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PAK: महिला आतंकियों की भर्ती के लिए जैश का कोर्स शुरू, मसूद अजहर की बहनें रोज देंगी ऑनलाइन ट्रेनिंग, फीस 500
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: लव गौर
Updated Thu, 23 Oct 2025 05:38 AM IST
सार
आतंकी मसूद अजहर की जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान में महिला आतंकियों को तैयार करने के लिए कोर्स शुरू किया है। जिसकी कमान मसूद ने अपनी बहन को सौंपी है।
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पाकिस्तान में महिलाओं को आतंकी बनाने का कोर्स
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स का नाम तुफ़त अल-मुमिनात रखा गया है। कोर्स के जरिये जैश की महिला ब्रिगेड जमात उल-मुमिनात के लिए फंड जुटाएं जाएंगे व महिलाओं की भर्ती की जाएगी।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक 8 नवंबर से शुरू होने वाले इस कोर्स में रोज 40 मिनट की ऑनलाइन कक्षाएं होंगी। इन कक्षाओं का संचालन मसूद अजहर की दो बहनें- सादिया अजहर और समैरा अजहर करेंगी। इन कक्षाओं के जरिये जैश की कोशिश महिलाओं को इस्लाम और जिहाद के प्रति उनकी भूमिका समझाना है। इस कोर्स में हर महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये लिए जा रहे हैं। इस रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाएगा।
प्रतिभागियों से ऑनलाइन फॉर्म भी भरवाया जा रहा है। जैश ने अपनी ब्रिगेड जमात उल-मुमिनात की कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को सौंपी है। सादिया का शौहर यूसुफ अजहर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर में भारतीय वायुसेना के हमले में मारा गया था। मसूद अजहर ने इस काम में अपनी एक और बहन साफिया और पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की बीवी अफरीरा फारूक को भी शामिल किया है।
ऑनलाइन भर्ती का मकसद
रूढ़िवादी सोच के चलते पाकिस्तानी समाज में महिलाओं का अपने बूते बाहर आना-जाना असामान्य माना जाता है। इसी मानसिकता का फायदा उठाकर जैश-ए-मोहम्मद अब ऑनलाइन माध्यमों के जरिये महिलाओं की भर्ती कर रहा है, जिससे एक महिला आतंकी ब्रिगेड खड़ी की जा सके। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्रिगेड भविष्य में आईएसआईएस या हमास की तर्ज पर आत्मघाती हमलों में इस्तेमाल की जा सकती है।
पाक की दोहरी नीति का पर्दाफाश
पाकिस्तान लगातार दावा करता है कि उसने एफएटीएफ के दिशानिर्देशों के मुताबिक आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगा रखी है, लेकिन वास्तविकता यह है कि उसने जैश जैसे संगठनों को ऑनलाइन कक्षाएं करने और खुलेआम चंदा इकट्ठा करने की छूट दे रखी है।
हाल की गतिविधियां
मसूद अजहर ने 8 अक्टूबर को जैश की महिला विंग की घोषणा की थी। 19 अक्तूबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के रावलकोट में दुख़तरान-ए-इस्लाम नाम का कार्यक्रम किया गया। 27 सितंबर को बहावलपुर के मर्कज़ उस्मान-ओ-अली में मसूद अजहर ने चंदे की सार्वजनिक अपील की थी।
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खुफिया सूत्रों के मुताबिक 8 नवंबर से शुरू होने वाले इस कोर्स में रोज 40 मिनट की ऑनलाइन कक्षाएं होंगी। इन कक्षाओं का संचालन मसूद अजहर की दो बहनें- सादिया अजहर और समैरा अजहर करेंगी। इन कक्षाओं के जरिये जैश की कोशिश महिलाओं को इस्लाम और जिहाद के प्रति उनकी भूमिका समझाना है। इस कोर्स में हर महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये लिए जा रहे हैं। इस रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाएगा।
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प्रतिभागियों से ऑनलाइन फॉर्म भी भरवाया जा रहा है। जैश ने अपनी ब्रिगेड जमात उल-मुमिनात की कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को सौंपी है। सादिया का शौहर यूसुफ अजहर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर में भारतीय वायुसेना के हमले में मारा गया था। मसूद अजहर ने इस काम में अपनी एक और बहन साफिया और पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की बीवी अफरीरा फारूक को भी शामिल किया है।
ऑनलाइन भर्ती का मकसद
रूढ़िवादी सोच के चलते पाकिस्तानी समाज में महिलाओं का अपने बूते बाहर आना-जाना असामान्य माना जाता है। इसी मानसिकता का फायदा उठाकर जैश-ए-मोहम्मद अब ऑनलाइन माध्यमों के जरिये महिलाओं की भर्ती कर रहा है, जिससे एक महिला आतंकी ब्रिगेड खड़ी की जा सके। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्रिगेड भविष्य में आईएसआईएस या हमास की तर्ज पर आत्मघाती हमलों में इस्तेमाल की जा सकती है।
पाक की दोहरी नीति का पर्दाफाश
पाकिस्तान लगातार दावा करता है कि उसने एफएटीएफ के दिशानिर्देशों के मुताबिक आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगा रखी है, लेकिन वास्तविकता यह है कि उसने जैश जैसे संगठनों को ऑनलाइन कक्षाएं करने और खुलेआम चंदा इकट्ठा करने की छूट दे रखी है।
हाल की गतिविधियां
मसूद अजहर ने 8 अक्टूबर को जैश की महिला विंग की घोषणा की थी। 19 अक्तूबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के रावलकोट में दुख़तरान-ए-इस्लाम नाम का कार्यक्रम किया गया। 27 सितंबर को बहावलपुर के मर्कज़ उस्मान-ओ-अली में मसूद अजहर ने चंदे की सार्वजनिक अपील की थी।