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ED: पूर्व आयुक्त ने अवैध साइट आवंटन में मिली घूस को ठिकाने लगाया, एजेंसी ने अटैच किए ₹400 करोड़ के 252 स्थल
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Thu, 18 Sep 2025 05:27 PM IST
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सार
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के पूर्व आयुक्त जीटी दिनेश कुमार ने अवैध साइट आवंटनों के लिए मिली रिश्वत को शातिर तरीके से ठिकाने लगाया था। ईडी ने 252 ऐसे अवैध स्थलों को अटैच किया है, जिनकी कीमत लगभग 400 करोड़ आंकी गई है। जानिए पूरा मामला

ईडी (फाइल)
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), बेंगलुरु जोनल कार्यालय ने जीटी दिनेश कुमार (पूर्व-एमयूडीए आयुक्त) को अवैध एमयूडीए साइट आवंटन घोटाले के सिलसिले में 16 सितंबर को गिरफ्तार किया है। उन्हें बुधवार को एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशंस जज और बेंगलुरु में सांसदों/विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय (सीसीएच-82) के समक्ष पेश किया गया।

ईडी ने 400 करोड़ रुपये की 252 अवैध जगहों को अटैच किया
न्यायालय ने आरोपी को 9 दिन के ईडी के रिमांड पर भेज दिया है। आरोप है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के पूर्व आयुक्त जीटी दिनेश कुमार ने अवैध साइट आवंटनों के लिए मिली रिश्वत को शातिर तरीके से ठिकाने लगाया था। ईडी ने 252 ऐसे अवैध स्थलों को अटैच किया है, जिनकी कीमत 400 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
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मनी लॉन्ड्रिंग में सक्रिय भागीदारी
ईडी के मुताबिक, इस मामले में जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों और दस्तावेजों से जीटी दिनेश कुमार की आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एमयूडीए, मैसूर में व्यापक मनी लॉन्ड्रिंग योजना में सक्रिय भागीदारी का संकेत मिला है।
मुआवजा स्थलों के अवैध आवंटन में संलिप्त
जांच में सामने आया है कि आरोपी ने विभिन्न कानूनों और सरकारी आदेशों/दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके और अन्य धोखाधड़ीपूर्ण तरीकों से एमयूडीए के स्थलों के आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। पूर्व एमयूडीए आयुक्त जीटी दिनेश कुमार की भूमिका अयोग्य संस्थाओं/व्यक्तियों को मुआवजा स्थलों के अवैध आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के रूप में सामने आई है। जांच के दौरान, अवैध आवंटन के लिए नकद, बैंक हस्तांतरण, चल/अचल संपत्तियों के रूप में रिश्वत लेने के संबंध में साक्ष्य एकत्र किए गए हैं।
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कुछ मामलों में आवंटन पत्र पिछली तारीख से जारी किए गए
अवैध आवंटन की कार्यप्रणाली में अपात्र लाभार्थियों की पहचान करना और सरकारी आदेशों का सीधा उल्लंघन करते हुए फर्जी/अधूरे दस्तावेजों का उपयोग करके आवंटन करना और कुछ मामलों में आवंटन पत्रों को पिछली तारीख से जारी करना शामिल था।
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रिश्तेदारों/सहयोगियों के बैंक खातों के माध्यम से दी गई रिश्वत
इन अवैध आवंटनों के लिए प्राप्त रिश्वत को एक सहकारी समिति और जीटी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों/सहयोगियों के बैंक खातों के माध्यम से भेजा गया, जिन्होंने आवंटन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस प्रकार प्राप्त रिश्वत का उपयोग जीटी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों के नाम पर अवैध रूप से आवंटित एमयूडीए की कुछ भूमि खरीदने के लिए किया गया।