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DRDO: डीआरडीओ की बड़ी सफलता, समुद्री जल को मीठे पानी में बदलने की स्वदेशी तकनीक विकसित की
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Thu, 15 May 2025 01:32 PM IST
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सार
डीआरडीओ ने समुद्री जल को मीठे जल में बदलने वाली तकनीक को विकसित करने में सफलता हासिल की है। खास बात ये है कि डीआरडीओ ने यह तकनीक महज 8 महीने के कम समय में विकसित की है।

डीआरडीओ
- फोटो : एएनआई

विस्तार
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। डीआरडीओ ने स्वदेशी नैनोपोरस मल्टीलेयर्ड पॉलीमर झिल्ली को विकसित करने में सफलता पाई है। यह समुद्री पानी को मीठे पानी में बदलने की तकनीक है। इससे भारतीय तटरक्षक बल को काफी फायदा होगा।
अभी परीक्षण चल रहा
डीआरडीओ की कानपुर स्थित डिफेंस मैटेरियल स्टोर्स एंड रिसर्च एंड डेवलेपमेंट लैब द्वारा भारतीय तटरक्षक बल के साथ मिलकर इस नैनोपोरस मल्टीलेयर्ड पॉलीमर झिल्ली का विकास किया गया है। खास बात ये है कि इस झिल्ली का निर्माण रिकॉर्ड आठ महीने में किया गया है। अभी तटरक्षक बल के ऑफशोर पेट्रोलिंग वेसल पर मौजूद समुद्री जल को मीठे पानी में बदलने वाले प्लांट में इस तकनीक का परीक्षण चल रहा है। अभी तक के परीक्षण में संतोषजनक नतीजे मिले हैं। हालांकि इस तकनीक को मंजूरी के लिए तटरक्षक बल कम से कम 500 घंटे का परिचालनात्मक परीक्षण करेगा। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।
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