Lok Sabha Chunav: 400 सीटों के लिए विरोधियों के घर 'सेंध' लगाएगी भाजपा, अमित शाह ने बनाया ये प्लान
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विस्तार
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने 400 सीटें पाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटें हासिल कर चुकी पार्टी उत्तर भारत के राज्यों में पहले ही अपनी अधिकतम सीमा पर पहुंच चुकी है। विपक्षी दलों के कारण भी उसे कुछ राज्यों में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी के लिए यह लक्ष्य पाना आसान नहीं होगा। लेकिन भाजपा ने कमजोर सीटों पर विपक्षी दलों के मजबूत उम्मीदवारों को अपने साथ जोड़कर यह लक्ष्य पाने का प्लान बनाया है।
दरअसल, भाजपा नेताओं का मानना है कि वह उन 200 सीटों पर बहुत मजबूत है, जहां उसका सीधा सामना कांग्रेस से होगा। इनमें 68 सीटें कांग्रेस द्वारा शासित राज्यों में हैं, तो शेष स्वयं भाजपा शासित राज्यों में हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 161 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर हुई थी, जिनमें भाजपा को बड़ी सफलता मिली थी। कुछ सीटों पर कुछ अन्य दलों का भी असर था, लेकिन मुख्य रूप से ये कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर वाली सीटें मानी जाती हैं। इन सीटों पर जीत हासिल करने में उसे कोई मुश्किल नहीं आएगी।
दूसरी श्रेणी में लगभग सौ सीटें आती हैं, जिन पर भाजपा का मुकाबला गैर कांग्रेसी दलों से है। जहां विपक्षी दलों की स्थिति मजबूत है। इन सीटों पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। पार्टी ने तीसरी कैटेगरी में 162 के करीब ऐसी सीटों को रखा है, जहां उसकी अच्छी उपस्थिति है, लेकिन अन्य दलों की बेहतर स्थिति के कारण उसे इन पर कभी जीत तो कभी हार का सामना करना पड़ता है। पार्टी की सबसे ज्यादा नजर इन्हीं सीटों पर है। उसका मानना है कि यदि वह इन सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों को उतारे, तो उसे इस पर जीत मिल सकती है। इन्हीं सीटों पर जीत हासिल करने के लिए वह दूसरे दलों के मजबूत नेताओं को अपने पाले में लाकर अपनी जीत तय करने की योजना पर काम कर रही है।
इस तरह हासिल होगा लक्ष्य
केंद्र के एक शीर्ष नेता के अनुसार, मोदी सरकार की लोकप्रियता, केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और विपक्षी दल की कमजोर तैयारी के बीच लगभग 300 सीटों पर जीत हासिल करने में उन्हें कोई मुश्किल नहीं आएगी। राम मंदिर की लहर ने उनका काम और भी ज्यादा आसान कर दिया है। लेकिन 162 सीटों पर विपक्षी दलों की मजबूत स्थिति के कारण उन पर जीत करने में कुछ कठिनाई आ सकती है।
नेता के अनुसार, विपक्षी दलों के अनेक नेता ऐसे हैं, जो अपने दलों में उपेक्षित हैं। उनकी क्षमता के बाद भी उनके दलों के द्वारा उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। अनेक नेता ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और कार्य क्षमता से प्रभावित हैं। भगवान राम के मुद्दे पर विपक्षी दलों की नकारात्मक स्थिति के बाद भी कई नेताओं का अपनी पार्टियों से मोहभंग हुआ है। ऐसे में कई नेता अपनी पार्टी छोड़ भाजपा के खेमे से ताल ठोंक सकते हैं। और इन्हीं समीकरणों के बीच भाजपा 400 की सीट संख्या पार कर सकती है।