जदयू की पहली सूची में चार महिलाएं: एक लोजपा सांसद की बेटी, एक हैं पूर्व विधायक की 26 साल छोटी दूसरी पत्नी
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जदयू के 57 उम्मीदवारों की पहली सूची आ गई है। इस सूची में चार महिलाओं को टिकट मिला है। आइये जानते हैं जदयू की चारों महिला उम्मीदवारों के बारे में...

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जदयू उम्मीदवारों की पहली सूची सामने आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने कुल 57 सीटों के लिए उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। पहली सूची में शामिल 57 चेहरों में चार महिला उम्मीदवार भी हैं। इनमें मधेपुरा विधानसभा सीट से कविता साहा को उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह समस्तीपुर सीट से अश्वमेघ देवी को टिकट मिला हैं। विभूतिपुर से रवीना कुशवाहा पार्टी की उम्मीदवार होंगी। वहीं, गयाघाट सीट से कोमल सिंह को टिकट मिला है। आइये जानते हैं इन चारों चेहरों की खासियत...

मधेपुरा: कविता साहा- मधेपुरा सीट से उम्मीदवार बनाई गईं कविता साहा मधेपुरा नगर परिषद की अध्यक्ष हैं। कविता 2022 में मधेपुरा नगर परिषद की अध्यक्ष चुनी गई थीं। इसी चुनाव में उनके पति अनमोल साहा पार्षद पद का चुनाव हार गए थे। आजादी के बाद पहली बार किसी बड़ी पार्टी ने गैर यादव उम्मीदवार उतारा है। अब तक हुए सभी चुनाव में मधेपुरा सीट से यादव जाति के उम्मीदवारों को ही जीत मिली है। पिछली तीन बार से इस सीट पर राजद के चंद्रशेखर यादव को जीत मिल रही है। बिहार के सातवें मुख्यमंत्री बीपी मंडल ने भी मधेपुरा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। बीपी मंडल नाम से बने मंडल कमीशन की रिपोर्ट के बाद पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिला।

गयाघाट: कोमल सिंह- जदयू उम्मीदवारों की सूची में दूसरी महिला उम्मीदवार कोमल सिंह हैं। उन्हें गयाघाट से उम्मीदवार बनाया गया है। कोमल लोजपा से सांसद वीणा देवी की बेटी हैं। उनकी माता भी इस सीट से विधानसभा पहुंच चुकी हैं। कोमल के पिता दिनेश प्रताप सिंह नीतीश के करीबियों में शामिल हैं। दिनेश प्रताप सिंह जदयू के टिकट पर 2022 में बिहार विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे। टिकट बंटवारे से पहले ही कोमल के समर्थक दावा कर रहे थे कि गयाघाट सीट चाहे जदयू के कोटे में जाए चाहे लोजपा-आर के कोटे में जाए यहां से एनडीए की उम्मीदवार कोमल ही होंगी। कोमल 2020 में लोजपा से टिकट पर यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। तब जदयू में रहते हुए भी दिनेश प्रताप सिंह ने बेटी के लिए प्रचार किया था। उस चुनाव में यहां राजद के निरंजन राय को जीत मिली थी। तब कोमल सिंह तीसरे स्थान पर रही थीं। 2020 में चुनावी राजनीति में आने से पहले कोमल प्राइवेट सेक्टर में अच्छे वेतन पर नौकरी कर रही थीं। कोमल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और सिम्बॉयसिस पुणे से एमबीए की पढ़ाई की है।
समस्तीपुर: अश्वमेघ देवी- जदयू की महिला उम्मीदवारों में तीसरा नाम अश्वमेध देवी का है। अश्वमेघ देवी राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष रह चुकी हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में देवी उजियारपुर सीट से जीतीं थीं। पिछले तीन चुनाव से इस सीट पर भाजपा के नित्यानंद राय सांसद हैं। अश्वमेघ देवी समस्तीपुर जदयू की जिला अध्यक्ष भी रही हैं। लंबे समय से जदयू से जुड़ी हुई हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी वह समस्तीपुर सीट से लड़ी थीं। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। समस्तीपुर विधानसभा सीट से पिछले तीन बार से यहां राजद के अख्तरुल इस्लाम साहिन को जीत मिल रही है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर यहां से विधायक रहे हैं। 1980 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कर्पूरी ठाकुर जीते थे। कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर भी इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। 2000 के बाद फरवरी 2005 और अक्तूबर 2005 के चुनाव में भी उन्हें जीत मिली थी। रामनाथ ठाकुर बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे और लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री रहे। 2014 में वे राज्यसभा भी पहुंचे।
विभूतिपुर: रवीना कुशवाहा: नीतीश की पार्टी ने विभूतिपुर सीट से रवीना कुशवाहा को टिकट दिया है। रवीना विभूतिपुर सीट के पूर्व विधायक राम बालक कुशवाहा की दूसरी पत्नी हैं। रामबालक कुशावाहा ने नवंबर 2024 में रवीना ने शादी की थी। 2010 और 2015 में यहां से जीते राम बालक सिंह की पहली पत्नी का 2022 में कैसर के चलते निधन हो गया था। दोनों की शादी के वक्त रवीना ने अपनी उम्र 31 साल बताई थी। वहीं, राम बालक सिंह ने 2010 के विधानसभा चुनाव में अपनी उम्र 43 साल, 2015 के चुनाव में 44 और 2020 के चुनाव में 49 साल बताई थी। 2024 में शादी के वक्त भी राम बालक सिंह ने अपनी उम्र 49 साल बताई थी। हालांकि, 2010 की उम्र को सही माना जाए तो अभी उनकी उम्र 58 साल है। इस लिहाज से पति-पत्नी की उम्र में 26 साल का अंतर है।
शादी के वक्त से थी पत्नी को चुनाव लड़वाने की अटकलें
रामबालक सिंह का एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद विभूतिपुर में दोहरा हत्याकांड हुआ था। उसमें नाम आने के बाद विधायक को जेल जाना पड़ा था। इसके बाद जदयू ने राम बालक सिंह से खुद को अलग कर लिया था। उनकी शादी के बाद ही कयास लगाया गया था कि पूर्व विधायक ने बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए दूसरी शादी की है। पूर्व विधायक रामबालक सिंह विभूतिपुर सीट से अपनी दूसरी पत्नी रवीना कुमारी को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। अब ये कयास सही साबित हुए हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उस चुनाव में यहां से सीपीआई एमलएल के अजय कुमार ने रामबालक सिंह को हराया था।