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चिराग को झटका: सदन में 'चाचा' के चयन के खिलाफ दायर याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 09 Jul 2021 05:37 PM IST
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सार
बिहार की लोकजनशक्ति पार्टी के दो गुटों में बंट जाने के बाद एक धड़े के नेता चिराग पासवान को एक और झटका लगा है। उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस को लेकर जो याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की थी उसे अदालत ने खारिज कर दिया है।

चिराग पासवान।\
- फोटो : पीटीआई (फाइल)
विस्तार
चिराग पासवान ने पशुपति पारस को सदन में पार्टी के नेता के रूप में मान्यता देने संबंधी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि, अदालत ने शुक्रवार को उनकी यह याचिका खारिज कर दी। पारस ने बुधवार को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। चिराग ने इसका भी विरोध किया था।
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पासवान की इस याचिका को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, 'मुझे इस याचिका में कोई दम नजर नहीं आ रहा।' उल्लेखनीय है कि अदालत इस मामले में चिराग पासवान पर जुर्माना भी लगाना चाहती थी लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया।
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HC dismisses LJP leader Chirag Pawan's plea challenging LS Speaker's decision to recognise Pashupati Paras as leader of party in the House
— Press Trust of India (@PTI_News) July 9, 2021
बता दें कि इस याचिका में लोकसभा में जन लोकशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता के रूप में पशुपति कुमार पारस का नाम दिखाने वाले अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। इसमें यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था कि चिराग पासवान का नाम सदन में पार्टी के नेता के रूप में दिखाते हुए एक शुद्धिपत्र जारी किया जाए।
इस याचिका में कहा गया था, 'लोकसभा में नेता का परिवर्तन पार्टी विशेष का विशेषाधिकार है और वर्तमान मामले में, संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत याचिकाकर्ता संख्या 2 (पार्टी) को यह अधिकार प्राप्त होता है कि केंद्रीय संसदीय बोर्ड यह तय करेगा कि सदन या विधानसभा में नेता, मुख्य सचेतक आदि कौन होगा।'
उल्लेखनीय है कि पशुपति पारस पूर्व में लोजपा की बिहार इकाई का नेतृत्व करते थे और वर्तमान में इसके अलग हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पारस ने 1978 में अपने पैतृक जिले खगड़िया के अलौली विधानसभा क्षेत्र से जनता पार्टी के विधायक के रूप में राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले दिवंगत रामविलास पासवान करते थे।