{"_id":"690cddfe2f7be1c6e30e6b23","slug":"gujarat-tribal-gaurav-yatra-from-ambaji-on-150th-birth-anniversary-of-birsa-munda-cm-bhupendra-patel-inaugurat-2025-11-06","type":"story","status":"publish","title_hn":"गुजरात: भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव यात्रा, सीएम भूपेंद्र पटेल करेंगे शुभारंभ","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
गुजरात: भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव यात्रा, सीएम भूपेंद्र पटेल करेंगे शुभारंभ
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गांधीनगर
Published by: लव गौर
Updated Thu, 06 Nov 2025 11:12 PM IST
सार
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल शुक्रवार को अंबाजी से ‘जनजातीय गौरव यात्रा’ का शुभारंभ करेंगे। 7 से 13 नवंबर तक अंबाजी से एकता नगर तथा उमरगाम से एकता नगर रूट पर यात्रा भ्रमण करेगी। 14 आदिजाति जिलों सहित राज्यभर में जन जागृति तथा आदिजाति गौरव के संदेश के साथ जनजातीय गौरव यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
विज्ञापन
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
- फोटो : X/@Bhupendrapbjp
विज्ञापन
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से इस वर्ष आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का उत्सव मनाया जा रहा है। आज की पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा की अगुवाई में आदिजातियों के ऐतिहासिक योगदान को जाने-समझे तथा उससे राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा प्राप्त करे। इस उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस वर्ष को ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।
इस कड़ी में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 7 नवंबर शुक्रवार को आद्यशक्ति धाम अंबाजी से ‘जनजातीय गौरव यात्रा’ का शुभारंभ कराएंगे। भूपेंद्र पटेल के दिशादर्शन में ‘जनजातीय गौरव वर्ष उत्सव’ अंतर्गत आयोजित हो रही जनजातीय गौरव यात्रा के अंबाजी से शुभारंभ अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी सहित राज्य मंत्री पी. सी. बरंडा, कमलेशभाई पटेल, प्रवीणभाई माली तथा स्वरूपजी ठाकोर उपस्थित रहेंगे।
यह यात्रा दो स्थानों उत्तर गुजरात के आदिजाति क्षेत्र अंबाजी तथा दक्षिण गुजरात के महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित उमरगाम से 7 से 13 नवंबर तक आयोजित होगी। इस दौरान यह यात्रा 14 आदिजाति जिलों सहित राज्य के विभिन्न जिलों में जन जागृति तथा आदिजाति गौरव के संदेश को जन-जन तक प्रसारित करेगी।
यात्रा के दौरान जनजातीय गौरव रथ जिन गांवों में जाएगा, वहां लोगों द्वारा स्वागत किया जाएगा तथा रात्रि विराम स्थलों पर भगवान बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र पर आधारित नाटक मंचन, निदर्शन तथा केन्द्र-राज्य सरकार की योजनागत जानकारी भी लोगों को दी जाएगी।
इतना ही नहीं; रथयात्रा के माध्यम से उसके रूट पर स्थित गांवों में स्वास्थ्य जांच शिविर, सेवा सेतु, सामूहिक स्वच्छता सहित सेवाभावी कार्यक्रम जन भागीदारी से आयोजित होंगे। बच्चे, युवा तथा समग्र समाज भगवान बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र से परिचत हों; ऐसे कार्यक्रम भी इस यात्रा के दौरान आयोजित होंगे।
इसके अलावा, भगवान बिरसा मुंडा के राष्ट्र निर्माण के लिए दिए गए योगदान पर चित्रकला तथा वक्तव्य प्रतियोगिता, नाटक-भवाई तथा उनके जीवन पर व्याख्यान, फिल्म प्रदर्शन भी राज्य सरकार के विभागों द्वारा आयोजित होने वाले हैं।
14 आदिजाति जिलों के अलावा 20 जिलों में भी 13 से 15 नवंबर के दौरान जनजातीय गौरव वर्ष उत्सव के विभिन्न कार्यक्रम होने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरक उपस्थिति में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस का राष्ट्रीय स्तर का समारोह डेडियापाडा में देवमोगरा माताजी के सान्निध्य में आयोजित होगा।
