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CRPF: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सीआरपीएफ जवान को बुरी तरह से पीटा, पहचान पत्र दिखाया...फिर भी मारती रही पुलिस

Jitendra Bhardwaj जितेंद्र भारद्वाज
Updated Fri, 27 Jun 2025 08:10 PM IST
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सार

जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के जवान के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। जम्मू कश्मीर पुलिस पर मारपीट का आरोप लगा है। बताया गया है कि सीआरपीएफ जवान प्रतिबंधित क्षेत्र में स्थित दूधपथरी के एक झरने में नहा रहा था। इसी दौरान यह घटना हुई।

Jammu Kashmir police beat up a CRPF jawan, he showed his identity card to SDPO but police kept beating him
सीआरपीएफ - फोटो : ANI
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विस्तार
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देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ', के जवान आतंकवाद ग्रस्त जम्मू-कश्मीर, नक्सल और उत्तर-पूर्व के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कठिन ड्यूटी दे रहे हैं। वे जोखिम भरे ऑपरेशनों को अंजाम देते हैं। वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा करते हैं। अब इसी बल के एक जवान को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बुरी तरह से पीटा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा में तैनात वह जवान जेएंडके में छुट्टी पर अपने घर आया हुआ था। सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर (एसडीपीओ) खानसाहिब को सीआरपीएफ जवान ने अपना पहचान पत्र भी दिखाया, लेकिन पुलिस उसे मारती रही। आरोप है कि पुलिस ने जवान का मोबाइल फोन भी छीन लिया। हालांकि उसे देर शाम वापस लौटा दिया गया। यह मामला सीआरपीएफ मुख्यालय के संज्ञान में है। बताया गया है कि सीआरपीएफ जवान प्रतिबंधित क्षेत्र में स्थित दूधपथरी के एक झरने में नहा रहा था। 
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सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ की 217 वीं बटालियन का सिपाही 'जीडी' आशिक हुसैन, सुकमा में तैनात है। फिलहाल वह छुट्टी पर अपने घर आया हुआ है। हुसैन ने दूधपथरी 'बड़गाम' के एक झरने में नहाने की कोशिश की। इस बाबत उसे पकड़ लिया गया। सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर, खानसाहिब की मौजूदगी में सीआरपीएफ के सिपाही से पूछताछ शुरु की गई। जवान ने एसडीपीओ को बताया कि वह सुकमा में तैनात है। इन दिनों वह अवकाश पर आया है। वह इस झरने में नहाने के लिए आया है। इससे ज्यादा उसका कोई मकसद नहीं है। 
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जेकेपी और एसडीपीओ खानसाहिब ने सीआरपीएफ जवान की बात पर भरोसा नहीं किया। इससे पहले कि जवान कुछ और बता पाता, उसकी पिटाई शुरु कर दी गई। जवान ने एसडीपीओ को अपना पहचान पत्र भी दिखाया, मगर उन्होंने नहीं माना। दोबारा से जवान की पिटाई की गई। जवान के करीबियों ने बताया, पुलिस ने यह सब एसडीपीओ की मौजूदगी में किया। आशिक हुसैन, गुहार लगाता रहा कि सीआरपीएफ का जवान है। जेकेपी ने पहचान पत्र देखने के बावजूद उसे नहीं छोड़ा। बाद में जवान का मोबाइल फोन भी ले लिया गया। हालांकि उसे शाम को वापस कर दिया गया। 

सीआरपीएफ सूत्रों का कहना है कि इस घटना से जवानों में रोष व्याप्त है। वैध पहचान पत्र दिखाने के बावजूद, जवान के साथ बदसलूकी की गई। उसे बेरहमी से पीटा गया। उसके मोबाइल फोन में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। तभी जेकेपी ने देर शाम मोबाइल फोन वापस लौटा दिया। आरोप है कि सीआरपीएफ जवान की पिटाई के बाद उससे कहा गया कि वह इस मामले को तूल देने का प्रयास नहीं करे। किसी भी चैनल के जरिए इस घटना की रिपोर्ट न करे। यही वजह रही कि सीआरपीएफ कांस्टेबल ने इस मामले की आधिकारिक रूप से रिपोर्ट नहीं की। 

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सीआरपीएफ के श्रीनगर कार्यालय द्वारा इस संबंध में जेकेपी से बात की गई। वहां पर बताया गया कि कथित तौर पर, सीआरपीएफ जवान, दूधपथरी के एक झरने में नहा रहा था। दूधपथरी क्षेत्र में लोगों की किसी भी तरह की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा है। इस प्रतिबंध के पीछे सुरक्षा कारण बताया गया है। पुलिस का आरोप है कि जवान को प्रतिबंधित क्षेत्र के बारे में पता था, फिर भी वह उस क्षेत्र में घुस गया। सीआरपीएफ हेडक्वार्टर के सूत्र बताते हैं कि इस बाबत जेकेपी के साथ बातचीत कर मामले की सच्चाई का पता लगाया जा रहा है। दूसरी तरफ जवानों का कहना है कि दुर्व्यवहार की घटनाएं तो पहले भी होती रही हैं। सीआरपीएफ जवान, मुश्किल परिस्थितियों में ड्यूटी करते हैं। इसके बावजूद उनके साथ पुलिस द्वारा सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जाता। 

 
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