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West Bengal: 'छात्र समाज की नबन्ना रैली के आह्वान से हिल गई ममता सरकार', BJP नेता शुभेंदु अधिकारी का बड़ा दावा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 24 Aug 2024 11:04 PM IST
सार
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दरिंदगी की वारदात के बाद से राज्य की ममता सरकार विपक्ष के साथ-साथ तमाम संगठनों के निशाने पर है। वहीं भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि ममता सरकार छात्र समाज की नबन्ना रैली के आह्वान से हिल गई।
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ममता सरकार पर BJP नेता शुभेंदु अधिकारी का बड़ा दावा
- फोटो : ANI
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विस्तार
पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को दुष्कर्म-हत्या की शिकार हुई महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर एक छात्र संगठन की तरफ से सचिवालय तक मार्च के तीन दिन पहले भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार विरोध प्रदर्शन से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने का आरोप
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस पर 27 अगस्त को होने वाली रैली के बारे में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार प्रदर्शनकारियों को नबन्ना पहुंचने से रोकने के लिए धूर्त हथकंडे अपना रही है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ममता पुलिस प्रदर्शनकारियों को नबन्ना की ओर मार्च करने से रोकने के लिए एक भयावह 'टूलकिट' तैनात कर रही है, जहां वे आरजी कर पीजीटी महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल सरकार 27 अगस्त को 'नबन्ना अभियान' के लिए वायरल आह्वान से स्पष्ट रूप से हिल गई है।
'नबन्ना अभियान' की बढ़ती गति से बढ़ी सरकार की चिंता
उन्होंने आगे कहा, राज्य सरकार और उसके अधीनस्थ प्रशासन 'रीक्लेम द नाइट' अभियान के लिए भारी जन समर्थन के बाद पहले से ही भारी दबाव में हैं, जहां सभी क्षेत्रों की महिलाएं अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतरीं। एक गैर-राजनीतिक छात्र संगठन के नेतृत्व में 'नबन्ना अभियान' की बढ़ती गति ने स्पष्ट रूप से ममता बनर्जी के लिए चिंता का विषय बना दिया है।
छात्र समाज ने सचिवालय तक मार्च का किया आह्वान
बता दें कि छात्र संगठन छात्र समाज ने सचिवालय तक मार्च का आह्वान किया है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कुछ नागरिक समाज समूहों ने आरोप लगाया है कि रैली को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जैसी भगवा ताकतों का समर्थन प्राप्त है। शुभेंदु अधिकारी ने तर्क दिया, यह समझते हुए कि छात्र और नागरिक समाज के आंदोलनों को बलपूर्वक दबाया नहीं जा सकता, सरकार अब सोशल मीडिया के माध्यम से गपशप और अफवाह फैलाने जैसी अनैतिक रणनीति का सहारा ले रही है।
नबन्ना अभियान पर शुभेंदु अधिकारी का दावा
उन्होंने दावा किया कि 'नबन्ना अभियान' के बारे में गलत जानकारी फैलाने और छात्रों के संकल्प को कमजोर करने के लिए जिलों के पुलिस स्टेशनों पर नागरिक स्वयंसेवकों की तरफ से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाया, इन फर्जी प्रोफाइल का इस्तेमाल भ्रामक पोस्ट और टूलकिट के यूआरएल को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है, जो भ्रम पैदा करने और प्रतिभागियों का मनोबल गिराने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
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सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने का आरोप
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस पर 27 अगस्त को होने वाली रैली के बारे में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार प्रदर्शनकारियों को नबन्ना पहुंचने से रोकने के लिए धूर्त हथकंडे अपना रही है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ममता पुलिस प्रदर्शनकारियों को नबन्ना की ओर मार्च करने से रोकने के लिए एक भयावह 'टूलकिट' तैनात कर रही है, जहां वे आरजी कर पीजीटी महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल सरकार 27 अगस्त को 'नबन्ना अभियान' के लिए वायरल आह्वान से स्पष्ट रूप से हिल गई है।
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'नबन्ना अभियान' की बढ़ती गति से बढ़ी सरकार की चिंता
उन्होंने आगे कहा, राज्य सरकार और उसके अधीनस्थ प्रशासन 'रीक्लेम द नाइट' अभियान के लिए भारी जन समर्थन के बाद पहले से ही भारी दबाव में हैं, जहां सभी क्षेत्रों की महिलाएं अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतरीं। एक गैर-राजनीतिक छात्र संगठन के नेतृत्व में 'नबन्ना अभियान' की बढ़ती गति ने स्पष्ट रूप से ममता बनर्जी के लिए चिंता का विषय बना दिया है।
छात्र समाज ने सचिवालय तक मार्च का किया आह्वान
बता दें कि छात्र संगठन छात्र समाज ने सचिवालय तक मार्च का आह्वान किया है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कुछ नागरिक समाज समूहों ने आरोप लगाया है कि रैली को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जैसी भगवा ताकतों का समर्थन प्राप्त है। शुभेंदु अधिकारी ने तर्क दिया, यह समझते हुए कि छात्र और नागरिक समाज के आंदोलनों को बलपूर्वक दबाया नहीं जा सकता, सरकार अब सोशल मीडिया के माध्यम से गपशप और अफवाह फैलाने जैसी अनैतिक रणनीति का सहारा ले रही है।
नबन्ना अभियान पर शुभेंदु अधिकारी का दावा
उन्होंने दावा किया कि 'नबन्ना अभियान' के बारे में गलत जानकारी फैलाने और छात्रों के संकल्प को कमजोर करने के लिए जिलों के पुलिस स्टेशनों पर नागरिक स्वयंसेवकों की तरफ से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाया, इन फर्जी प्रोफाइल का इस्तेमाल भ्रामक पोस्ट और टूलकिट के यूआरएल को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है, जो भ्रम पैदा करने और प्रतिभागियों का मनोबल गिराने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
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