कोरोना वायरस: लॉकडाउन के कारण पैदल जा रहे मजदूरों के साथ हादसा, 12 की मौत

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। जिसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ा है। उनके सामने न केवल खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया बल्कि उन्हें कमाई का भी कोई जरिया नहीं दिख रहा है। इसी वजह से वह अपने-अपने गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से लोग पैदल ही गांवोें की तरफ जा रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र और कर्नाटक में पलायन करने वाले कुछ लोग हादसे का शिकार हो गए हैं। तीन हादसों में अबतक 12 लोगों की मौत हो गई है।

वापी और करामबेली स्टेशन पर दो औरतें हुईं हादसे का शिकार
महाराष्ट्र के वापी और करामबेली स्टेशन पर दो महिलाएं तेज रफ्तार मालगाड़ी से टकरा गईं। पश्चिमी रेलवे ने कहा कि आज सुबह घटना के वक्त दोनों ट्रैक क्रॉस करने की कोशिश कर रही थीं। पश्चिमी रेलवे ने कहा, 'लोगों को रेलवे पटरियों से दूर रहना चाहिए और उन्हे पार या उनपर चलना नहीं चाहिए क्योंकि देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए माल गाड़ियों को अब भी चलाया जा रहा है।'
Western Railway: People should keep away from railway tracks & do not cross/walk over them as goods trains are still being run to supply essential commodities in various parts of the country. https://t.co/2tDUj4Uefq
— ANI (@ANI) March 28, 2020
पालघर में तेज रफ्तार टेंपो ने चार लोगों को कुचला
महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई तालुका इलाके में एक तेज रफ्तार टेंपो ने चार लोगों को बुरी तरह से कुचल दिया। जिसकी वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, तीन घायल हो गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना परौल गांव के पास सुबह तीन बजे करीब हुई, जब तेज रफ्तार से आता टेंपो मुंबई से गुजरात पैदल जा रहे लोगों के उपर चढ़ गया। टेंपो चालक को हिरासत में ले लिया गया है।
शमशाबाद में लॉरी और मिनी ट्रक की टक्कर के बाद छह लोगों की मौत
शमशाबाद में शनिवार रात को लॉरी और मिनी ट्रक की टक्कर के बाद छह लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मिनी-ट्रक 30 लोगों को लेकर कर्नाटक के रायचूर जा रहा था और इसी दौरान घटना घटी। शमशाबाद ग्रामीण पुलिस स्टेशन के सर्कल इंस्पेक्टर आर वेंकटेश ने बताया कि मिनी-ट्रक में यात्रा करने वाले लोग सड़क निर्माण श्रमिक और मजदूर थे।