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India-Canada: 'भारतीय अधिकारियों की निगरानी वियना संधि का उल्लंघन', पूर्व राजनयिकों ने कनाडा पर साधा निशाना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: निर्मल कांत Updated Sun, 03 Nov 2024 08:07 PM IST
सार

India-Canada: पूर्व राजनयिक जे.के. त्रिपाठी ने बताया कि कोई भी देश ऐसा करना का अधिकार नहीं रखता है। लेकिन कनडा सरकार ने ऐसा किया है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का बहुत बड़ा उल्लंघन है।

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Former India diplomats say Canada violated conventions by surveilling Indian officials
पूर्व राजनयिक जे.के.त्रिपाठी और वीरेंद्र गुप्ता - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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भारत के पूर्व राजनयिकों ने रविवार को कनाडा सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कनाडाई अधिकारियों ने वहां तैनात भारतीय राजनयिों की निगरानी करके वियना संधि जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। 

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पूर्व राजनयिक जे.के. त्रिपाठी ने बताया कि कोई भी देश ऐसा करना का अधिकार नहीं रखता है। लेकिन कनडा सरकार ने ऐसा किया है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का बहुत बड़ा उल्लंघन है। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि (कनाडाई नागरिकों की हत्या) के पीछे साजिश में केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) हैं और उन्होंने भारत को उन चार देशों की सूची में डाल दिया है, जो कनाडा की साइबर सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इस तरह कनाडा ने भारत को एक दुश्मन देश घोषित कर दिया है और जो बहुत चिंताजनक और गंभीर बात है। 
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'राजनयिक प्रतिरक्षा वियना संधि का महत्वपूर्ण सिद्धांत'
त्रिपाठी ने कहा, वियना संधि (1961) देशों के राजनयिक संबंधों के लिए मूलभूत सिद्धांत और नियम तय करती है। इसका एक महत्वपूर्ण सिद्धांत राजनयिक प्रतिरक्षा है, जो राजनयिकों को मेजबान देश के कुछ कानूनों और करों से छूट देती है। ताकि वे बिना किसी डर या धमकी के अपने दायित्व को निभा सकें। वियना संधि के अनुच्छेद 29 के अनुसार राजनयिकों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और ना ही उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। मेजबान देश को राजनयिक को उचित स्तर का सम्मान देना होगा और उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि राजनयिक की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। 

कनाडा की सिर्फ आलोचना करना काफी नहीं: वीरेंद्र सिंह
वहीं, पूर्व राजनयिक वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि कनाडा के इस कदम पर भारत सरकार की ओर से बहुत सख्त प्रतिक्रिया होनी चाहिए। उन्होंने कहा,कनाडा की सिर्फ आलोचना करना काफी नहीं है। कनाडा ने शिष्टाचार और समान्य राजनयिक व्यवहार की सभी सीमाएं पार कर दी हैं। 

विदेश मंत्रालय ने कनाडा के सामने दर्ज कराया विरोध
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को बताया कि भारत ने कनाडा की सरकार के सामने औपचारिक रूप से विरोध दर्ज कराया है। मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की ऑडियो और वीडियो निगरानी की गई है। यह राजनयिक संधियों का गंभीर उल्लंघन है। एमईए के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि कुछ भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने हाल ही में बताया कि उनकी निगरानी की जा रही है। उन्होंने कनाडा सरकार की आलोचना की कि वह तकनीकी मुद्दों का हवाला देकर अपनी कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश कर रही है, जो कि भारतीय राजनयिकों का उत्पीड़न और धमकी का मामला है। 

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