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NYC Mayor Election: India benefits from anti-Modi Zohran Mamdani's victory, will Trump bow down?
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NYC Mayor Election: मोदी विरोधी जोहरान ममदानी की जीत से भारत को फायदा, क्या झुकेंगे ट्रंप?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Thu, 06 Nov 2025 04:00 PM IST
भारतीय मूल के जोहरान ममदानी की न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में जीत से भारतीय मूल के लोग बेहद खुश और उत्साहित हैं। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने न्यूयॉर्क शहर के नवनिर्वाचित मेयर जोहरान ममदानी की जीत का स्वागत किया और उनकी जीत को ऐतिहासिक बताया। है कि यह इस बात का संकेत है कि अब अमेरिका में अप्रवासियों की कहानियां ही सोच को आकार दे रही हैं।भारतीय मूल के जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के नए मेयर होंगे. ममदानी की जीत डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के लिए बड़ा झटका है. सत्ता पर काबिज रिपब्लिकन पार्टी को सिर्फ न्यू यॉर्क ही नहीं, न्यू जर्सी और वर्जिनिया में भी हार का सामना करना पड़ा. ममदानी वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी हैं, लेकिन उनकी जीत भारत के लिए राहत लेकर आई है. ये परिणाम व्हाइट हाउस के लिए भी मैसेज है.इन चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवारों की करारी हार ने पार्टी को आत्मचिंतन के लिए मजबूर कर दिया है.
जानकार इसे रिपब्लिकन नेताओं की भारत विरोधी बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराते हैं. उनका मानना है कि भारतीय-अमेरिकी, दक्षिण एशियाई रिपब्लिकन पार्टी से दूर हो गए हैं.विशेषज्ञों का दावा है कि 2024 में ट्रंप को वोट देने वाले भारतीय-अमेरिकियों ने वर्जीनिया में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार को वोट दिया. उन्होंने इसके लिए टकर कार्लसन, निक फ्यूएंट्स और कैंडेस ओवेन्स जैसे नेताओं की भारत विरोधी बयानों को जिम्मेदार ठहराया. एक्सपर्ट्स ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी की भारत विरोधी बयानबाजी बेकाबू हो गई थी. ये अब भी चरम पर है.न्यू यॉर्क सपनों का शहर रहा है. इसे प्रवासियों का शहर भी कहा जाता है. दुनियाभर के लोग वहां जाकर अपने सपनों को साकार करते हैं. जैसे भारत में प्रयागराज या पटना का कोई युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की ख्वाहिश रखता है. न्यू यॉर्क शहर दुनियाभर के युवाओं के लिए वैसा ही है. कई भारतीय माता-पिता जो अपने बच्चों को अमेरिका भेजना चाहते हैं, उनके लिए न्यू यॉर्क शहर टॉप पर रहता है. इसका मतलब है कि न्यू यॉर्क शहर के मेयर जो करते हैं उसका सीधा असर इस बात पर पड़ता है कि वहां रहना कितना महंगा है, वहां आना-जाना कितना सुरक्षित है, वहां हवा की गुणवत्ता कितनी अच्छी है और दुनिया का सबसे बड़ा शहर कितना स्वतंत्र है.भारतवंशियों के एक सामुदायिक संगठन 'इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड' ने मंगलवार के विभिन्न चुनाव नतीजों पर कहा कि 'इन चुनाव नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि चाहे वह सिटी काउंसिल हो, मेयर हो, या राष्ट्रीय पद हो, दक्षिण एशियाई अमेरिकी इस देश के राजनीतिक भविष्य का हिस्सा हैं।'अमेरिका में विभिन्न राज्यों में हुए गवर्नर और सीनेट के चुनाव नतीजों पर संगठन ने कहा कि पूरे अमेरिका में उसके 19 समर्थित उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। जिसमें वर्जीनिया की पहली दक्षिण एशियाई महिला नवनिर्वाचित लेफ्टिनेंट गवर्नर गजाला हाशमी और न्यूयॉर्क के पहले दक्षिण एशियाई मेयर जोहरान ममदानी शामिल हैं। अन्य खास जीतों में सिनसिनाटी के मेयर आफताब पुरेवाल का दोबारा चुना जाना और जो खान का बक्स काउंटी, पेन्सिलवेनिया के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर चुना जाना शामिल है। इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड कार्यकारी निदेशक चिंतन पटेल ने जीतने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई दी।
डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में भारत को लेकर आक्रामक रहे हैं. उन्होंने अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत अप्रवासियों को निशाना बनाने के लिए कई कदम उठाए. रिपब्लिकन के कई बड़े नेताओं ने भारत-विरोधी, हिंदू-विरोधी मैसेज दिए. उन्होंने एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम को समाप्त करने की मांग की. पाकिस्तान से सीजफायर को लेकर ही ट्रंप अब तक कई बार दावे कर चुके हैं. वह टैरिफ बढ़ाते रहे हैं. रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए भारत पर दबाव बनाते हैं. भारत के मुकाबले पाकिस्तान को वाशिंगटन के ज्यादा करीब ला दिया है.न्यू यॉर्क और न्यू जर्सी वो शहर हैं जहां भारतीय अच्छी खासी संख्या में रहते हैं. अमेरिका में सबसे ज्यादा भारतीय न्यू यॉर्क में ही रहते हैं. न्यू यॉर्क और न्यू जर्सी जैसे शहरों में हारना ट्रंप के लिए सीधा मैसेज है. भारतीयों का वोट उन्हें पाना है तो भारत के प्रति सॉफ्ट रहना होगा. ट्रंप अगर ये सोच रहे हैं कि भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाकर वो चुनाव जीत लेंगे तो ये नहीं हो सकता. ममदानी की जीत अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है. जब 2028 के राष्ट्रपति चुनावों की दौड़ शुरू होगी, तब तक डेमोक्रेटिक पार्टी के मेयरों और गवर्नरों को अपने कार्यकाल का लगभग डेढ़ वर्ष पूरा हो चुका होगा. अगर वे अपने-अपने प्रशासन में सफल होते हैं, तो उनका शासन मॉडल ट्रंप के उत्तराधिकारी के खिलाफ डेमोक्रेटिक रणनीति का उदाहरण बन सकता है, लेकिन अगर ये प्रयोग असफल रहते हैं, तो यह मतदाताओं के लिए सावधान करने वाला संकेत होगा, जो भविष्य में पार्टी के प्रति उनके दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकता है.
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