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Manipur: राहत कैंपों से अपने घर के लिए निकले विस्थापितों की सुरक्षा बलों से झड़प, इंफाल में हालात तनावपूर्ण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंफाल
Published by: पवन पांडेय
Updated Mon, 24 Nov 2025 02:21 PM IST
सार
मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण है। दरअसल, राहत कैंपों में रह रहे सैकड़ों अंदरूनी तौर पर विस्थापित लोगों ने अपने घर लौटने की कोशिश की है। हालांकि सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद मौके पर तीखी झड़प भी हुई है।
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इंफाल पूर्व में सुरक्षा बलों से विस्थापितों का संघर्ष
- फोटो : ANI
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विस्तार
मणिपुर में राहत कैंपों में रह रहे सैकड़ों अंदरूनी तौर पर विस्थापित लोगों (आईडीपी) ने सोमवार को अपने पैतृक घरों की ओर लौटने की कोशिश की, जिसके दौरान उनकी सुरक्षा बलों से तीखी झड़प हो गई। यह घटनाएं इंफाल पूर्व जिले के पुंखाओ और डोलैथाबी डैम के पास हुईं। जानकारी के मुताबिक, इकोउ, डोलैथाबी और येंगखुमन इलाकों के विस्थापित लोग राहत कैंपों से घर लौटने के लिए निकले, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें बीच रास्ते रोक दिया। वहीं इस दौरान भीड़ बढ़ने और तनाव बढ़ने पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
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संगाई महोत्सव के बीच विस्थापितों का प्रदर्शन तेज
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य में संगाई महोत्सव आयोजित हो रहा है, जिससे सरकार खुद संकेत दे रही है कि हालात सामान्य हो चुके हैं। इसलिए उन्हें भी घर लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए। एक प्रदर्शनकारी, एस. कुमारजीत मीतै ने कहा, 'हममें से ज्यादातर किसान हैं। घर छोड़ने के बाद हमारी रोजी-रोटी ठप हो गई है। सरकार कहती है कि हालात सामान्य हैं, तो फिर हमें घर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा? सुरक्षा बलों को उग्रवादियों से निपटना चाहिए, हमें कैंपों में कैद नहीं रखना चाहिए।'
भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने दागे आंसू गैस
हालात तब बिगड़ गए जब कुछ गुस्साए प्रदर्शनकारी संवेदनशील इलाकों की ओर बढ़ने लगे। इसके बाद सुरक्षा बलों ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस का उपयोग किया। इकोउ, डोलैथाबी और येंगखुमन इलाके इंफाल पूर्व के पहाड़ी हिस्सों में आते हैं और कुकी-बहुल कांगपोकपी जिले से सटे हैं। इन इलाकों में 2023 में भयंकर जातीय हिंसा हुई थी।
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2023 में जातीय संघर्ष में 260 अधिक की हुई थी मौत
बता दें कि, मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी जातीय संघर्ष में अब तक 260 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों परिवार बेघर होकर राहत कैंपों में रह रहे हैं।
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संगाई महोत्सव के बीच विस्थापितों का प्रदर्शन तेज
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य में संगाई महोत्सव आयोजित हो रहा है, जिससे सरकार खुद संकेत दे रही है कि हालात सामान्य हो चुके हैं। इसलिए उन्हें भी घर लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए। एक प्रदर्शनकारी, एस. कुमारजीत मीतै ने कहा, 'हममें से ज्यादातर किसान हैं। घर छोड़ने के बाद हमारी रोजी-रोटी ठप हो गई है। सरकार कहती है कि हालात सामान्य हैं, तो फिर हमें घर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा? सुरक्षा बलों को उग्रवादियों से निपटना चाहिए, हमें कैंपों में कैद नहीं रखना चाहिए।'
भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने दागे आंसू गैस
हालात तब बिगड़ गए जब कुछ गुस्साए प्रदर्शनकारी संवेदनशील इलाकों की ओर बढ़ने लगे। इसके बाद सुरक्षा बलों ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस का उपयोग किया। इकोउ, डोलैथाबी और येंगखुमन इलाके इंफाल पूर्व के पहाड़ी हिस्सों में आते हैं और कुकी-बहुल कांगपोकपी जिले से सटे हैं। इन इलाकों में 2023 में भयंकर जातीय हिंसा हुई थी।
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2023 में जातीय संघर्ष में 260 अधिक की हुई थी मौत
बता दें कि, मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी जातीय संघर्ष में अब तक 260 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों परिवार बेघर होकर राहत कैंपों में रह रहे हैं।