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Congress: कांग्रेस कार्य समिति की हुई बैठक, महाराष्ट्र-हरियाणा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर समीक्षा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता महतो
Updated Fri, 29 Nov 2024 05:49 PM IST
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सार
महाविकास अघाड़ी (जिसमें कांग्रेस भी शामिल है) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले पार्टी गठबंधन ने झारखंड में जीत हासिल की। हरियाणा में भी कांग्रेस को भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में हुए चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर विचार-विमर्श करने और आगामी दिल्ली चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए शुक्रवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई। यह बैठक मौजूदा संसद सत्र के दौरान हो रही है। इस बैठक में अदाणी मुद्दे पर सरकार को घेरने के तरीकों पर भी चर्चा होने की संभावना है। अदाणी मुद्दे और संभल में हिंसा पर विपक्ष के अवरोधों के कारण शीतकालीन सत्र की शुरुआत के बाद चौथे दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस बैठक की अध्यक्षता की। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश जैसे शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हुए। कांग्रेस कार्य समिति दिल्ली में चुनावों के साथ-साथ अगले साल बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों और गठबंधन पर विचार-विमर्श करने के लिए भी तैयार है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने की बैठक की अध्यक्षता
महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में कांग्रेस की हार पर मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी। कार्य समिति की बैठक में उन्होंने कहा, "एकता की कमी, चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ बयान हमें नुकसान पहुंचा रहे हैं, इस पर सख्त अनुशासन की जरूरत है।" उन्होंने आगे कहा, "राज्य के चुनावों में उम्मीद से कम प्रदर्शन हमारे लिए एक चुनौती है। विधानसभा चुनावों के लिए एक साल पहले से तैयारी की आवश्यकता है। मतदाता सूची की जांच करनी होगी।"
खरगे ने कहा, "ईवीएम ने मतदान प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए। हमारे पक्ष में चुनावी माहौल जीत की गारंटी नहीं देता। हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। जीत की रणनीति बनाने और पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।"
खरगे ने कहा, "सभी को यह सोचना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है और हार में हम सबकी हार है। पार्टी की ताकत से ही हमारी ताकत है।" उन्होंने कहा, "कई बार हम खुद अपने सबसे बड़े शत्रु बन जाते हैं। हम खुद अपने बारे में नकारात्मक बातें करेंगे और ये कहेंगे कि हमारा कोई विमर्श नहीं है तो मैं पूछता हूं कि विमर्श बनाना और उसको जनता तक पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। जो विमर्श हमने राष्ट्रीय स्तर पर तय किया था, वो अभी भी लागू है। हमें हर हालत में चुनाव लड़ने के तरीकों को बेहतर बनाना होगा, क्योंकि समय बदल गया है। चुनाव लड़ने के तरीके बदल गए हैं।"
बता दें कि महाविकास अघाड़ी (जिसमें कांग्रेस भी शामिल है) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले पार्टी गठबंधन ने झारखंड में जीत हासिल की। हरियाणा में भी कांग्रेस को भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष गंभीर विसंगतियों को उठाया। इसके साथ ही उन्होंने सबूत पेश करने के लिए व्यक्तिगत सुनवाई की भी मांग की।

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#WATCH | Congress Working Committee (CWC) meeting begins at the AICC headquarters in Delhi in the presence of party president Mallikarjun Kharge, Lok Sabha LoP and MP Rahul Gandhi and other Congress leaders pic.twitter.com/Vs1z0s2dUx
विज्ञापन— ANI (@ANI) November 29, 2024विज्ञापन
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस बैठक की अध्यक्षता की। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश जैसे शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हुए। कांग्रेस कार्य समिति दिल्ली में चुनावों के साथ-साथ अगले साल बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों और गठबंधन पर विचार-विमर्श करने के लिए भी तैयार है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने की बैठक की अध्यक्षता
महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में कांग्रेस की हार पर मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी। कार्य समिति की बैठक में उन्होंने कहा, "एकता की कमी, चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ बयान हमें नुकसान पहुंचा रहे हैं, इस पर सख्त अनुशासन की जरूरत है।" उन्होंने आगे कहा, "राज्य के चुनावों में उम्मीद से कम प्रदर्शन हमारे लिए एक चुनौती है। विधानसभा चुनावों के लिए एक साल पहले से तैयारी की आवश्यकता है। मतदाता सूची की जांच करनी होगी।"
खरगे ने कहा, "ईवीएम ने मतदान प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए। हमारे पक्ष में चुनावी माहौल जीत की गारंटी नहीं देता। हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। जीत की रणनीति बनाने और पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।"
खरगे ने कहा, "सभी को यह सोचना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है और हार में हम सबकी हार है। पार्टी की ताकत से ही हमारी ताकत है।" उन्होंने कहा, "कई बार हम खुद अपने सबसे बड़े शत्रु बन जाते हैं। हम खुद अपने बारे में नकारात्मक बातें करेंगे और ये कहेंगे कि हमारा कोई विमर्श नहीं है तो मैं पूछता हूं कि विमर्श बनाना और उसको जनता तक पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। जो विमर्श हमने राष्ट्रीय स्तर पर तय किया था, वो अभी भी लागू है। हमें हर हालत में चुनाव लड़ने के तरीकों को बेहतर बनाना होगा, क्योंकि समय बदल गया है। चुनाव लड़ने के तरीके बदल गए हैं।"
बता दें कि महाविकास अघाड़ी (जिसमें कांग्रेस भी शामिल है) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले पार्टी गठबंधन ने झारखंड में जीत हासिल की। हरियाणा में भी कांग्रेस को भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष गंभीर विसंगतियों को उठाया। इसके साथ ही उन्होंने सबूत पेश करने के लिए व्यक्तिगत सुनवाई की भी मांग की।