राज्य सरकार ने ‘विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए दूरदराजी व सुदूरवर्ती गाँवों के प्रत्येक आदिजाति बांधवो को विकास की राह में अग्रसर रखने की मंशा रखी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह जनजातीय गौरव रथयात्रा आदिजातियों को विकास की मुख्य धारा में लाकर राष्ट्र निर्माण में जोड़ने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र को साकार करने वाली इस रथयात्रा से जनजातीय गौरव वर्ष के उत्सव को भव्य बनाने तथा भगवान बिरसा मुंडा द्वारा दिए गए ‘हमारा देश, हमारा राज’ के नारे को आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत के निर्माण से चरितार्थ करने का भी आह्वान किया।
Trending Videos
इस कड़ी में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 7 नवंबर शुक्रवार को आद्यशक्ति धाम अंबाजी से ‘जनजातीय गौरव यात्रा’ का शुभारंभ कराएंगे। भूपेंद्र पटेल के दिशादर्शन में ‘जनजातीय गौरव वर्ष उत्सव’ अंतर्गत आयोजित हो रही जनजातीय गौरव यात्रा के अंबाजी से शुभारंभ अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी सहित राज्य मंत्री पी. सी. बरंडा, कमलेशभाई पटेल, प्रवीणभाई माली तथा स्वरूपजी ठाकोर उपस्थित रहेंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन
यह यात्रा दो स्थानों उत्तर गुजरात के आदिजाति क्षेत्र अंबाजी तथा दक्षिण गुजरात के महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित उमरगाम से 7 से 13 नवंबर तक आयोजित होगी। इस दौरान यह यात्रा 14 आदिजाति जिलों सहित राज्य के विभिन्न जिलों में जन जागृति तथा आदिजाति गौरव के संदेश को जन-जन तक प्रसारित करेगी।
यात्रा के दौरान जनजातीय गौरव रथ जिन गांवों में जाएगा, वहां लोगों द्वारा स्वागत किया जाएगा तथा रात्रि विराम स्थलों पर भगवान बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र पर आधारित नाटक मंचन, निदर्शन तथा केन्द्र-राज्य सरकार की योजनागत जानकारी भी लोगों को दी जाएगी।
इतना ही नहीं; रथयात्रा के माध्यम से उसके रूट पर स्थित गांवों में स्वास्थ्य जांच शिविर, सेवा सेतु, सामूहिक स्वच्छता सहित सेवाभावी कार्यक्रम जन भागीदारी से आयोजित होंगे। बच्चे, युवा तथा समग्र समाज भगवान बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र से परिचत हों; ऐसे कार्यक्रम भी इस यात्रा के दौरान आयोजित होंगे।
इसके अलावा, भगवान बिरसा मुंडा के राष्ट्र निर्माण के लिए दिए गए योगदान पर चित्रकला तथा वक्तव्य प्रतियोगिता, नाटक-भवाई तथा उनके जीवन पर व्याख्यान, फिल्म प्रदर्शन भी राज्य सरकार के विभागों द्वारा आयोजित होने वाले हैं।
14 आदिजाति जिलों के अलावा 20 जिलों में भी 13 से 15 नवंबर के दौरान जनजातीय गौरव वर्ष उत्सव के विभिन्न कार्यक्रम होने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरक उपस्थिति में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस का राष्ट्रीय स्तर का समारोह डेडियापाडा में देवमोगरा माताजी के सान्निध्य में आयोजित होगा।
राज्य सरकार ने ‘विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए दूरदराजी व सुदूरवर्ती गाँवों के प्रत्येक आदिजाति बांधवो को विकास की राह में अग्रसर रखने की मंशा रखी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह जनजातीय गौरव रथयात्रा आदिजातियों को विकास की मुख्य धारा में लाकर राष्ट्र निर्माण में जोड़ने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र को साकार करने वाली इस रथयात्रा से जनजातीय गौरव वर्ष के उत्सव को भव्य बनाने तथा भगवान बिरसा मुंडा द्वारा दिए गए ‘हमारा देश, हमारा राज’ के नारे को आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत के निर्माण से चरितार्थ करने का भी आह्वान किया।