{"_id":"68dfe6cc290befe8580d3b5b","slug":"indian-army-further-strengthen-its-security-shield-considering-purchasing-batch-s-400-shined-operation-sindoor-2025-10-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"Army: भारत और S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की बना रहा योजना; पुतिन की यात्रा के दौरान बन सकती है बात","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
    Army: भारत और S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की बना रहा योजना; पुतिन की यात्रा के दौरान बन सकती है बात
 
            	    न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली             
                              Published by: हिमांशु चंदेल       
                        
       Updated Fri, 03 Oct 2025 08:38 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                भारत अपनी वायु सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए रूस से अतिरिक्त एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है। 2018 में हुई पांच अरब डॉलर की डील के तहत भारत पहले ही तीन स्क्वाड्रन हासिल कर चुका है।
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                        S-400 Missile Defence System
                                    - फोटो : ANI 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                भारत ने अपनी वायु सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। दुश्मन पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों के बीच भारत रूस से अतिरिक्त एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है। ये सिस्टम हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में बेहद प्रभावी साबित हुए।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर छह से सात दिसंबर के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान बातचीत हो सकती है। भारत ने अक्तूबर 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर की डील कर एस-400 के पांच यूनिट खरीदे थे। इनमें से तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं और बाकी की डिलीवरी प्रक्रिया जारी है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
अमेरिका की आपत्ति, भारत का ठोस रुख
उस समय अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इस डील के चलते सीएएटीएसए के तहत भारत पर प्रतिबंध लग सकते हैं। लेकिन भारत ने साफ कर दिया था कि अपनी सुरक्षा को लेकर वह किसी दबाव में नहीं आएगा। भारत की यही मजबूती पाकिस्तान और चीन को असहज कर रही है, क्योंकि एस-400 जैसे एडवांस सिस्टम उनकी मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के लिए बड़ा खतरा हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
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वायुसेना प्रमुख का बयान
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या भारत अतिरिक्त बैच खरीदेगा तो उन्होंने सीधे जवाब नहीं दिया। लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि और सिस्टम लेने की आवश्यकता है। उनका कहना था “यह साबित हो चुका है कि यह अच्छा हथियार है। हमारी अपनी तकनीक भी विकसित हो रही है। हम सही समय पर फैसला लेंगे।”
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 की ताकत
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 ने भारत की वायु रक्षा को मजबूत करते हुए अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। यह सिस्टम दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को दूर से ही निशाना बनाने में सक्षम है। पाकिस्तान की वायुसेना के पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, जिससे उसकी कमजोरी और साफ हो गई है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
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एस-500 पर भी नजर
सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत भविष्य में एस-500 मिसाइल सिस्टम पर भी विचार कर सकता है। यह और भी आधुनिक तकनीक वाला सिस्टम है, जो लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम होगा। पाकिस्तान की आक्रामक नीतियों और चीन की विस्तारवादी रणनीतियों को देखते हुए भारत का यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                                                                   
                                                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
                                      
 
सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर छह से सात दिसंबर के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान बातचीत हो सकती है। भारत ने अक्तूबर 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर की डील कर एस-400 के पांच यूनिट खरीदे थे। इनमें से तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं और बाकी की डिलीवरी प्रक्रिया जारी है।
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            अमेरिका की आपत्ति, भारत का ठोस रुख
उस समय अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इस डील के चलते सीएएटीएसए के तहत भारत पर प्रतिबंध लग सकते हैं। लेकिन भारत ने साफ कर दिया था कि अपनी सुरक्षा को लेकर वह किसी दबाव में नहीं आएगा। भारत की यही मजबूती पाकिस्तान और चीन को असहज कर रही है, क्योंकि एस-400 जैसे एडवांस सिस्टम उनकी मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के लिए बड़ा खतरा हैं।
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वायुसेना प्रमुख का बयान
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या भारत अतिरिक्त बैच खरीदेगा तो उन्होंने सीधे जवाब नहीं दिया। लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि और सिस्टम लेने की आवश्यकता है। उनका कहना था “यह साबित हो चुका है कि यह अच्छा हथियार है। हमारी अपनी तकनीक भी विकसित हो रही है। हम सही समय पर फैसला लेंगे।”
ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 की ताकत
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 ने भारत की वायु रक्षा को मजबूत करते हुए अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। यह सिस्टम दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को दूर से ही निशाना बनाने में सक्षम है। पाकिस्तान की वायुसेना के पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, जिससे उसकी कमजोरी और साफ हो गई है।
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एस-500 पर भी नजर
सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत भविष्य में एस-500 मिसाइल सिस्टम पर भी विचार कर सकता है। यह और भी आधुनिक तकनीक वाला सिस्टम है, जो लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम होगा। पाकिस्तान की आक्रामक नीतियों और चीन की विस्तारवादी रणनीतियों को देखते हुए भारत का यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।
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