असम : कांग्रेस ने अजमल के एआईयूडीएफ और बीपीएफ से नाता तोड़ने का लिया फैसला
- बोबीता शर्मा ने कहा कि लंबी चर्चा के बाद प्रदेश कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है।
- एआईयूडीएफ अब महाजोत में भागीदार नहीं रह सकता है और एआईसीसी को कुछ समय में इसके अनुसार सूचित किया जाएगा।
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असम में राज्य कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि उसने बदरुद्दीन अजमल नीत एआईयूडीएफ और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) से नाता तोड़ने का फैसला कर लिया है। इसलिए अब असम में विपक्ष का महागठबंधन टूटना तय है। वहीं एआईयूडीएफ विधायक दल के नेता ने कांग्रेस के एकतरफा फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
पार्टी प्रवक्ता बोबीता शर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक में पाया गया कि एआईयूडीएफ के भाजपा के साथ व्यवहार और रवैये ने कांग्रेस के सदस्यों को परेशान (अचंभित) कर दिया है।
उन्होंने कहा, एआईयूडीएफ नेतृत्व और वरिष्ठ सदस्यों द्वारा भाजपा और मुख्यमंत्री की निरंतर और रहस्यमय प्रशंसा ने कांग्रेस पार्टी की जनता की धारणा को प्रभावित किया है।
बोबीता शर्मा ने कहा कि लंबी चर्चा के बाद प्रदेश कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है। एआईयूडीएफ अब महाजोत में भागीदार नहीं रह सकता है और एआईसीसी को कुछ समय में इसके अनुसार सूचित किया जाएगा।
एआईयूडीएफ विधायक दल के नेता हाफिज बशीर अहमद ने एक बयान में कहा कि गठबंधन से पार्टी को हटाने का कांग्रेस के एकतरफा फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक दलों को एकजुट रहना और गठबंधन को बनाए रखने के प्रयासों को तेज करना समय की मांग है।
हाफिज बशीर अहमद ने कहा, कुछ व्यक्तियों के व्यक्तिगत विचारों के कारण गठबंधन कमजोर नहीं होना चाहिए। एआईयूडीएफ ने हमेशा भाजपा की सांप्रदायिक नीतियों का विरोध किया है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा।
कांग्रेस को गठबंधन में विभाजन नहीं करना चाहिए, बल्कि तरीकों पर विचार करके इसे भी मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीपीएफ के साथ गठबंधन पर भी चर्चा हुई है क्योंकि इसका नेतृत्व विभिन्न मंचों पर महागठबंधन का हिस्सा बने रहने की अनिच्छा व्यक्त कर रहा है।
बोबीता शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को इस मामले में फैसला लेने का पूरा अधिकार दिया गया और पार्टी से नाता तोड़ने के फैसले की जानकारी आलाकमान को देने का फैसला किया गया है।
शर्मा ने कहा कि बैठक में राज्य अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्षों और आगामी उपचुनावों के लिए गठित विधानसभा समितियों के अध्यक्ष को चुनाव रणनीति और उम्मीदवारों के चयन पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण अधिकार देने के पहले के निर्णय का भी समर्थन किया गया है।
गठबंधन ने पिछले विधानसभा चुनाव में 50 सीटें जीती थीं, जिसमें कांग्रेस को 29, एआईयूडीएफ ने 16, बीपीएफ को चार और माकपा को एक सीट मिली थी।