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Tamil Nadu: कोर्ट ने याचिकाकर्ता और 10 अन्य को दी कार्तिगई दीपम जलाने की अनुमति, CISF को सुरक्षा देने का आदेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मदुरै (तमिलनाडु) Published by: निर्मल कांत Updated Thu, 04 Dec 2025 11:33 AM IST
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Madurai Bench allows petitioner, 10 others to light Karthigai Deepam under CISF security
मद्रास हाईकोर्ट - फोटो : एएनआई (फाइल)
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मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता और दस अन्य लोग तिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी की चोटी पर दीपम स्तंभ तक जाकर कार्तिगई दीपम जला सकते हैं। कोर्ट ने इसके लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को पर्याप्त सुरक्षा देने का आदेश भी दिया। कोर्ट ने पाया कि पहले के आदेश का मंदिर प्रशासन ने जानबूझकर उल्लंघन किया था। 
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जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने उस अवमानना याचिका की सुनवाई की, जो वार्षिक कार्तिगई दीपम जलाने से कुछ घंटे पहले दाखिल की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों ने 'स्पष्ट रूप से' एक दिसंबर के आदेश का उल्लंघन किया, जिसमें अरुलमिघु सुब्रमणिया स्वामी मंदिर प्रबंधन को दीपथून (नीचे वाली चोटी पर) पर दीपम (दीप) जलाने की सुविधा देने का निर्देश दिया गया था।
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मंदिर प्रशासन ने बुधवार को शाम 6 बजे उची पिल्लैयार मंदिर में दीप जलाया, लेकिन कोर्ट के आदेश के मुताबिक दीपथून में दीप नहीं जलाया गया। जज ने ध्यान दिलाया कि याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अदालत के आदेश का पालन नहीं हुआ और शाम की पूजा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया, जिससे शाम की पूजा के नियम के उल्लंघन होने की संभावना थी। इसलिए याचिका बुधवार को दायर की गई थी। पांच बजे सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) ने कहा कि याचिका 'कम समय की' है, जिसके बाद कोर्ट ने मामले को 6.05 बजे तक स्थगित कर दिया। सुनवाई शुरू होने पर जज ने कहा कि उल्लंघन स्पष्ट है, क्योंकि दीपथून पर दीप अब तक नहीं जलाया गया था।

कोर्ट ने यह भी गौर किया कि मंदिर प्रशासन के कार्यकारी अधिकारी ने सिर्फ दो दिसंबर को गलत तरीके से अपील दायर की, जिससे जज को लगा कि आदेश के पालन में देरी करने की कोशिश की गई। जज ने कहा कि दरगाह पक्ष ने कोई अपील दायर नहीं की और मंदिर पक्ष के पास खुद एक दिसंबर के आदेश का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। कार्तिगई दीपम विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए याचिकाकर्ता रामा रविकुमार ने कहा कि पुलिस वोटों के लिए अदालत के आदेश का अपमान कर रही है और समस्या सरकार की है।

याचिकाकर्ता ने पत्रकारों से कहा, हमने मंदिर प्रशासन को अदालत के आदेश की प्रति और दीप जलाने के लिए आवश्यक सभी सामग्री दी और उन्हें बताया कि अदालत के आदेश के अनुसार दीपम को पहाड़ी की चोटी पर स्थित दीप स्तंभ पर जलाना है। लेकिन दोपहर दो बजे तक दीप स्तंभ पर कोई काम नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता और 10 अन्य लोगों को सीआईएसएफ की सुरक्षा के साथ दीप जलाने के लिए अनुमति मिलेगी। 

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याचिकाकर्ता ने कहा, लेकिन पुलिस कह रही है कि यदि वे आगे बढ़े तो धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश के कारण सीआईएसएफ अधिकारी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। क्या इस देश में हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार नहीं है? इस शहर में मुसलमानों के साथ हमें कोई समस्या नहीं है। समस्या सरकार की है। वह वोटों के लिए अदालत के आदेश का अपमान कर रही है। हम इसका कानूनी रूप से सामना करेंगे। कानून के अनुसार तिरुपरनकुंद्रम में दीपम जलाया जाएगा। 

इस बीच, तमिलनाडु में कार्तिगई दीपम उत्सव जारी रहा। मदुरै में घरों और व्यावसायिक स्थलों पर पारंपरिक दीप जलाए गए, जबकि मीनाक्षी मंदिर में हजारों मिट्टी के दीपों से परिसर रोशन हुआ। तिरुपरनकुंद्रम में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (पूर्व में सीआरपीसी की धारा 144) की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए गए। थूथुकुड़ी के पाहम्पिरियाल उदनुरई शंकर रामेश्वरर मंदिर में भी विशेष अनुष्ठान किए गए। उसी समय, तिरुपरनकुंद्रम सुब्रमणियस्वामी मंदिर में 10 दिवसीय कार्तिगई दीपम महोत्सव के हिस्से के रूप में पाट्टाभिषेकम (राजतिलक) समारोह आयोजित हुआ, जो 24 नवंबर से शुरू होकर सात दिसंबर तक चलेगा।

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