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Maharashtra: जालसाजों से परेशान मुंबई पुलिस कमिश्नर ने अपील कर किया सतर्क; कहा- फर्जी नोटिस का जवाब न दे जनता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: पवन पांडेय Updated Sat, 14 Sep 2024 08:14 PM IST
सार

महाराष्ट्र में इन दिनों जालसाजों से आम जनता के साथ-साथ मुंबई पुलिस भी परेशान होती दिख रही है। दरअसल मुंबई पुलिस के कमिश्नर ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे किसी फर्जी गिरफ्तारी नोटिस का जवाब न दें और ऐसे संदेश मिलने पर पुलिस से संपर्क करें।

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Do not respond to fake `arrest notice': Mumbai police commissioner
मुंबई पुलिस कमिश्नर की आम जनता से अपील - फोटो : X / @CPMumbaiPolice
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विस्तार
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देश की आर्थिक नगरी में मुंबई में पुलिस जालसाजों से जनता को बचाने के कड़ी में अपील कर रही है, अगर आपको किसी तरह से गिरफ्तारी का नोटिस, संदेश, ईमेल या व्हाट्सअप मैसेज मिल रहा है, तो उसका जवाब देने से बचें। जी हां मुंबई पुलिस के कमिश्नर विवेक फनसालकर ने जनता से इस मामले में अपील की है।


'फर्जी गिरफ्तारी नोटिस मिले तो वे पुलिस से संपर्क करें'
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर ने शनिवार को लोगों से आग्रह किया कि अगर उन्हें ईमेल, फोन कॉल या मैसेजिंग ऐप के जरिए कोई फर्जी गिरफ्तारी नोटिस मिले तो वे पुलिस से संपर्क करें। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि क्या आपको मुंबई पुलिस आयुक्त से गिरफ्तारी नोटिस मिला है? इसे हमारे संज्ञान में लाएं। मुंबई पुलिस आयुक्त की ओर से प्राप्त किसी भी फर्जी गिरफ्तारी नोटिस पर विश्वास न करें या उसका जवाब न दें।
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धोखेबाजों के झांसे में न आए- विवेक फनसालकर
लोगों को ऐसे धोखेबाजों के झांसे में नहीं आना चाहिए जो इस तरह का संदेश भेजते हैं और इसके बजाय पुलिस को रिपोर्ट करें, फनसालकर ने कहा। बता दें कि पुलिस आयुक्त ने ऐसे ही एक नोटिस का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया जो वायरल हो गया था।



मुंबई में तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले
अस्पष्ट अंग्रेजी में लिखे और ईमेल के जरिए भेजे गए तथाकथित नोटिस में प्राप्तकर्ता को पुलिस आयुक्त के दफ़्तर में आने के लिए कहा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि पोर्नोग्राफी से जुड़े किसी मामले में व्यक्ति के आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते के खिलाफ अदालती आदेश है। इसमें सीबीआई का भी जिक्र किया गया था। दरअसल राजधानी में हाल ही में ऑनलाइन धोखाधड़ी के कई मामले सामने में आए हैं, जिनमें धोखेबाज पुलिस या अन्य कानून प्रवर्तन/सरकारी एजेंसी के रूप में पेश आते हैं और पैसे ऐंठ लेते हैं।

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