{"_id":"68cd28e373f7e3130f065c80","slug":"bjp-s-amit-malviya-after-yasin-malik-claims-manmohan-singh-thanked-him-for-meeting-hafiz-saeed-2025-09-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"BJP: 'मनमोहन सिंह ने हाफिज सईद से मुलाकात के लिए धन्यवाद दिया', यासीन मलिक के दावे पर भड़की भाजपा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
BJP: 'मनमोहन सिंह ने हाफिज सईद से मुलाकात के लिए धन्यवाद दिया', यासीन मलिक के दावे पर भड़की भाजपा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Fri, 19 Sep 2025 03:27 PM IST
विज्ञापन
सार
BJP: भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यासीन मलिक के उस दावे को चौंकाने वाला कहा है, जिसमें उसने कथित तौर पर कहा कि आतंकवादी हाफिज सईद से मुलाकात के बाद तत्कालीन पीएम मनमनोहन सिंह ने उसे 'धन्यवाद' दिया था।

यासीन मलिक
- फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन
विस्तार
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने शुक्रवार को अलगाववादी यासीन मलिक के दावे को 'चौंकाने वाला' बताया। मलिक ने कहा कि साल 2006 में जब उसने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और 26/11 हमले के मास्टरइमाइंड हाफिज सईद से मुलाकात की थी, तब मुलाकात के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे इसके लिए 'धन्यवाद' कहा था। मलिक अभी तिहाड़ जेल में बंद है और आंतकवादी फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
यासीन मलिक ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में उसने कहा कि पाकिस्तान में हाफिज सईद से मुलाकात के बाद उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन को इसकी जानकारी दी थी।
ये भी पढ़ें: मीरवाइज की अवामी एक्शन कमेटी सहित दो संगठनों पर जारी रहेगा प्रतिबंध, दो न्यायाधिकरणों ने दिया फैसला
अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए इस पूरे घटनाक्रम को 'चौंकाने वाला' बताया और दावा किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक आतंकवादी फंडिंग के दोषी को 'धन्यवाद' कहा। मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यूपीए सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर थी।
अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में क्या कहा?
अपने एक्स पोस्ट में अमित मालवीय ने लिखा कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का आतंकवादी यासीन मलिक ने एक चौंकाने वाला दावा किया है, जो फिलहाल आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में 25 अगस्त को दिए हलफनामे में मलिक ने कहा कि उसने 2006 में पाकिस्तान जाकर हाफिज सईद से मुलाकात की थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और 26/11 का मास्टरमाइंड है। मलिक के मुताबिक यह मुलाकात उसकी अपनी पहल पर नहीं, बल्कि भारत की खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर हुई थी। यह मुलाकात उस समय एक बैक-चैनल का हिस्सा थी। मलिक ने कहा कि इस मुलाकात के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया था।
ये भी पढ़ें: अनिल अंबानी और राणा कपूर की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई ने दो मामलों में कोर्ट में दाखिल किया आरोपपत्र
मालवीय ने आगे लिखा कि यासीन मलिक एक कट्टर आतंकवादी है, जिसने वायुसेना के तीन कर्मियों की हत्या की थी। यह देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा अपराध है और ऐसे अपराधी पर कानून की पूरी सख्ती लागू होनी चाहिए। अगर यासीन मलिक के ये नए दावे सच हैं, तो यह यूपीए सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और गोपनीय वार्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
यासीन मलिक ने अपने हलफनामे में यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में भूकंप राहत कार्य के लिए यात्रा के दौरान उसकी सईद और अन्य लोगों से मुलाकात भारत की खुफिया एजेंसी (आईबी) के अनुरोध पर हुई थी। मलिक का कहना है कि वह शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा था, लेकिन बाद में इसी मुलाकात को तोड़-मरोड़ पेश किया गया और उसे आतंकवादी घोषित कर दिया गया।
