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ED: रिलायंस पावर लिमिटेड का 68 करोड़ का जाली बैंक गारंटी केस, सरकार को 100 करोड़ से अधिक की चपत, एक गिरफ्तार
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Fri, 07 Nov 2025 02:19 PM IST
सार
ईडी ने इस मामले में दर्ज 3 एफआईआर के आधार पर उक्त केस की जांच शुरू की थी। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एसईसीआई द्वारा दर्ज एफआईआर संख्या 0079/2025 भी शामिल है।
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अनिल अंबानी की रिलायंस के एक और अधिकारी की गिरफ्तारी।
- फोटो : ANI
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विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 नवंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अमर नाथ दत्ता को गिरफ्तार किया है। उन्हें 68 करोड़ रुपये से अधिक की जाली बैंक गारंटी (बीजी), जाली बीजी समर्थन और रिलायंस पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी द्वारा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को फर्जी एसएफएमएस पुष्टिकरण जमा करने से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। वह व्यापार वित्तपोषण में परामर्श सेवाएं प्रदान करने का दावा करता है। वर्तमान मामले में, वह कोलकाता निवासी है, जिसने फर्जी बीजी प्रदान करने में अशोक पाल और पार्थ सारथी बिस्वाल के साथ सक्रिय भूमिका निभाई थी। आरोपी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-04, पटियाला हाउस कोर्ट, नई दिल्ली की अदालत में पेश किया गया।
ईडी ने इस मामले में दर्ज 3 एफआईआर के आधार पर उक्त केस की जांच शुरू की थी। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एसईसीआई द्वारा दर्ज एफआईआर संख्या 0079/2025 भी शामिल है। एसईसीआई, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, रिलायंस पावर की सहायक कंपनी द्वारा धोखाधड़ी से जमा किए गए बैंक गारंटी के कारण 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि 11/10/2025 को, रिलायंस पावर लिमिटेड के तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक कुमार पाल को इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार, अशोक पाल की गिरफ्तारी उनके साथी, पार्थ सारथी बिस्वाल, एक शेल कंपनी- मेसर्स बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के एमडी की गिरफ्तारी के बाद हुई है।
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ईडी ने इस मामले में दर्ज 3 एफआईआर के आधार पर उक्त केस की जांच शुरू की थी। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एसईसीआई द्वारा दर्ज एफआईआर संख्या 0079/2025 भी शामिल है। एसईसीआई, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, रिलायंस पावर की सहायक कंपनी द्वारा धोखाधड़ी से जमा किए गए बैंक गारंटी के कारण 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि 11/10/2025 को, रिलायंस पावर लिमिटेड के तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक कुमार पाल को इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार, अशोक पाल की गिरफ्तारी उनके साथी, पार्थ सारथी बिस्वाल, एक शेल कंपनी- मेसर्स बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के एमडी की गिरफ्तारी के बाद हुई है।
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ईडी ने अपनी जांच के दौरान खुलासा किया है कि एसईसीआई को गुमराह करने के लिए, जाली बैंक गारंटी को असली मानने के लिए, नकली ईमेल डोमेन sbi.17313@s-bi.co.in के ज़रिए एसबीआई के जाली समर्थन तैयार किए गए थे। इसके अलावा, ईडी ने वाणिज्यिक बैंकों के और भी नकली डोमेन की पहचान की है, जैसे 'lndiabank.in', 'lndusindbank.in', 'pnblndia.in', 'psdbank.co.in', 'siliguripnb.co.in', 'lobbank.co.in', और 'unionbankofIndia.co.in'। इनमें से प्रत्येक में एकल-वर्ण स्वैप या मामूली टेक्स्ट परिवर्तन का उपयोग किया गया है। इन नकली डोमेन का उपयोग एक ही समूह के लोग करते हैं। ईडी की जांच विभिन्न पहलुओं पर जारी है, जिसमें अपराध की आय के लाभार्थियों की पहचान, धन के अंतिम उपयोग का पता लगाना, अपराध की आय से अर्जित संपत्ति और बड़ी साजिश तथा अतिरिक्त व्यक्तियों और संस्थाओं की भूमिका की जांच शामिल है।