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MEA: 'बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या निंदनीय', भारत बोला- उम्मीद है कि दोषी न्याय के कटघरे में लाए जाएंगे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Fri, 26 Dec 2025 04:30 PM IST
सार

MEA On Bangladesh Violence: भारत ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा 'गंभीर चिंता' का विषय है। भारत ने हाल ही में बांग्लादेश के मैमनसिंह में एक हिंदू युवक की हत्या की कड़ी निंदा की है और उम्मीद जताई है कि दोषी जल्द ही न्याय के कटघरे में लाए जाएंगे।

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India Emphasises Free and Fair Polls in Bangladesh Amid Tarique Rahman’s Return: MEA
रणधीर जायसवाल, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय - फोटो : ANI
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विस्तार
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भारत ने हाल ही में बांग्लादेश के मैमनसिंह में एक हिंदू युवक की हत्या की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले चिंता बढ़ाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि हत्या के दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रमों पर भारत की पैनी नजर है।
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उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यकों पर हिंसा की 2,900 से ज्यादा घटनाएं स्वतंत्र स्रोतों की तरफ से दर्ज की गई हैं। उन्होंने साफ कहा कि इन घटनाओं को मीडिया की बढ़ा-चढ़ाकर की गई खबरें या सिर्फ राजनीतिक हिंसा बताकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत ने यह भी दोहराया कि बांग्लादेश में होने वाले आगामी संसदीय चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और सभी को शामिल करने वाले होने चाहिए।

तारिक रहमान की स्वदेश वापसी पर प्रतिक्रिया
वहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता तारिक रहमान की स्वदेश वापसी पर भारत की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्रालय ने रहमान की वापसी पर कहा है कि भारत बांग्लादेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का समर्थन करता है; इस घटनाक्रम को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

कौन हैं तारिक रहमान?
वे पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के बेटे हैं। 2008 से लंदन में रह रहे थे और वहीं से बीएनपी का नेतृत्व कर रहे थे। उन पर भ्रष्टाचार और 2004 के ढाका ग्रेनेड हमले जैसे मामलों में सजा सुनाई गई थी। बीएनपी का कहना है कि ये मामले राजनीतिक बदले की कार्रवाई थे। तारिक रहमान की वापसी बीएनपी के लिए नई ऊर्जा है, लेकिन चुनौती बड़ी है, पार्टी को एकजुट रखना, युवाओं का भरोसा जीतना, हिंसा और अस्थिरता से जूझ रहे देश को स्थिर दिशा देना।

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भारत के लिए क्यों मायने रखती है यह वापसी?
इस समय बांग्लादेश राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले हालात तनावपूर्ण हैं। अवामी लीग, जिसे भारत के करीब माना जाता है, चुनाव नहीं लड़ रही। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के दौर में भारत से दूरी और पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ने के संकेत मिले हैं। कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी फिर से सक्रिय हुआ है, जिसे भारत पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा मानता है। ऐसे में भारत को लगता है कि बीएनपी अपेक्षाकृत उदार और लोकतांत्रिक विकल्प हो सकती है, भले ही अतीत में भारत-बांग्लादेश संबंधों में खटास रही हो।


 
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