के संरक्षण और चाय जनजातियों को भूमि अधिकार देने जैसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बिल लाने जा रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावों का उद्देश्य राज्य में सामाजिक सुधार और पारंपरिक संस्थाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि विधेयकों में क्या-क्या प्रावधान होंगे।

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उन्होंने कहा, “असम विधानसभा के आने वाले सत्र में हम ‘लव जिहाद’, बहुविवाह, सत्रों (वैष्णव मठ) के संरक्षण और चाय जनजातियों को भूमि अधिकार देने जैसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बिल लाने जा रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावों का उद्देश्य राज्य में सामाजिक सुधार और पारंपरिक संस्थाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि विधेयकों में क्या-क्या प्रावधान होंगे।
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जुबीन गर्ग की मौत के राजनीतिकरण का लगाया आरोप
सरमा ने बुधवार को कहा कि 'एक वर्ग' जुबीन गर्ग की मौत का राजनीतिकरण करने और गायक के सच्चे अनुयायी होने का ढोंग रचकर राज्य में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। यहां एक आधिकारिक समारोह से इतर पत्रकारों से बात करते हुए सरमा ने यह भी कहा कि भाजपा राज्य को नकली अनुयायियों (जुबीन गर्ग के) की ओर से किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचाने के लिए इस सांस्कृतिक प्रतीक के सभी असली अनुयायियों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, "जुबीन गर्ग का निधन असमिया समाज के लिए सबसे दुखद खबर है। लेकिन लोगों के एक वर्ग ने इसे राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश की है। उनमें से कई लोगों ने या तो जुबीन के जीवित रहते हुए उनका एक भी गाना नहीं सुना, या फिर जुबीन गर्ग के बारे में उनकी जानकारी बहुत सीमित है।"
सरमा ने दावा किया कि गर्ग की मृत्यु के बाद, ये लोग उनकी विचारधारा को एक अलग दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि ज़ुबीन गर्ग के निधन के बाद कोई राजनीति नहीं होगी, जैसे भूपेन हजारिका, ज्योति प्रसाद अग्रवाल और बिष्णु प्रसाद राव के बाद किसी ने राजनीति नहीं की। सभी राजनीतिक दल जुबीन गर्ग को प्यार करते थे और उनके नाम पर राजनीति करने की कोई गुंजाइश नहीं है।
सरमा ने बुधवार को कहा कि 'एक वर्ग' जुबीन गर्ग की मौत का राजनीतिकरण करने और गायक के सच्चे अनुयायी होने का ढोंग रचकर राज्य में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। यहां एक आधिकारिक समारोह से इतर पत्रकारों से बात करते हुए सरमा ने यह भी कहा कि भाजपा राज्य को नकली अनुयायियों (जुबीन गर्ग के) की ओर से किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचाने के लिए इस सांस्कृतिक प्रतीक के सभी असली अनुयायियों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, "जुबीन गर्ग का निधन असमिया समाज के लिए सबसे दुखद खबर है। लेकिन लोगों के एक वर्ग ने इसे राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश की है। उनमें से कई लोगों ने या तो जुबीन के जीवित रहते हुए उनका एक भी गाना नहीं सुना, या फिर जुबीन गर्ग के बारे में उनकी जानकारी बहुत सीमित है।"
सरमा ने दावा किया कि गर्ग की मृत्यु के बाद, ये लोग उनकी विचारधारा को एक अलग दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि ज़ुबीन गर्ग के निधन के बाद कोई राजनीति नहीं होगी, जैसे भूपेन हजारिका, ज्योति प्रसाद अग्रवाल और बिष्णु प्रसाद राव के बाद किसी ने राजनीति नहीं की। सभी राजनीतिक दल जुबीन गर्ग को प्यार करते थे और उनके नाम पर राजनीति करने की कोई गुंजाइश नहीं है।