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Karnataka: बेलगावी में गन्ना किसानों का प्रदर्शन, ₹3,500 प्रति टन एमएसपी की मांग पर अड़े; BJP ने दिया समर्थन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेलगावी (कर्नाटक) Published by: शिवम गर्ग Updated Tue, 04 Nov 2025 02:45 PM IST
सार

कर्नाटक के बेलगावी में गन्ना किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। किसान 3500 रुपये प्रति टन न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं। भाजपा ने आंदोलन को समर्थन दिया है और कांग्रेस सरकार से किसानों की मांगें सुनने की अपील की है।

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Karnataka: Sugarcane farmers protest in Belagavi, demand ₹3500 per tonne MSP; BJP extends support
बी. वाई. विजयेंद्र - फोटो : एक्स/बी. वाई. विजयेंद्र
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विस्तार
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कर्नाटक के बेलगावी जिले में गन्ना किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। किसान 3,500 रुपये प्रति टन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। हसीरु सेना किसान संघ के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन में किसानों ने चीनी मिलों द्वारा दिए गए ₹3,200 प्रति टन के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। आंदोलन के चलते 26 चीनी मिलों में उत्पादन कार्य ठप पड़ गया है। किसान साफ कह रहे हैं कि जब तक ₹3,500 प्रति टन का रेट तय नहीं होगा, वे पीछे नहीं हटेंगे। मुदलागी शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि हजारों की संख्या में किसान सड़कों पर उतर आए। आंदोलन अब बेलगावी से बढ़कर अथनी, चिक्कोडी, हुक्केरी, बैलहोंगल, मुदलागी और गोकाक तक फैल गया है।

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किसानों के साथ छात्र भी सड़कों पर उतरे
गोकाक शहर में प्रदर्शन ने नया रूप ले लिया जब छात्र भी किसानों के साथ सड़कों पर उतर आए और कई जगहों पर रोड ब्लॉक कर दिए, जिससे ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारी किसानों ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह महाराष्ट्र की तरह गन्ना भुगतान मॉडल अपनाए, जिससे समय पर और पारदर्शी भुगतान सुनिश्चित हो सके।
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आंदोलन को समर्थन दिया
इस बीच, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र बेलगावी पहुंचे और किसानों के आंदोलन को अपनी पार्टी का समर्थन दिया। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार का रवैया किसानों के प्रति उदासीन है। आज किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। सरकार को उनकी जायज मांगें तुरंत माननी चाहिए। विजयेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार छह मिलियन टन गन्ने से 56,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाती है। इसके अलावा गुड़, इथेनॉल और बायोगैस से भी भारी आमदनी होती है। उन्होंने सवाल उठाया जब सरकार इतना मुनाफा कमा रही है, तो किसानों को उनका हक क्यों नहीं दिया जा रहा? यह दिखाता है कि कांग्रेस सरकार को किसानों की फिक्र नहीं है।

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किसानों की लड़ाई में साथ देना मेरा कर्तव्य
जब उनसे पूछा गया कि बड़े नेताओं के पास खुद की चीनी मिलें हैं, फिर भी समस्या क्यों हल नहीं हो रही, तो उन्होंने कहा हम सब जानते हैं कि मिलों के मालिक कौन हैं। मैं यहां केवल बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर नहीं, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री और किसान नेता बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे के रूप में आया हूं। किसानों की लड़ाई में साथ देना मेरा कर्तव्य है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वह तुरंत चीनी मिल मालिकों से बातचीत शुरू करे और किसानों की मांगें पूरी करे।

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