भोजपुरी सिनेमा की चकाचौंध के पीछे एक बार फिर फर्जी वीडियो की साजिश ने हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर 15 साल की उभरती भोजपुरी एक्ट्रेस काजल कुमारी का कथित MMS वीडियो वायरल हुआ, जिसने उनके करियर और इमेज दोनों पर बड़ा असर डाला। लेकिन जांच में सच्चाई कुछ और ही निकली वीडियो पूरी तरह फर्जी और AI से एडिट किया गया था।
साल 2010 में बिहार के विक्रमगंज में जन्मीं काजल कुमारी ने बहुत छोटी उम्र में भोजपुरी सिनेमा में पहचान बनाई। वे सुपरस्टार खेसारी लाल यादव के साथ कई म्यूजिक वीडियोज और स्टेज शो में नज़र आ चुकी हैं। इंस्टाग्राम पर उनकी रील्स लाखों व्यूज़ बटोरती हैं। एक्टिंग के साथ-साथ काजल सिंगिंग में भी सक्रिय हैं और सोशल मीडिया पर उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। लेकिन 2025 में, उनका नाम एक वायरल MMS से जुड़ गया जिसने सबका ध्यान उनकी कला से हटाकर विवादों की ओर मोड़ दिया।
कुछ दिन पहले इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब पर ‘Kajal Kumari Viral Video 2025’ नाम से एक वीडियो तेजी से फैलने लगा। ट्विटर (अब X) पर #KajalKumariMMSLeak ट्रेंड करने लगा। कई भोजपुरी फैन पेजों पर इस वीडियो को असली बताकर शेयर किया गया।
लेकिन जब डिजिटल जांच हुई, तो एक्सपर्ट्स ने पाया कि यह वीडियो AI Deepfake Technology से एडिट किया गया है। यानी वीडियो में मौजूद चेहरा असली नहीं था बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर पर काजल का चेहरा चिपकाया गया था।
काजल के परिवार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें धमकी भरे मैसेज मिले, जिनमें वीडियो हटाने के बदले 30 लाख रुपये की मांग की गई।
काजल ने खुद यूट्यूब पर आकर कहा, “यह वीडियो फर्जी है। कोई मेरी इज्जत मिटाने की कोशिश कर रहा है। मैं सिर्फ 15 साल की हूं और ये सब बहुत डराने वाला है।” परिवार ने उन मैसेजों के स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए और पुलिस से कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
डिजिटल एक्सपर्ट्स का कहना है कि AI डीपफेक तकनीक अब सोशल मीडिया का सबसे खतरनाक हथियार बन चुकी है। पहले भी भोजपुरी इंडस्ट्री में अक्षरा सिंह और त्रिशा कर मधु जैसी कलाकारों के साथ ऐसे ही फर्जी वीडियो फैलाए जा चुके हैं। इन घटनाओं ने न केवल कलाकारों की मानसिक स्थिति पर असर डाला, बल्कि दर्शकों के बीच भ्रम और नफरत भी फैलाई।
काजल कुमारी का मामला सिर्फ एक एक्ट्रेस की बदनामी की कोशिश नहीं, बल्कि यह बताता है कि AI तकनीक कितनी खतरनाक रूप ले चुकी है।
जहाँ एक ओर यह तकनीक मनोरंजन जगत के लिए नए अवसर खोलती है, वहीं दूसरी ओर यह किशोर कलाकारों की गरिमा और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गई है।
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