MEA: H-1B वीजा में देरी और रद्दीकरण पर भारत ने जताई चिंता, कहा- बच्चों की पढ़ाई और परिवारों पर गंभीर असर
MEA Statement: विदेश मंत्रालय ने एच1बी वीजा संकट, विदेशों में फंसे भारतीयों की परेशानियों, ऑस्ट्रेलिया की आतंकी घटना, भगोड़े अपराधियों की वापसी और कनाडा में भारतीय छात्र की मौत पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। आइए, विस्तार से समझते हैं इन मुद्दों पर विदेश मंत्रालय क्या प्रतिक्रिया दी?
विस्तार
विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों से जुड़े मामलों को लेकर भारत सरकार ने एक बार फिर साफ किया है कि वह अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वीजा परेशानियों, सुरक्षा से जुड़े मामलों, भगोड़े अपराधियों की वापसी और विदेशों में भारतीय छात्रों की मौत जैसे मुद्दों पर विदेश मंत्रालय ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार को एच1बी वीजा नियुक्ति के बार-बार पुनर्निर्धारित होने को लेकर कई शिकायतें मिली हैं। इस कारण बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक लंबे समय से विदेशों में फंसे हैं, जिससे उनके परिवार और बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ा है।
एच1बी वीजा पर बढ़ी चिंता
प्रवक्ता ने बताया कि वीजा से जुड़े मुद्दे किसी भी देश के संप्रभु अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन भारत ने अपनी चिंताएं अमेरिका के सामने नई दिल्ली और वॉशिंगटन डीसी, दोनों जगह उठाई हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ लगातार बातचीत की जा रही है ताकि भारतीय नागरिकों को हो रही दिक्कतों को कम किया जा सके।
भारत ने अमेरिका में काम करने वाले हजारों भारतीय पेशेवरों से जुड़े एच-1बी वीजा मामले पर गंभीर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय आवेदकों के पहले से तय एच-1बी वीजा साक्षात्कार अचानक रद्द या आगे खिसका दिए गए हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि सरकार को कई भारतीय नागरिकों से शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में कहा गया है कि वीजा साक्षात्कार पुनर्निर्धारित होने के कारण वे लंबे समय से भारत में फंसे हुए हैं और अमेरिका लौटकर अपनी नौकरी जॉइन नहीं कर पा रहे हैं।
मंत्रालय के अनुसार, दिसंबर के मध्य से जिन एच-1बी वीजा आवेदकों के साक्षात्कार तय थे, उन्हें अचानक कई महीनों के लिए टाल दिया गया है। कुछ आवेदकों को ई-मेल के जरिए बताया गया कि उनके साक्षात्कार अब अगले साल मई तक के लिए बढ़ा दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह फैसला सोशल मीडिया प्रोफाइल और ऑनलाइन गतिविधियों की अतिरिक्त जांच के चलते लिया गया है।साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि वीजा से जुड़े फैसले किसी भी देश के संप्रभु अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन भारत ने इस मुद्दे को अमेरिका के सामने नई दिल्ली और वॉशिंगटन डीसी, दोनों जगह उठाया है। उन्होंने कहा कि इस देरी से भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को आर्थिक, पारिवारिक और शैक्षणिक स्तर पर गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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ऑस्ट्रेलिया आतंकी घटना पर नजर
रणधीर जायसवाल ने ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच में हुई आतंकी घटना पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत इस हमले से जुड़े जिम्मेदार लोगों की गतिविधियों से अवगत है और इस मामले में संबंधित विदेशी एजेंसियों के संपर्क में है।
भगोड़े अपराधियों की वापसी पर जोर
विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत उन सभी लोगों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो देश में कानून से बचकर विदेशों में छिपे हुए हैं। इसके लिए कई देशों से बातचीत चल रही है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कई कानूनी स्तर होते हैं, लेकिन सरकार की मंशा साफ है कि ऐसे लोग भारत लौटें और अदालतों में मुकदमे का सामना करें।
कनाडा में भारतीय छात्र की मौत
कनाडा में एक भारतीय छात्र की मौत पर विदेश मंत्रालय ने गहरा दुख जताया। रणधीर जायसवाल ने बताया कि सरकार मृतक छात्र के परिवार के संपर्क में है और स्थानीय अधिकारियों से मौत की परिस्थितियों को लेकर जानकारी ली जा रही है। भारत का दूतावास परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।
साथ ही विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि चाहे मामला वीजा का हो, सुरक्षा का हो या न्याय का, भारत सरकार अपने नागरिकों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए हर जरूरी कदम उठाती रहेगी।
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