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Karnataka: कर्नाटक विधानसभा से 'हेट स्पीच और हेट क्राइम्स रोकथाम विधेयक, 2025' पारित, सजा में संशोधन भी मंजूर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेलगावी Published by: पवन पांडेय Updated Thu, 18 Dec 2025 03:36 PM IST
सार

कर्नाटक में राज्य सरकार की तरफ से पेश किया गया हेट स्पीच और हेट क्राइम्स रोकथाम विधेयक, 2025 विधानसभा से पारित कर दिया गया है। गृह मंत्री ने बताया कि इस कानून का मकसद नफरत भरे भाषण और नफरत से जुड़े अपराधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना है, ताकि ऐसे मामलों पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

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Karnataka Assembly passes Hate Speech and Hate Crimes Prevention Bill, 2025 with amendment
कर्नाटक विधानसभा में सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार (फाइल फोटो) - फोटो : ANI
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विस्तार
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कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को समाज में नफरत, दुश्मनी और वैमनस्य फैलाने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए हेट स्पीच और हेट क्राइम्स रोकथाम विधेयक, 2025 पारित कर दिया। विधेयक पर बेलगावी में चर्चा हुई, जिसमें गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने इसके प्रावधानों और जरूरत को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि हेट स्पीच का मतलब किसी व्यक्ति, समुदाय या संगठन (जीवित या मृत) के खिलाफ नफरत फैलाने वाली बातों का कहना, लिखना, छापना, फैलाना या उकसाना है, जिससे समाज में दुश्मनी, घृणा या वैमनस्य पैदा हो।
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'कुछ बयान सीधे तौर पर हिंसा भड़काते हैं'
परमेश्वर ने कहा कि कुछ बयान सीधे तौर पर हिंसा भड़काते हैं या एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करते हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़ा और साफ कानून जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अखबारों में ऐसे बयान छपते रहे हैं, जिनमें किसी समुदाय के खिलाफ हिंसा की बात कही जाती है या उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाया जाता है।

कानून के तहत सजा का प्रावधान
नए कानून के तहत हेट क्राइम करने वाले को कम से कम एक साल और अधिकतम सात साल की जेल, साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना होगा। अगर कोई व्यक्ति बार-बार ऐसा अपराध करता है, तो सजा और कड़ी होगी। दोहराए गए अपराध में कम से कम दो साल की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।

सजा के संशोधन को मिली मंजूरी
चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि अधिकतम सजा को पहले प्रस्तावित 10 साल से घटाकर 7 साल किया जाए। उनका कहना था कि कानूनी ढांचे के भीतर रहते हुए सात साल की सजा पर्याप्त है। विधानसभा ने इस संशोधन को मंजूरी दे दी।

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विधेयक पर नेताओं की प्रतिक्रिया
राज्य मंत्री बैराठी सुरेश ने कहा, 'हेट स्पीच बिल का विरोध करने का क्या मतलब है? हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि समाज में नफरत भरा भाषण नहीं होना चाहिए।' वहीं, कांग्रेस विधायक एनए हारिस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, 'भाजपा सरकार के हर अच्छे कदम का विरोध करती है। उनके लिए राजनीति समाज से ऊपर है। हम ऐसा समाज चाहते हैं जहां नफरत की कोई जगह न हो और सभी मिल-जुलकर शांति से रह सकें।'
 

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