S Jaishankar: 'पहले भी उठाया था कनाडा में संगठित अपराध का मुद्दा', विदेश मंत्री ने की ट्रूडो सरकार की आलोचना
S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय हित, अखंडता और संप्रभुता की बात आती है, तो भारत निश्चित रूप से सख्त रुख अपनाएगा।


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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत ने कनाडा में संगठित अपराध की मौजूदगी के मुद्दे को पहले भी उठाया था। लेकिन इस मुद्दे को लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाए जाने की निंदा की। जयशंकर पुणे में 'वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में उभरते अवसर' विषय पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान जयशंकर ने कहा,' जब राष्ट्रीय हित, अखंडता और संप्रभुता की बात आती है, तो भारत निश्चित रूप से सख्त रुख अपनाएगा।' उन्होंने कहा, 'हम कनाडा सरकार की ओर से हमारे उच्चायुक्त और राजनयिकों को इस तरह निशाना बनाए जाने की निंदा करते हैं।' भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को कनाडा ने 13 अक्तूबर को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया था। इसके बाद कनाडा की कार्रवाई से पहले भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच राजनयिकों को वापस बुला लिया था। साथ ही कनाडा के कार्यकारी उच्चायुक्त सहित छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। यह कूटनीतिक विवाद तब और बढ़ गया, जब कनाडा ने भारत पर प्रतिबंध लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया।
दोनों देशों के बीच विवाद कनाडा में पिछले साल हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद शुरू हुआ। भारत पहले ही निज्जर को आतंकवादी घोषित किया हुआ है। लेकिन कनाडा उसे अपना नागरिक मानता है और उसकी हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाता है। हालांकि, भारत इन आरोपों को कई बार खारिज कर चुका है। कनाडाई अधिकारियों ने कथित भारतीय एजेंटों पर उनकी धरती पर हत्या, फिरौती और खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई में शामिल होने का आरोप लगाया है। यही नहीं, लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को भी आपराधिक गतिविधियों से जोड़ा है।
जयशंकर ने कहा, मुद्दा यह है कि वह बहुत कम लोग हैं, लेकिन उन्होंने खुद को एक बड़ी राजनीतिक आवाज बना लिया है। दुर्भाग्य से, उस देश की सियासत उस राजनीतिक लॉबी को शायद एक हद तक जगह दे रही है, जिसके बारे में मैं तर्क दूंगा कि यह न केवल हमारे (भारत-कनाडा) संबंधों के लिए बुरा है। बल्कि कनाडा के लिए भी बुरा है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने सबसे पहले कनाडा में संगठित अपराध की मौजूदगी का मुद्दा उठाया। हम उन्हें बता रहे थे और वे सुन नहीं रहे थे। यह लंबे समय एक अनुमति देने वाले माहौल के कारण हो रहा है। मुझे लगता है कि यह किसी विशेष राजनीतिक चरण या राजनीतिक ताकतों का मुद्दा है।
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