सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   karnataka High court rejects state appeal against stay on government order curbing activities in public spaces

Karnataka: कर्नाटक सरकार को फिर झटका, संघ की गतिविधियों पर रोक के फैसले पर स्टे के खिलाफ याचिका खारिज

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू Published by: नितिन गौतम Updated Thu, 06 Nov 2025 01:43 PM IST
सार

सिंगल जज की पीठ ने 28 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान अपने आदेश में सरकारी आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी थी। पीठ ने पूछा था, 'अगर लोग एक साथ चलना चाहते हैं, तो क्या इसे रोका जा सकता है?'
 

विज्ञापन
karnataka High court rejects state appeal against stay on government order curbing activities in public spaces
कर्नाटक हाईकोर्ट। - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट के पूर्व में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। पूर्व में एक सिंगल जज की पीठ ने राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें सार्वजनिक जगहों पर निजी संगठनों की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया था। अब सरकार ने सिंगल जज पीठ के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, लेकिन सरकार को यहां से भी निराशा हाथ लगी। जस्टिस एस जी पंडित और गीता के बी की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह सरकार के फैसले पर लगे स्टे को हटाने के लिए उन्हीं सिंगल जज से संपर्क करे। 
Trending Videos


सरकार के किस आदेश पर हो रहा विवाद
कर्नाटक सरकार ने बीते दिनों एक आदेश जारी किया था, जिसमें सार्वजनिक जगहों पर निजी संगठनों की गतिविधियों के लिए सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया था। सरकारी आदेश के अनुसार, आदेश का उल्लंघन करके आयोजित किया गया कोई भी कार्यक्रम या जुलूस भारतीय न्याय संहिता (BNS) अधिनियम के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी माना जाएगा। हालांकि सरकारी आदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि आदेश के प्रावधानों का मकसद हिंदू दक्षिणपंथी संगठन की गतिविधियों, रूट मार्च पर असर डालना है।
विज्ञापन
विज्ञापन


28 अक्तूबर को पीठ ने सरकारी आदेश पर लगाई रोक
सिंगल जज की पीठ ने 28 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान अपने आदेश में सरकारी आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी थी। पीठ ने पूछा था, 'अगर लोग एक साथ चलना चाहते हैं, तो क्या इसे रोका जा सकता है?'

हाईकोर्ट ने सिंगल जज पीठ से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया
सरकार की याचिका पर दो जजों की बेंच ने सुझाव दिया कि राज्य अपील दायर करने के बजाय सिंगल जज से स्पष्टीकरण मांगे। सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट-जनरल शशि किरण शेट्टी ने कहा कि यह आदेश रैलियों और जुलूसों जैसे संगठित कार्यक्रमों के लिए है, न कि अनौपचारिक मुलाकातों के लिए। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही विरोध प्रदर्शनों को फ्रीडम पार्क और खेल आयोजनों को कांतीरवा स्टेडियम तक सीमित कर चुकी है।

ये भी पढ़ें- H-Bomb: राहुल गांधी की 'स्वीटी' को तलाशने में जुटे इंटरनेट यूजर्स, दावे पर जानें ब्राजीली मॉडल की प्रतिक्रिया

वहीं सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने वाले संगठन पुनश्चेतना सेवा संस्था और वी केयर फाउंडेशन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अशोक हरनाहल्ली ने कहा कि सरकार की अपील सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा, 'इस नियम के तहत क्रिकेट खेलने वाले समूह को भी रोजाना अनुमति लेनी होगी।' दोनों पक्षों को सुनने के बाद, बेंच ने सिंगल जज द्वारा दी गई रोक के खिलाफ सरकार की अपील खारिज कर दी। सिंगल जज के सामने मुख्य याचिका 17 नवंबर को सुनवाई के लिए लिस्टेड है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed