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Maneka Gandhi: मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बताया अव्यवहारिक, कहा- पशुओं के प्रति दया भावना जरूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 13 Nov 2025 03:50 PM IST
सार
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के आवारा पशुओं को शेल्टर में रखने के आदेश को ‘अव्यवहारिक’ बताया। उन्होंने कहा कि भारत को पशुओं के प्रति करुणा पर आधारित नीति अपनानी चाहिए। गांधी ने फिल्मों पर भी कहा कि सिनेमा को समाज में दया और संवेदनशीलता के संदेश को मजबूत करना चाहिए।
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मेनका गांधी।
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अदालत का आवारा पशुओं को पकड़कर शेल्टर होम में रखने का निर्देश ‘अव्यवहारिक’ है। गांधी ने कहा कि भारत को पशुओं के प्रति करुणा पर आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, न कि नियंत्रण पर।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह स्कूल, अस्पताल, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर कुत्तों के बढ़ते हमलों पर चिंता जताई थी। अदालत ने ऐसे क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर में रखने और राष्ट्रीय राजमार्गों व एक्सप्रेसवे से मवेशियों को हटाने के निर्देश दिए थे।
मेनका गांधी की प्रतिक्रिया
मेनका गांधी ने कहा कि अदालत के निर्देश “करो लेकिन कोई कर नहीं सकता” जैसे हैं। उन्होंने कहा कि “कुत्ता हटाओ, बिल्ली हटाओ, बंदर हटाओ और शेल्टर में डालो” यह संभव नहीं है। गांधी ने कहा कि देश में नगर निकायों के बीच तालमेल की कमी है और पशु संरक्षण में व्यावहारिक दृष्टिकोण जरूरी है।
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गांधी ने यह टिप्पणी नई दिल्ली में ‘सिनेकिड’ नामक नई पहल के शुभारंभ के दौरान की। यह पहल फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया और उनकी संस्था ‘पीपल फॉर एनिमल्स द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य फिल्मों में करुणा और मानवीय संवेदनाओं को प्रोत्साहित करना है।
आत्म-नियमन की जरूरत
पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि फिल्मों की शक्ति समाज को प्रभावित करने में अपार है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले फिल्मों में जानवरों के साथ अत्याचार होता था, लेकिन अब आत्म-नियमन की जरूरत है। एफएफआई के अध्यक्ष फिरदौसुल हसन ने कहा कि ‘सिनेकिड’ का उद्देश्य यह दिखाना है कि करुणा भी नायकत्व जितनी ही प्रभावशाली है।
ये भी पढ़ें- अल फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी मिली ब्रेजा, गाड़ी शाहीन के नाम इस्तेमाल कर रहा था कोई और
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मेनका गांधी की प्रतिक्रिया
मेनका गांधी ने कहा कि अदालत के निर्देश “करो लेकिन कोई कर नहीं सकता” जैसे हैं। उन्होंने कहा कि “कुत्ता हटाओ, बिल्ली हटाओ, बंदर हटाओ और शेल्टर में डालो” यह संभव नहीं है। गांधी ने कहा कि देश में नगर निकायों के बीच तालमेल की कमी है और पशु संरक्षण में व्यावहारिक दृष्टिकोण जरूरी है।
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गांधी ने यह टिप्पणी नई दिल्ली में ‘सिनेकिड’ नामक नई पहल के शुभारंभ के दौरान की। यह पहल फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया और उनकी संस्था ‘पीपल फॉर एनिमल्स द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य फिल्मों में करुणा और मानवीय संवेदनाओं को प्रोत्साहित करना है।
आत्म-नियमन की जरूरत
पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि फिल्मों की शक्ति समाज को प्रभावित करने में अपार है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले फिल्मों में जानवरों के साथ अत्याचार होता था, लेकिन अब आत्म-नियमन की जरूरत है। एफएफआई के अध्यक्ष फिरदौसुल हसन ने कहा कि ‘सिनेकिड’ का उद्देश्य यह दिखाना है कि करुणा भी नायकत्व जितनी ही प्रभावशाली है।
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