Maharashtra : संजय राउत का दशहरा जेल में बीतेगा, जमानत पर सुनवाई 10 अक्तूबर तक टली
बहरहाल कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 अक्तूबर तक टाल दी है। इसके साथ ही 5 अक्तूबर को दशहरे पर भी राउत जेल में ही रहेंगे। उन पर उक्त घोटाले में बिल्डर व डेवलपर से घूस लेने का आरोप है। ईडी ने इस केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें एक अगस्त को गिरफ्तार किया था।

विस्तार
मुंबई के बहुचर्चित पात्रा चॉल घोटाले में करीब दो माह से जेल में बंद शिवसेना संजय राउत की जमानत पर आज सुनवाई हुई। विशेष पीएमएलए कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राउत कठघरे में खड़े रहे। राउत के वकील ने जमानत देने के पक्ष में अपनी दलीलें रखीं। इन पर ईडी के वकील अगली तारीख को अपना पक्ष रखेंगे।

बहरहाल कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 अक्तूबर तक टाल दी है। इसके साथ ही 5 अक्तूबर को दशहरे पर भी राउत जेल में ही रहेंगे। उन पर उक्त घोटाले में बिल्डर व डेवलपर से घूस लेने का आरोप है। ईडी ने इस केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें एक अगस्त को गिरफ्तार किया था।
#UPDATE | Shiv Sena MP Sanjay Raut's lawyer completed his arguments on bail, ED to argue on the next date.
Matter adjourned till 10th October. — ANI (@ANI) September 27, 2022
राउत शिवसेना के ठाकरे गुट के प्रवक्ता होने के साथ ही महाराष्ट्र के तेजतर्रार नेता हैं। वे अक्सर अपने बयानों से मोदी सरकार व भाजपा को कठघरे में खड़ा करते थे। महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान तो उनकी तूती बोलती थी। आखिरकार जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हुई और सत्ता पलट के बाद वे खुद कठघरे में आ गए। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार व एक महिला नेता को धमकाने का भी मामला दर्ज किया गया है।
विशेष अदालत ने इससे पहले 19 सितंबर को राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया था। राउत को छह घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। 31 जुलाई को ईडी ने
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी राउत के घर छापा मारा था।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला
मुंबई पश्चिमी उपगनर के गोरेगांव स्थित सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल की 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए साल 2007 में सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंड अथॉरिटी (म्हाडा) और गुरू कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। इस करार के तहत कंपनी को 3500 से ज्यादा फ्लैट बनाकर म्हाडा को देने थे। उसके बाद बची हुई जमीन प्राइवेट डेवलपर्स को बेचनी थी। डीएचआईएल के राकेश वधावन, सारंग वधावन, प्रवीण राउत और गुरू आशीष इस कंपनी के निदेशक थे।
आरोप है कि कंपनी ने म्हाडा को गुमराह कर पात्रा चॉल की एफएसआई 9 अलग-अलग बिल्डरों को बेच कर 901 करोड़ रुपये जमा किए। उसके बाद मिडोज नामक एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर फ्लैट बुकिंग के नाम पर 138 करोड़ रुपये वसूले गए। लेकिन 672 लोगों को फ्लेट नहीं दिए गए। इस तरह पात्रा चॉल घोटाले में 1039.79 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। उसके बाद 2018 में म्हाडा ने गुरू कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
पात्रा चॉल का संजय राउत कनेक्शन
गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक रहे प्रवीण राउत, संजय राउत के करीबी हैं। ईडी ने प्रवीण को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। बताते हैं कि पात्रा चॉल घोटाले से प्रवीण ने 95 करोड़ रुपये कमाए और वह पैसा अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बांटा था। इसमें से 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में आए थे। इस रकम से राउत ने दादर में फ्लैट खरीदा था। ईडी वर्षा राउत से पूछताछ कर चुकी है। वर्षा ने बताया था कि ये पैसे उन्होंने फ्लैट खरीदने के लिए प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी से लिए थे। ईडी की पूछताछ के बाद वर्षा ने पैसे माधुरी के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू
देशमुख के वकीलों ने अपनी दलीलें पूरी कीं और अदालत बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय के वकील की दलीलें सुनेगी। पूर्व मंत्री के वकील विक्रम चौधरी ने मंगलवार को तर्क दिया कि यह एक ओपन और शट केस नहीं बल्कि यह एक विचार था। चौधरी ने तर्क दिया कि इस मामले में मुद्दे बेहद व्यापक क्षेत्र में हैं और सुनवाई एक लंबी प्रक्रिया होने जा रही है। इस मामले में जो दिखता है, उससे कहीं अधिक है। अदालत को जमानत पर समग्र दृष्टिकोण से विचार करना चाहिए और आवेदक का कोई पुराना इतिहास नहीं है, उसे एक दिन और जेल में क्यों भुगतना चाहिए? उन्होंने अदालत को बताया कि कि देशमुख 72 वर्ष के हैं और फेफड़े और रीढ़ की बीमारियों सहित विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और यह उन पर भारी पड़ रहा है।