आतंकवाद से नहीं किया जा सकता समझौता: प्रफुल्ल पटेल
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, क्या कोई यह कह सकता है कि मनमोहन सिंह देशभक्त नहीं थे? ये सारे दावे बेबुनियाद हैं। आतंकवाद, आतंकवाद होता है और उससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। आज (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के साथ किसी भी तरह का समझौता संभव नहीं है। हमारे शासन के दौरान 26/11 जैसा हमला हुआ और ऐसी कई घटनाएं हुईं। लेकिन कोई भी सरकार आतंकवाद पर समझौता नहीं कर सकती। लेकिन एक बात सच है- अगर 26/11 के बाद मोदी सत्ता में होते, तो उन्होंने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया होता कि पहलगाम जैसी घटना कभी न होती।

यासीन मलिक ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में उसने कहा कि पाकिस्तान में हाफिज सईद से मुलाकात के बाद उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन को इसकी जानकारी दी थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें: मीरवाइज की अवामी एक्शन कमेटी सहित दो संगठनों पर जारी रहेगा प्रतिबंध, दो न्यायाधिकरणों ने दिया फैसला
अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए इस पूरे घटनाक्रम को 'चौंकाने वाला' बताया और दावा किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक आतंकवादी फंडिंग के दोषी को 'धन्यवाद' कहा। मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यूपीए सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर थी।
अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में क्या कहा?
अपने एक्स पोस्ट में अमित मालवीय ने लिखा कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का आतंकवादी यासीन मलिक ने एक चौंकाने वाला दावा किया है, जो फिलहाल आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में 25 अगस्त को दिए हलफनामे में मलिक ने कहा कि उसने 2006 में पाकिस्तान जाकर हाफिज सईद से मुलाकात की थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और 26/11 का मास्टरमाइंड है। मलिक के मुताबिक यह मुलाकात उसकी अपनी पहल पर नहीं, बल्कि भारत की खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर हुई थी। यह मुलाकात उस समय एक बैक-चैनल का हिस्सा थी। मलिक ने कहा कि इस मुलाकात के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया था।
ये भी पढ़ें: अनिल अंबानी और राणा कपूर की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई ने दो मामलों में कोर्ट में दाखिल किया आरोपपत्र
मालवीय ने आगे लिखा कि यासीन मलिक एक कट्टर आतंकवादी है, जिसने वायुसेना के तीन कर्मियों की हत्या की थी। यह देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा अपराध है और ऐसे अपराधी पर कानून की पूरी सख्ती लागू होनी चाहिए। अगर यासीन मलिक के ये नए दावे सच हैं, तो यह यूपीए सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और गोपनीय वार्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
यासीन मलिक ने अपने हलफनामे में यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में भूकंप राहत कार्य के लिए यात्रा के दौरान उसकी सईद और अन्य लोगों से मुलाकात भारत की खुफिया एजेंसी (आईबी) के अनुरोध पर हुई थी। मलिक का कहना है कि वह शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा था, लेकिन बाद में इसी मुलाकात को तोड़-मरोड़ पेश किया गया और उसे आतंकवादी घोषित कर दिया गया।
आतंकवाद से नहीं किया जा सकता समझौता: प्रफुल्ल पटेल
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, क्या कोई यह कह सकता है कि मनमोहन सिंह देशभक्त नहीं थे? ये सारे दावे बेबुनियाद हैं। आतंकवाद, आतंकवाद होता है और उससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। आज (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के साथ किसी भी तरह का समझौता संभव नहीं है। हमारे शासन के दौरान 26/11 जैसा हमला हुआ और ऐसी कई घटनाएं हुईं। लेकिन कोई भी सरकार आतंकवाद पर समझौता नहीं कर सकती। लेकिन एक बात सच है- अगर 26/11 के बाद मोदी सत्ता में होते, तो उन्होंने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया होता कि पहलगाम जैसी घटना कभी न होती।