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Kerala Hijab Controversy: हिजाब विवाद ने पकड़ा तूल, डीडीई की रिपोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा स्कूल; बयान जारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोच्चि
Published by: लव गौर
Updated Thu, 16 Oct 2025 11:28 AM IST
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सार
Kerala Hijab Controversy: हिजाब विवाद पर शिक्षा उपनिदेशक (डीडीई) की रिपोर्ट के खिलाफ प्राइवेट स्कूल ने केरल हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है, जिसकी जानकारी एक बयान जारी करते हुए दी गई।

केरल के एक स्कूल में हिजाब को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है (फाइल फोटो)
- फोटो : ANI Photos
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विस्तार
केरल के एक स्कूल में हिजाब पहनकर आई छात्रा को कथित तौर पर क्लास से बाहर निकालने पर पनपा विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। घटना कोच्चि के पल्लुरुथी स्थित सेंट रीटा पब्लिक स्कूल की है, जो कि दो दिन की छुट्टी के बाद बुधवार (15 अक्तूबर) फिर से खुला, हालांकि शिकायतकर्ता छात्रा अनुपस्थित रही। अब हिजाब मुद्दे पर डीडीई की रिपोर्ट के खिलाफ चर्च की ओर से संचालित पब्लिक स्कूल केरल उच्च न्यायालय जाएगा।
हाईकोर्ट जाने की तैयारी में स्कूल
शिक्षा उपनिदेशक (डीडीई) की उस रिपोर्ट के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा, जिसमें संस्थान की ओर से चूक का आरोप लगाया गया है। सेंट रीटा पब्लिक स्कूल के अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) के अध्यक्ष जोशी कैथावलप्पिल ने बताया कि डीडीई की रिपोर्ट बिना उचित जाँच के प्रस्तुत की गई थी।
उन्होंने कहा, "हमने रिपोर्ट के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है। यह स्कूल प्रबंधन या पीटीए से उचित सुनवाई या स्थिति का आकलन किए बिना तैयार की गई थी। हमारे वकील जल्द ही इसके निष्कर्षों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करेंगे।" बता दें कि डीडीई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छात्रा को हिजाब पहनने के कारण स्कूल से जबरन निकाला गया, जो उसके शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। हालांकि, स्कूल ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि छात्रा को कक्षाओं में आने के उसके अधिकार से कभी वंचित नहीं किया गया।
दो दिनों तक स्कूल नहीं गई थी छात्रा
आठवीं कक्षा की छात्रा बुधवार और गुरुवार को स्कूल नहीं गई। जिस पर जोशी ने कहा, "हमें पता चला है कि उसकी तबियत ठीक नहीं है। मध्यावधि परीक्षाएं चल रही हैं।" इधर, छात्रा के माता-पिता ने बताया कि घटना के बाद उनकी बेटी की तबियत ठीक नहीं है और वह तनाव में है। उन्होंने कहा, "उसे बुखार है और वह बहुत परेशान है। हम उससे पूछेंगे कि क्या वह उसी स्कूल में पढ़ना जारी रखना चाहती है। अगर वह मान जाती है, तभी हम उसे वापस भेजेंगे।"
वहीं पीटीए ने उन खबरों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उसने माता-पिता से लिखित में यह आश्वासन मांगा था कि छात्रा बिना हिजाब पहने स्कूल आएगी। जोशी ने साफ किया, "हमने माता-पिता को इस तरह के किसी फैसले के बारे में नहीं बताया है। हालांकि कुछ अभिभावकों ने यह मुद्दा उठाया था, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया।"
छात्रा के माता-पिता ने यह भी कहा कि स्कूल ने कोई आश्वासन नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "अभी तक हमसे ऐसी कोई मांग नहीं की गई है।" गौरतलब है कि विवाद तब शुरू हुआ जब स्कूल ने अपनी ड्रेस कोड नीति का हवाला देते हुए छात्रा के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई। इसके बाद स्कूल ने इस हफ्ते की शुरुआत में छात्रों के लिए दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी।
स्कूल को सुरक्षा देने के निर्देश
10 अक्टूबर को छात्रा के माता-पिता अन्य लोगों के साथ स्कूल गए और प्रबंधन के फैसले पर सवाल उठाए। घटना के बाद केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को स्कूल को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। बुधवार को सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने शुरुआत में स्कूल की आलोचना की, लेकिन बाद में कहा कि मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है।

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हाईकोर्ट जाने की तैयारी में स्कूल
शिक्षा उपनिदेशक (डीडीई) की उस रिपोर्ट के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा, जिसमें संस्थान की ओर से चूक का आरोप लगाया गया है। सेंट रीटा पब्लिक स्कूल के अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) के अध्यक्ष जोशी कैथावलप्पिल ने बताया कि डीडीई की रिपोर्ट बिना उचित जाँच के प्रस्तुत की गई थी।
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उन्होंने कहा, "हमने रिपोर्ट के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है। यह स्कूल प्रबंधन या पीटीए से उचित सुनवाई या स्थिति का आकलन किए बिना तैयार की गई थी। हमारे वकील जल्द ही इसके निष्कर्षों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करेंगे।" बता दें कि डीडीई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छात्रा को हिजाब पहनने के कारण स्कूल से जबरन निकाला गया, जो उसके शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। हालांकि, स्कूल ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि छात्रा को कक्षाओं में आने के उसके अधिकार से कभी वंचित नहीं किया गया।
दो दिनों तक स्कूल नहीं गई थी छात्रा
आठवीं कक्षा की छात्रा बुधवार और गुरुवार को स्कूल नहीं गई। जिस पर जोशी ने कहा, "हमें पता चला है कि उसकी तबियत ठीक नहीं है। मध्यावधि परीक्षाएं चल रही हैं।" इधर, छात्रा के माता-पिता ने बताया कि घटना के बाद उनकी बेटी की तबियत ठीक नहीं है और वह तनाव में है। उन्होंने कहा, "उसे बुखार है और वह बहुत परेशान है। हम उससे पूछेंगे कि क्या वह उसी स्कूल में पढ़ना जारी रखना चाहती है। अगर वह मान जाती है, तभी हम उसे वापस भेजेंगे।"
वहीं पीटीए ने उन खबरों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उसने माता-पिता से लिखित में यह आश्वासन मांगा था कि छात्रा बिना हिजाब पहने स्कूल आएगी। जोशी ने साफ किया, "हमने माता-पिता को इस तरह के किसी फैसले के बारे में नहीं बताया है। हालांकि कुछ अभिभावकों ने यह मुद्दा उठाया था, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया।"
छात्रा के माता-पिता ने यह भी कहा कि स्कूल ने कोई आश्वासन नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "अभी तक हमसे ऐसी कोई मांग नहीं की गई है।" गौरतलब है कि विवाद तब शुरू हुआ जब स्कूल ने अपनी ड्रेस कोड नीति का हवाला देते हुए छात्रा के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई। इसके बाद स्कूल ने इस हफ्ते की शुरुआत में छात्रों के लिए दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी।
स्कूल को सुरक्षा देने के निर्देश
10 अक्टूबर को छात्रा के माता-पिता अन्य लोगों के साथ स्कूल गए और प्रबंधन के फैसले पर सवाल उठाए। घटना के बाद केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को स्कूल को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। बुधवार को सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने शुरुआत में स्कूल की आलोचना की, लेकिन बाद में कहा कि मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है।