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Bihar Election: '1994 से लागू है पहचान जांच का नियम', बुर्का या पर्दा पहनकर वोटिंग विवाद पर चुनाव आयोग की सफाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Thu, 16 Oct 2025 05:55 PM IST
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सार

Bihar Election Controversy: बिहार चुनाव से पहले पर्दा या बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं की पहचान जांच को लेकर विवाद बढ़ गया है। विपक्ष ने फैसले पर सवाल उठाए, लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि यह नियम नया नहीं, बल्कि 1994 से लागू है, जिसका मकसद महिलाओं की पहचान सम्मानजनक तरीके से सुनिश्चित करना है।

Bihar Election Controversy over voting wearing burqa or veil Election Commission clarifies
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब एक महीने से भी कम का समय शेष रह गया है। ऐसे में अब चुनाव से पहले पर्दा करने या बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं की पहचान की जांच को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। हालांकि मामले में चुनाव आयोग ने सफाई दी है कि यह कोई नया नियम नहीं है, बल्कि 1994 से ही लागू है, जब टीएन शेशन चुनाव आयुक्त थे। आयोग ने बताया कि उस समय महिलाओं की पहचान सम्मानजनक तरीके से करने के निर्देश दिए गए थे ताकि महिला मतदाताओं की गोपनीयता बनी रहे।

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1994 के आदेश में क्या कहा गया था?
बता दें कि 21 अक्तूबर 1994 को दिए गए आदेश में कहा गया था कि पर्दा करने वाली या बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान के लिए मतदान केंद्रों पर अलग से व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे महिलाओं की गोपनीयता बनी रहे। उस समय  आयोग ने निर्देश दिया था कि मतदान केंद्रों पर ऐसे महिलाओं के लिए अलग से एक ढका हुआ स्थान बनाया जाए, जहां वे अपनी पहचान बिना किसी झिझक के दिखा सकें।
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चुनाव आयोग ने ये भी बताया था कि इसके लिए महंगे इंतजाम की जरूरत नहीं, बल्कि स्थानीय साधनों जैसे चादर, चारपाई या बड़े कपड़ों से यह ढकी हुई जगह बनाई जा सकती है।इसका मकसद था कि कोई भी महिला सिर्फ परंपरा या शर्म की वजह से वोट देने से पीछे न हटे और चुनाव में उनकी भागीदारी बढ़े। चुनाव आयोग ने बताया कि उस समय महिलाओं की कम मतदान भागीदारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया था।

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अब क्या व्यवस्था की जा रही है?
ऐसे में अब चुनाव आयोग ने कहा है कि बिहार में मतदान के दौरान महिला अधिकारी या अटेंडेंट की मौजूदगी में सम्मानजनक तरीके से पहचान की जाएगी। मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हर मतदान केंद्र पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाएगा, जो बुर्का या पर्दा पहनी महिलाओं की पहचान करने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि आयोग के दिशा-निर्देश बहुत स्पष्ट हैं और उनका सख्ती से पालन किया जाएगा। आयोग ने बताया कि 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाएं चुनाव ड्यूटी पर लगाई जाएंगी।

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बिहार विधानसभा चुनाव और परिणाम
गौरतलब है कि बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में छह नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। पहले चरण में 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं, दूसरे चरण में 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग होगी। इस बार राज्य में कुल 7.43 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें लगभग 14 लाख नए मतदाता शामिल हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे। 

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