ED: गबन और विश्वासघात कर सरकारी बैंकों को 1392 करोड़ रुपये का नुकसान, नहीं वसूला गया 48.68 करोड़ का ऋण
मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड ने विभिन्न विक्रेताओं/संस्थाओं से अग्रिम राशि वसूलने का कोई प्रयास ही नहीं किया। वजह, आरोपी कंपनी से धनराशि डायवर्ट करने के लिए यही तरीका अपनाया जाता था।
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मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड (एएसएल) ने अपने निदेशकों/प्रवर्तकों/कर्मचारियों और अन्य के माध्यम से धन की हेराफेरी, आपराधिक गबन, विश्वासघात व धोखाधड़ी आदि के जरिए केनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को लगभग 1392.86 करोड़ रुपये का अनुचित नुकसान पहुंचाया है। यह कंपनी इस्पात उत्पादों के निर्माण में लगी हुई थी। मेसर्स एएसएल को 2018 में कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में शामिल किया गया था। जीपी ग्लोबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को एनसीएलए के दिनांक 06.05.2022 के आदेश के अनुसार लगभग 233.71 करोड़ रुपये की स्वीकृत योजना के साथ सफल समाधान आवेदक (एसआरए) के रूप में चुना गया था। ईडी की जांच में पता चला है कि मेसर्स एएसएल ने आरोपी कंपनी के बैंक खातों से विभिन्न संस्थाओं/विक्रेताओं को अग्रिम और अन्य भुगतानों के रूप में धनराशि हस्तांतरित/डायवर्ट की थी। मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड ने विभिन्न विक्रेताओं/संस्थाओं से अग्रिम राशि वसूलने का कोई प्रयास ही नहीं किया। वजह, आरोपी कंपनी से धनराशि डायवर्ट करने के लिए यही तरीका अपनाया जाता था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), नई दिल्ली द्वारा 05.03.2022 को केनरा बैंक द्वारा मेसर्स एएसएल और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने उक्त मामले की जांच शुरू की। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आरोपी कंपनी मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड (एएसएल) ने अपने निदेशकों/प्रवर्तकों/कर्मचारियों और अन्य के माध्यम से धन की हेराफेरी और हेराफेरी, आपराधिक गबन, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी आदि के जरिए केनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को लगभग 1392.86 करोड़ रुपये का अनुचित नुकसान पहुंचाया है।
ईडी की जांच में पता चला कि ये अग्रिम राशियां वसूलने के लिए नहीं थीं। मेसर्स एएसएल ने विभिन्न संस्थाओं को दिए गए अग्रिम के बदले नकद राशि प्राप्त की थी। प्राप्त नकद राशि को कोलकाता स्थित एक एंट्री ऑपरेटर की मदद से गुप्त रूप से मेसर्स एएसएल तक पहुंचाया गया था। इसका उपयोग अंततः कंपनी के नाम पर अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया।
इस मामले में ईडी द्वारा मेसर्स एएसएल और अन्य संबंधित संस्थाओं के प्रवर्तकों/निदेशकों से जुड़े विभिन्न परिसरों पर की गई तलाशी में पता चला कि मेसर्स एएसएल ने कंसोर्टियम से लिए गए ऋणों/सीमाओं को विभिन्न असंबंधित फर्मों जैसे मेसर्स यूरेकस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जुबिलेंट मॉल्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स क्रैटोस प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एचएनएस प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एचएनएस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को अग्रिम देकर डायवर्ट किया।
असंबंधित फर्मों/संस्थाओं को दिए गए ये अग्रिम मेसर्स एएसएल द्वारा कभी भी वसूल नहीं किए गए। न ही मेसर्स एएसएल द्वारा इन्हें वसूलने का कोई प्रयास किया गया। जांच में पता चला कि मेसर्स एएसएल द्वारा उपरोक्त संस्थाओं को लगभग 48.68 करोड़ रुपये की ऋण राशि डायवर्ट की गई थी, जो कभी वसूल नहीं की गई।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने 15.12.2025 को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), गुरुग्राम के समक्ष मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड (एएसएल) के तत्कालीन निदेशकों/शेयरधारकों, गौरव अग्रवाल, मोहिंदर अग्रवाल, कोलकाता स्थित प्रवेश संचालक जगदीश प्रसाद पुरोहित और मेसर्स एएसएल से संबंधित और गैर-संबंधित संस्थाओं के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी मामले में अभियोग शिकायत (पीसी) दायर की है।
इससे पहले, ईडी ने लगभग 2 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया था। मेसर्स सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स यूरेकस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित संस्थाओं से संबंधित 44.09 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इस मामले में कुल कुर्की और जब्ती की राशि 45.51 करोड़ रुपये है।