{"_id":"6909c0be2106396c5e0a9af4","slug":"bombay-hc-grants-bail-to-65-year-old-accused-in-2011-mumbai-triple-blast-case-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Maharashtra: बॉम्बे हाईकोर्ट से 2011 मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी को जमानत, तीन धमाकों से दहली थी आर्थिक राजधानी","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
    Maharashtra: बॉम्बे हाईकोर्ट से 2011 मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी को जमानत, तीन धमाकों से दहली थी आर्थिक राजधानी
 
            	    न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई             
                              Published by: पवन पांडेय       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 02:30 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2011 में मुंबई में एक साथ हुए तीन बम धमाकों के 65 वर्षीय आरोपी को जमानत दे दी है। बता दें कि आरोपी कफील अहमद मोहम्मद अयूब को साल 2012 में गिरफ्तार किया गया था, वो तब से जेल में बंद है। 2011 में 13 जुलाई को मुंबई में 10 मिनट के अंदर तीन धमाके हुए थे।
    विज्ञापन
    
        
    
     
      
            
                            
                        बॉम्बे हाई कोर्ट
                                    - फोटो : ANI 
                    
    
        
    
विज्ञापन
 
विस्तार
                                                 
                बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को 2011 के मुंबई ट्रिपल बम ब्लास्ट मामले के एक 65 वर्षीय आरोपी कफील अहमद मोहम्मद अयूब को जमानत दे दी। इन धमाकों में 27 लोगों की मौत हुई थी और 120 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। न्यायमूर्ति एएस गडकरी और आरआर भोसले की खंडपीठ ने अयूब को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत मंजूर की। अदालत का विस्तृत आदेश अभी आना बाकी है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
यह भी पढ़ें - SIR: तमिलनाडु में डीएमके के विरोध के बीच एसआईआर की प्रक्रिया शुरू, सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिकता को दी चुनौती    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
13 साल से मुंबई सेंट्रल जेल में बंद है आरोपी
जानकारी के मुताबिक आरोपी मोहम्मद अयूब, जो बिहार का रहने वाला है, फरवरी 2012 में गिरफ्तार किया गया था और तब से मुंबई सेंट्रल जेल में बंद है। यानी वो करीब 13 साल से जेल में हैं, जबकि मुकदमा अब भी चल रहा है। 2011 में 13 जुलाई को मुंबई में 10 मिनट के अंदर तीन धमाके हुए थे, ये धमाके झावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर कबूतरखाना इलाके में हुए। उस वक्त लगातार तीन बम धमाकों से देश की आर्थिक राजधानी दहल गई थी।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
अयूब पर महाराष्ट्र एटीएस के आरोप
महाराष्ट्र एटीएस ने जांच में दावा किया था कि इंडियन मुजाहिदीन नाम के आतंकी संगठन ने इन धमाकों की साजिश रची थी और इसका मास्टरमाइंड यासीन भटकल था। एटीएस के मुताबिक, अयूब अन्य आरोपियों के साथ मिलकर युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर डालने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार करने का काम करता था। एजेंसी ने कहा कि वह यासीन भटकल के संपर्क में था।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
                                
                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
2022 में स्पेशल कोर्ट ने जमानत से किया था इनकार
अयूब ने स्पेशल कोर्ट की तरफ से साल 2022 में जमानत से इनकार किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनके वकील मोबीन सोलकर ने दलील दी कि अयूब कई वर्षों से बिना दोष सिद्ध हुए जेल में बंद हैं, और मुकदमा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
यह भी पढ़ें - Bihar Poll: 'बिहार के कर्मियों को तीन दिन की वेतन सहित छुट्टी दें', कर्नाटक डिप्टी सीएम की नियोक्ताओं से अपील
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
अयूब का दावा- दबाव में कबूल किया था अपराध
अयूब ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ सबूत के तौर पर केवल उनका कबूलनामा है, जो उन्होंने दबाव में दिया था, न कि स्वेच्छा से। अदालत ने सभी तथ्यों को देखते हुए उन्हें सशर्त जमानत दे दी।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
Trending Videos
 
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                यह भी पढ़ें - SIR: तमिलनाडु में डीएमके के विरोध के बीच एसआईआर की प्रक्रिया शुरू, सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिकता को दी चुनौती
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            13 साल से मुंबई सेंट्रल जेल में बंद है आरोपी
जानकारी के मुताबिक आरोपी मोहम्मद अयूब, जो बिहार का रहने वाला है, फरवरी 2012 में गिरफ्तार किया गया था और तब से मुंबई सेंट्रल जेल में बंद है। यानी वो करीब 13 साल से जेल में हैं, जबकि मुकदमा अब भी चल रहा है। 2011 में 13 जुलाई को मुंबई में 10 मिनट के अंदर तीन धमाके हुए थे, ये धमाके झावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर कबूतरखाना इलाके में हुए। उस वक्त लगातार तीन बम धमाकों से देश की आर्थिक राजधानी दहल गई थी।
अयूब पर महाराष्ट्र एटीएस के आरोप
महाराष्ट्र एटीएस ने जांच में दावा किया था कि इंडियन मुजाहिदीन नाम के आतंकी संगठन ने इन धमाकों की साजिश रची थी और इसका मास्टरमाइंड यासीन भटकल था। एटीएस के मुताबिक, अयूब अन्य आरोपियों के साथ मिलकर युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर डालने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार करने का काम करता था। एजेंसी ने कहा कि वह यासीन भटकल के संपर्क में था।
2022 में स्पेशल कोर्ट ने जमानत से किया था इनकार
अयूब ने स्पेशल कोर्ट की तरफ से साल 2022 में जमानत से इनकार किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनके वकील मोबीन सोलकर ने दलील दी कि अयूब कई वर्षों से बिना दोष सिद्ध हुए जेल में बंद हैं, और मुकदमा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें - Bihar Poll: 'बिहार के कर्मियों को तीन दिन की वेतन सहित छुट्टी दें', कर्नाटक डिप्टी सीएम की नियोक्ताओं से अपील
अयूब का दावा- दबाव में कबूल किया था अपराध
अयूब ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ सबूत के तौर पर केवल उनका कबूलनामा है, जो उन्होंने दबाव में दिया था, न कि स्वेच्छा से। अदालत ने सभी तथ्यों को देखते हुए उन्हें सशर्त जमानत दे दी।