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Mumbai: मुंबई की बिगड़ती हवा पर हाईकोर्ट सख्त, प्रदूषण पर BMC और MPCB को दिए ठोस कदम उठाने के निर्देश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: हिमांशु चंदेल Updated Tue, 23 Dec 2025 03:23 PM IST
सार

Mumbai High Court on Air Pollution: मुंबई की बिगड़ती हवा पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि वह विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन नियमों का सख्त पालन जरूरी है। अदालत ने बीएमसी और एमपीसीबी को प्रदूषण कम करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा। 

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Mumbai High Court taken strict stance Mumbai air pollution directing BMC MPCB take concrete steps to control
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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मुंबई में लगातार बिगड़ते वायु प्रदूषण को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि वह विकास या निर्माण कार्यों के खिलाफ नहीं है, लेकिन वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए नियमों का सख्ती से पालन अनिवार्य है। अदालत ने चेताया कि यदि अभी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।

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मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम की पीठ ने कहा कि नगर निकाय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। अदालत ने बीएमसी और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण कम करने के लिए गंभीर और तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए।
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अधिकारियों को कड़ी चेतावनी
अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर अभी प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति हाथ से निकल जाएगी। पीठ ने कहा कि अधिकारी सिर्फ पद पर बैठे अफसर नहीं हैं, बल्कि वे भी इस शहर के नागरिक हैं और उनका मौलिक कर्तव्य बनता है कि वे प्रदूषण से लड़ें। कोर्ट ने अधिकारियों से ठोस सुझाव भी मांगे।

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निर्माण मजदूरों की सेहत पर चिंता
हाईकोर्ट ने निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों की स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई। अदालत ने कहा कि जीवन का अधिकार गरीबों समेत सभी पर लागू होता है। कोर्ट ने एमपीसीबी से पूछा कि क्या निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों की सेहत को लेकर कोई सलाह जारी की गई है। अदालत ने कहा कि कम से कम मजदूरों को मास्क उपलब्ध कराना सामान्य समझ की बात है और स्वास्थ्य का अधिकार एक मौलिक अधिकार है।

अधिकारियों की पेशी और जवाब
अदालत के निर्देश पर बीएमसी आयुक्त और एमपीसीबी सचिव मंगलवार को अदालत के समक्ष पेश हुए। कोर्ट ने बीएमसी प्रमुख से पूछा कि क्या वह खुद मौके पर जाकर औचक निरीक्षण करते हैं और क्या नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की गई है। बीएमसी की ओर से वरिष्ठ वकील एस.यू. कामदार ने बताया कि नवंबर से अब तक 433 कारण बताओ नोटिस और 148 काम रोकने के नोटिस जारी किए गए हैं।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि बीएमसी और एमपीसीबी को अभी बहुत कुछ करना बाकी है। एमपीसीबी ने भरोसा दिलाया कि वह बुधवार तक इस मुद्दे पर ठोस सुझाव पेश करेगा। हाईकोर्ट के सख्त तेवरों से साफ है कि मुंबई की जहरीली हवा को लेकर अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि जमीन पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

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