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CJI: जस्टिस सूर्यकांत होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश, सीजेआई गवई ने कानून मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 27 Oct 2025 11:36 AM IST
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सार
जस्टिस सूर्यकांत भारत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश सीजेआई बीआर गवई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट के बाद वे भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।
सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत
- फोटो : ANI
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विस्तार
चीफ जस्टिस बीआर गवई ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए जस्टिस सूर्यकांत के नाम का प्रस्ताव भेजा है। दरअसल, सीजेआई गवई ने 23 नवंबर को पद से मुक्त हो रहे हैं।
वरिष्ठता के हिसाब सूची में पहले नंबर पर जस्टिस सूर्यकांत
न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख बनने की कतार में अगले स्थान पर हैं। नियुक्ति के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और 9 फरवरी, 2027 तक लगभग 15 महीने तक इस पद पर बने रहेंगे।
वरिष्ठता के हिसाब सूची में पहले नंबर पर जस्टिस सूर्यकांत
न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख बनने की कतार में अगले स्थान पर हैं। नियुक्ति के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और 9 फरवरी, 2027 तक लगभग 15 महीने तक इस पद पर बने रहेंगे।
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अब जानें- जस्टिस सूर्यकांत की शिक्षा-कानून क्षेत्र का अनुभव
10 फरवरी 1962 को हिसार जिले के पेट्वर गांव में जन्मे सूर्यकांत का बचपन साधारण परिवेश में बीता।
उन्होंने प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल से पूरी की और गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, हिसार से 1981 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से 1984 में कानून (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी की। इसी वर्ष उन्होंने हिसार के जिला न्यायालय में वकालत शुरू की और 1985 में चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। जल्द ही उन्होंने सांविधानिक, सेवा और नागरिक मामलों में अपनी गहरी समझ और सशक्त दलीलों से पहचान बनाई।
10 फरवरी 1962 को हिसार जिले के पेट्वर गांव में जन्मे सूर्यकांत का बचपन साधारण परिवेश में बीता।
उन्होंने प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल से पूरी की और गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, हिसार से 1981 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से 1984 में कानून (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी की। इसी वर्ष उन्होंने हिसार के जिला न्यायालय में वकालत शुरू की और 1985 में चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। जल्द ही उन्होंने सांविधानिक, सेवा और नागरिक मामलों में अपनी गहरी समझ और सशक्त दलीलों से पहचान बनाई।
सामाजिक मुद्दों से जुड़ी रही न्यायिक यात्रा
उनकी न्यायिक यात्रा सामाजिक मुद्दों से जुड़ी रही। वे सार्वजनिक संसाधनों के संरक्षण, भूमि अधिग्रहण, मुआवजे, पीड़ितों के अधिकार, आरक्षण और सांविधानिक संतुलन जैसे विषयों में संवेदनशील दृष्टिकोण रखते रहे। उनके फैसलों ने सामाजिक न्याय, सांविधानिक मर्यादा और नागरिक अधिकारों को मजबूती दी।
हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने थे
7 जुलाई 2000 को वे हरियाणा के एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए। यह पद संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। अगले वर्ष उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता (सीनियर एडवोकेट) का दर्जा मिला। 9 जनवरी 2004 को वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। बाद में, 5 अक्तूबर 2018 को उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वहां उनके प्रशासनिक कौशल और न्यायिक दृष्टिकोण की व्यापक सराहना हुई।
उनकी न्यायिक यात्रा सामाजिक मुद्दों से जुड़ी रही। वे सार्वजनिक संसाधनों के संरक्षण, भूमि अधिग्रहण, मुआवजे, पीड़ितों के अधिकार, आरक्षण और सांविधानिक संतुलन जैसे विषयों में संवेदनशील दृष्टिकोण रखते रहे। उनके फैसलों ने सामाजिक न्याय, सांविधानिक मर्यादा और नागरिक अधिकारों को मजबूती दी।
हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने थे
7 जुलाई 2000 को वे हरियाणा के एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए। यह पद संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। अगले वर्ष उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता (सीनियर एडवोकेट) का दर्जा मिला। 9 जनवरी 2004 को वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। बाद में, 5 अक्तूबर 2018 को उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वहां उनके प्रशासनिक कौशल और न्यायिक दृष्टिकोण की व्यापक सराहना हुई।
देश के 53वें सीजेआई होंगे जस्टिस सूर्यकांत, नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे। वह 9 फरवरी, 2027 तक इस पद पर रहेंगे। न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादलों की प्रक्रिया तय करने वाले ‘मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर’ के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ और उपयुक्त न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है। सीजेआई गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्यकांत हैं। मौजूदा सीजेआई के सेवानिवृत्त होने से करीब एक माह पहले विधि मंत्री उनकी सिफारिश मांगते हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे। वह 9 फरवरी, 2027 तक इस पद पर रहेंगे। न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादलों की प्रक्रिया तय करने वाले ‘मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर’ के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ और उपयुक्त न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है। सीजेआई गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्यकांत हैं। मौजूदा सीजेआई के सेवानिवृत्त होने से करीब एक माह पहले विधि मंत्री उनकी सिफारिश मांगते हैं।