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India-UAE: राजघाट पर तीसरी पीढ़ी का पौधा मजबूत करगा भारत-यूएई के रिश्ते

Pranay Upadhyay प्रणय उपाध्याय
Updated Mon, 09 Sep 2024 08:57 PM IST
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India UAE Relations Abu Dhabi Crown Prince plants sapling at Rajghat keeps tradition going news and updates
अबुधाबी के क्राउन प्रिंस ने राजघाट में पौधा रोपा। - फोटो : अमर उजाला
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भारत में पेड़ को संबंधों और परिवार का प्रतीक माना जाता है। संबंधों का पेड़ जिनता मजबूत होता है उसकी शाखाएं उतनी दूर-दूर तक फैली होती हैं। यही वजह है कि कूटनीतिक रिश्तों में भी कई बार पेड़ रोपे जातें हैं जो न केवल संबंधों की मजबूती का प्रतीक बनते हैं बल्कि दो देशों के संबंधों में साझेदारी के फल भी देते हैं।
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संबंधों और साझेदारी का ऐसा ही एक सिलसिला राजधानी दिल्ली के राजघाट पर भी नजर आता है जहां महात्मा गांधी की समाधि है।  भारत के दौरे पर आए संयुक्त अरब अमीरात के नेता और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नायहान ने सोमवार को जब अमलतास का पौधा रोपा तो तीन पीढ़ियों के भारत से रिश्ते की जड़ें मजबूत हो गईं। 
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इस सिलसिले की शुरुआत क्राउन प्रिंस के दादा और संयुक्त अरब अमीरात के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान ने की थी जब 1992 में उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान अमलतास का पौधा रोपा था। वहीं इस सिलसिले को 2016 में उनके बेटे औऱ संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मौलश्री के पौधे को लगाकर आगे बढ़ाया था। 

राजघाट पर यूं तो कई देशों के नेताओं के हाथ से रोपे गए पौधे लगे हैं। लेकिन संयुक्त अरब अमीरात अकेला ऐसे देश है जिसके नेताओं की तीन पीढ़ी के हाथों से लगाए पौधे रिश्तों दोनों देशों के रिश्तों की रंगत बढ़ा रहे हैं। 



हालांकि राजघाट पर पौधारोपण के साथ साथ क्राउन प्रिंस के दौरे में भारत और यूएई के रिश्तों को नई उर्जा देने के लिए करीब आधा दर्जन नए समझौते भी किए गए। इसमें एक अहम समझौता अमीरात नाभिकीय ऊर्जा कंपनी और भारत के नाभिकीय ऊर्जा सहयोग निगम के बीच किया गया। इसके अलावा अबू धाबी नेशनल ऑइल कंपनी और इंडियन ऑइल कार्पोरेशन के बीच जहां एलएनजी गैस समप्लाई का करार हुआ। वहीं भारत के रणनीतिक तेल भंडार में भी यूएई की मदद का समझौता हुआ। इसके अलावा भारत में फूड पार्क विकसित करने को लेकर भी दोनों देशों ने करारनामे पर मुहर लगाई।  



बीते एक साल के दौरान यह चौथा मौका था जब प्रधानमंत्री मोदी यूएई में नाहयान परिवार के साथ सीधा संवाद कर रहे थे। वहीं भारत और यूएई के रिश्तों में एक ताजा कड़ी बीते सप्ताह जब जुड़ी जब अबू-धाबी में आईआईटी दिल्ली का नया कैम्पस खुला जहां क्राउन प्रिंस खुद मौजूद थे। वहीं अब क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नायहान दिल्ली आए तो नई साझेदारी के करार किए। 

बीते एक दशक में भारत और यूएई के रिश्तों ने एक बड़ी करवट देखी है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कारोबार में जहां कई गुना का उछाल आया है। साल 2013-14 में जहां दोनों देशों का आपसी कारोबार 59.53 अरब डॉलर था वहीं 2022-23 में इसका आंकड़ा 84 अरब डॉलर को पार कर गया। दोनों देशों के बीच 2022 में हुए समग्र आर्थिक सहयहो समझौते CEPA ने कारोबारी रिश्तों में साझेदारी के नए दरवाजे खोले। 

खाड़ी मुल्कों के इलाके में मौजूद 80 लाख से ज्यादा की आबादी में से 35 लाख अकेले यूएई में रहते हैं।  भारतीयों की यह बड़ी आबादी भी दोनों देशों की साझेदारी को  मजबूत करती है।
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