CAPF: केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में नए 'बॉस' की आहट, दौड़ में हैं 'एजीएमयूटी' व 'यूपी' कैडर के 'आईपीएस' अधिकारी
इस माह आईटीबीपी और सीआईएसएफ के महानिदेशक रिटायर हो रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो दोनों ही आईपीएस को सेवा विस्तार मिलने की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई हैं। बीएसएफ डीजी, नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अर्धसैनिक बलों में नए 'बॉस' आने की आहट सुनाई देने लगी है। इस दौड़ में 'एजीएमयूटी' और 'यूपी' सहित विभिन्न कैडर के 'आईपीएस' अधिकारी शामिल हैं। इस माह आईटीबीपी और सीआईएसएफ के महानिदेशक रिटायर हो रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो दोनों ही आईपीएस को सेवा विस्तार मिलने की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई हैं। बीएसएफ डीजी, नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे। हालांकि अभी तक वे सेवा विस्तार पाने की दौड़ में बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि एनएसजी और एनडीआरएफ प्रमुखों को भी नई जिम्मेदारी मिल सकती है।

आईटीबीपी के डीजी राहुल रसगोत्रा, मणिपुर कैडर के 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। उनकी रिटायरमेंट इसी माह है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ में रहते हुए, आसूचना ब्यूरो में अनेक वर्षों तक विभिन्न पदों पर सेवाएं दी हैं। रस्गोत्रा ने कारगिल संघर्ष के मद्देनजर भारत में सभी एजेंसियों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग के लिए स्थापित मल्टी-एजेंसी सेंटर (एमएसी) का भी व्यावसायिक दक्षता से कुशल नेतृत्व किया था।
उन्होंने विदेश मंत्रालय के तहत इस्लामाबाद और वाशिंगटन में स्थित भारतीय मिशनों में भी मुख्य रूप से आतंकवाद-विरोधी सहयोग के लिए अहम कार्य किया। आईटीबीपी डीजी की दौड़ में कई आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। हालांकि इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदारों में यूपी कैडर के 1993 कैडर के आईपीएस वितुल कुमार हैं। वे फिलहाल सीआरपीएफ में स्पेशल डीजी हैं। उन्हें आईटीबीपी प्रमुख की कमान सौंपी जा सकती है।
सीआईएसएफ के डीजी राजविंदर सिंह भट्टी 30 सितंबर को रिटायर होंगे। सूत्रों के मुताबिक, उनके सेवा विस्तार की फाइल को गृह मंत्रालय से हरी झंडी नहीं मिल सकी है। सीआईएसएफ डीजी के लिए कई आईपीएस अफसरों का नाम सामने आ रहा है। इनमें एनएसजी के डीजी बी श्रीनिवासन, 1992 बैच (बिहार) शामिल हैं। उनकी रिटायरमेंट 31 अगस्त 2027 है। ऐसे में उन्हें दूसरे केंद्रीय बल की कमान सौंपी जा सकती है। एनडीआरएफ के डीजी पीयूष आनंद, 1991 बैच (यूपी कैडर) की जिम्मेदारी में भी बदलाव किया जा सकता है। उन्हें मार्च 2024 में दो वर्ष के लिए एनडीआरएफ में तैनात किया गया था।
एजीएमयूटी कैडर के 1993 बैच के आईपीएस अफसर
प्रवीर रंजन का नाम भी सीआईएसएफ डीजी के लिए प्रबल दावेदार के तौर पर सामने आया है। मार्च 2024 में वे चंडीगढ़ डीजीपी के पद से वापस आए थे। इसके बाद जून 2024 में उन्हें केंद्र में डीजी रैंक में एम्पैन्लड किया गया। फिलहाल वे सीआईएसएफ में एडीजी हैं। प्रवीर रंजन का नाम दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद की दौड़ में भी शामिल था। हालांकि केंद्र सरकार ने 1992 बैच के वरिष्ठ आईपीएस सतीश गोलचा के नाम पर मुहर लगाई।