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Naxalism in Chhattisgarh: Surrendered Naxalite Suklal Jurri made several sensational revelations, told the who
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Naxalism In Chhattisgarh:आत्मसमर्पित नक्सली सुकलाल जुर्री ने किए कई सनसनीखेज खुलासे, बताई पूरी कहानी
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Wed, 05 Nov 2025 01:07 AM IST
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आत्मसमर्पित नक्सली सुकलाल जुर्री ने बताया, "मैं डॉक्टर का काम करता था और लोगों को बचाता था उनका इलाज करता था। मैंने 20 अगस्त 2025 को पुलिस के सामने आत्मसर्पण किया। 2006 में मैं नक्सली संगठन से जुड़ा वहीं मुझे डॉक्टर का काम सिखाया गया और पढ़ाई की.19-20 साल से मैं काम कर रहा था। 2025 में पुलिस की तरफ से बहुत ज्यादा गश्त की जाने लगी और खोजबीन होने लगी तब मुझे लगा कि सरेंडर करने से ही हम बच पाएंगे। पहले भय था कि हम नहीं बच पाएंगे
नक्सलियों क आत्मसमर्पण पर SP रॉबिन्सन गुरिया ने कहा, "अभी अबूझमाड़ इलाके में करीब 80% नक्सली सरेंडर कर चुके हैं.अभी अबूझमाड़ का करीब दो तिहाई इलाका हमारे कब्जे में है। कुछ जगह हैं जहां गतिविधि अभी भी जारी है। विभिन्न ऑपरेशन के माध्यमों से हम वहां काम कर रहे हैं। हम जल्द ही उन्हें खत्म कर देंगे।"
सुकलाल जुर्री ने अपनी पत्नी और छह अन्य सहयोगियों के साथ नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया। वह एक डिविजनल कमेटी सदस्य था और उस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अधिकारियों ने सुकलाल के आत्मसमर्पण को बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के पतन के प्रमाण के रूप में देखा है।
जुर्री ने आत्मसमर्पण करने के दो मुख्य कारण बताए। पहला, 2023 से सुरक्षाबलों के अभियानों का तेज होना और उनका अबूझमाड़ के हर कोने में घुसपैठ करना, जिसके कारण बड़े नक्सली नेताओं की मौत हुई। दूसरा, वह नक्सली विचारधारा से मोहभंग हो गया था और पुनर्वास योजना 'लोन वर्राटू' से प्रेरित हुआ। जुर्री का कहना था कि ग्रामीणों के साथ उसके स्नेहपूर्ण व्यवहार के कारण उसे 'डॉक्टर सुकलाल' का नाम मिला था।
आत्मसमर्पण के बाद, जुर्री और उसके साथियों ने स्वतंत्रता और निडरता के साथ दीपावली मनाई। जुर्री ने बताया कि यह उनकी पहली दिवाली थी जब वह बिना किसी डर के खरीदारी कर रहे थे। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को तत्काल 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत उनकी मदद की जाएगी, जिसका उद्देश्य उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाना है।
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