जयराम रमेश बोले: 'मनुस्मृति से प्रेरित सरकार की श्रम-रोजगार नीति, यह संविधान का अपमान'; बिहार सरकार पर कसा तंज
Politics: केंद्र सरकार की नई 'श्रम शक्ति नीति 2025' को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने इस नीति के मसौदे में मनुस्मृति जैसी प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख किए जाने पर तीखी आपत्ति जताई है। पार्टी का कहना है कि यह कदम संविधान और डॉ. भीमराव आंबेडकर की विरासत का अपमान है।
विस्तार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने केंद्र सरकार की तरफ से जारी 'राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति - श्रम शक्ति नीति 2025' के मसौदे पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस नीति मसौदे में यह लिखा गया है कि श्रम नीति की प्रेरणा प्राचीन ग्रंथों जैसे मनुस्मृति, याज्ञवल्क्यस्मृति, नारदस्मृति, शुक्रनीति और अर्थशास्त्र से ली गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनुस्मृति ने भारत में जाति व्यवस्था और जातिवाद को जन्म दिया, इसलिए इसे नीति की नींव बताना संविधान के खिलाफ है। जयराम रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार का यह कहना कि श्रम शक्ति नीति संविधान से नहीं बल्कि मनुस्मृति जैसे ग्रंथों से प्रेरित है, यह हमारे संविधान का अपमान है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।'
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संविधान नहीं, मनुस्मृति से प्रेरणा- जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा, 'यह नीति अभी मसौदे के रूप में है, और मोदी सरकार ने इसे अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक सुझाव के लिए डाला है। लेकिन इस मसौदे में साफ लिखा है कि यह नीति मनुस्मृति जैसे ग्रंथों से प्रेरणा लेती है। जब 1949 में हमारा संविधान लागू हुआ था, तब आरएसएस ने उस पर हमला किया था और कहा था कि यह 'भारतीय संविधान' नहीं है क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं है। आज वही सोच फिर लौट आई है।'
#WATCH | Delhi: On the draft of Shram Shakti Niti 2025, Congress MP Jairam Ramesh says, "This is a draft and the Modi government has posted it on its website and asked for public feedback. This Shram Shakti Niti draws inspiration from ancient texts such as the Manusmriti. When… pic.twitter.com/5vS0HJPbgS
— ANI (@ANI) October 30, 2025
'आंबेडकर की विरासत पर हमला'
उन्होंने कहा कि मोदी और आरएसएस की सोच एक ही है, और श्रम नीति को मनुस्मृति से जोड़ना न केवल संविधान का अपमान है, बल्कि यह जातिवाद को बढ़ावा देने वाला कदम है। उन्होंने आगे कहा कि, 'मनुस्मृति ने जाति व्यवस्था को जन्म दिया, और अब उसी ग्रंथ से प्रेरणा लेकर श्रमिक नीति बनाना, यह हमारे संविधान और आंबेडकर की भावना के खिलाफ है।'
क्या कहता है सरकार का मसौदा ?
श्रम शक्ति नीति 2025 के मसौदे में लिखा है, 'मनुस्मृति, याज्ञवल्क्यस्मृति, नारदस्मृति, शुक्रनीति और अर्थशास्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों में 'राजधर्म' की अवधारणा के माध्यम से न्याय, उचित मजदूरी और श्रमिकों की सुरक्षा की नैतिक नींव रखी गई थी। ये सिद्धांत भारत की सभ्यतागत परंपरा में श्रम शासन की नैतिक बुनियाद को दर्शाते हैं।'
'रोज हो रही है संविधान की अनदेखी'
कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान की अनदेखी लगातार कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 'तीस साल पहले, 1994 में, कांग्रेस सरकार ने तमिलनाडु के 69% आरक्षण कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कर उसे सुरक्षा दी थी। लेकिन बिहार में ऐसा क्यों नहीं किया गया? वहां कहते हैं 'डबल इंजन सरकार', पर अब यह 'ट्रबल इंजन' बन चुकी है।' उन्होंने कहा कि बिहार में जब 65% आरक्षण कानून पारित हुआ था, तब कांग्रेस महागठबंधन की सरकार थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे रद्द कर दिया और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
'बिहार में डबल इंजन नहीं, ट्रबल इंजन सरकार'
वहीं बिहार चुनावों पर बोलते हुए जयराम रमेश ने कहा, 'प्रधानमंत्री के पास रिमोट कंट्रोल है, और वे नीतीश कुमार को कंट्रोल कर रहे हैं। वे खुलकर क्यों नहीं कहते कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं? सच यह है कि उनके पास कोई कार्यक्रम या एजेंडा नहीं है। वे घबराए हुए हैं, क्योंकि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। महागठबंधन की सरकार बनेगी।'
#WATCH | Delhi: On Bihar Elections, Congress MP Jairam Ramesh says, "...the remote control is in the hands of the Prime Minister, and he is remote-controlling Nitish Kumar. Why doesn't he say that Nitish Kumar is our candidate for the Chief Minister's post? He is not saying that.… pic.twitter.com/n8Rcgs0XgM
— ANI (@ANI) October 30, 2025
'ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी क्यों?'
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से यह भी पूछा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' को क्यों रोका गया। उन्होंने कहा, 'हम पिछले छह महीनों से यह सवाल पूछ रहे हैं- आपने ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका? अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने 56 बार बयान दिए, लेकिन प्रधानमंत्री ने संसद में या बाहर एक शब्द नहीं कहा।'
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उन्होंने आगे कहा, 'हमारे युवाओं के एच-1बी वीजा खत्म हो रहे हैं, प्रवासी भारतीयों को अमेरिका में हिरासत में लिया जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं। जो विदेश में जाकर गले लगते हैं, वही आज डर के मारे कुछ नहीं बोलते। जब विपक्ष पर हमला करना होता है, तब वे आक्रामक होते हैं, लेकिन बाहर के मामलों पर चुप्पी साध लेते हैं।'