सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   mumbai hostage case police officer amol waghmare decision saved kids

Mumbai: कैसे ढेर हुआ बच्चों को बंधक बनाने वाला रोहित, पुलिस ने ऐसे बिछाया जाल; मौके पर ही गोली चलाने का फैसला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई। Published by: निर्मल कांत Updated Fri, 31 Oct 2025 11:42 AM IST
सार

Maharashtra: मुंबई पुलिस के अधिकारी अमोल वाघमारे के कथित तौर पर मौके पर आरोपी को गोली मारने के फैसले ने 17 बंधक बच्चों की जान बचाई। उनकी बहादुरी की जमकर प्रशंसा हो रही है। पुलिस ने बच्चों की जान बचाने के लिए तुरंत योजना बनाई थी। 

विज्ञापन
mumbai hostage case police officer amol waghmare decision saved kids
आरोपी रोहित आर्य - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मुंबई के पवई में एक थिएटर स्टूडियो में सत्रह बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य को कथित तौर पर मुंबई पुलिस के अधिकारी अमोल वाघमारे ने गोली मारकर ढेर किया। बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए यह कार्रवाई की गई। 


एंटी-टेररिस्ट सेल के अधिकारी हैं अमोल वाघमारे
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमोल वाघमारे पवई थाने के आतंकवाद रोधी प्रकोष्ठ (एंटी-टेररिस्ट सेल) के अधिकारी हैं। कथित तौर पर उन्होंने ही पुणे के रहने वाले रोहित आर्य पर गोली चलाई थी। छाती में गोली लगने के बाद रोहित को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। 
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें: देशभर के 1466 पुलिस कर्मियों को मिलेगा केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक, गृह मंत्रालय ने जारी की सूची
 
वेब सीरीज के लिए ऑडिशन के बहाने बच्चों को बुलाया
रोहित आर्य फिल्म निर्माता और कार्यकर्ता था। उसने कथित तौर पर वेब सीरीज के लिए बच्चों की ऑडिशन करने के बहाने आरए स्टुडियो किराए पर लिया। बच्चों को माता-पिता के साथ स्टुडियो लाया गया और रोहित उन्हें पहली मंजिल पर ले गया। दोपहर एक बजे तक बच्चे नहीं उतरे तो माता-पिता उनसे संपर्क नहीं कर पाए।

दूसरी इमारत से लोगों ने दी पुलिस को सूचना
इसके बाद दूसरी इमारत के लोगों ने पौने दो बजे पुलिस को सूचित किया कि कुछ बच्चे बंद खिड़कियों के पीछे रो रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। उसने बच्चों को दो महिलाओं और एक युवक सहायक के साथ बंद कर दिया और चोरी की चेतावनी के लिए अलर्ट करने सेंसर लगाकर स्टूडियो के दरवाजे को सुरक्षित कर दिया। उसने धमकी दी कि अगर पुलिस अंदर आई तो वह ज्वलनशील रसायन का इस्तेमाल करेगा और आग लगा देगा। उसके पास एयर गन भी थी।

आरोपी ने बच्चों को एक-एक कर मारने की दी धमकी
इसके बाद उसने बच्चों को दो समूहों में बांटकर उन्हें एक-एक करके मारने की धमकी दी। उसने एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने कहा कि वह केवल कुछ लोगों से पैसे की वसूली करना चाहता है और बच्चों को नुकसान पहुंचाने का उसका इरादा नहीं है। पुलिस, बम निवारण दस्ते और त्वरित प्रतिक्रिया टीम ने दमकल विभाग की मदद से पीछे से भवन में प्रवेश किया और रोहित से बातचीत शुरू की। पुलिस ने दो अलग-अलग रास्ते अपनाए। पहली टीम ने बाथरूम से प्रवेश करके बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला और दूसरी टीम ने कांच तोड़कर हॉल में घुसकर अंदर मौजूद लोगों तक पहुंच बनाई। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि सभी बच्चों और लोगों की सुरक्षा के लिए दो तरफ से कार्रवाई हो।

ये भी पढ़ें: 'सरदार पटेल भी हैरान हो जाते...', लौह पुरुष की जयंती पर कांग्रेस ने BJP-RSS पर साधा निशाना

अमोल वाघमारे ने बाथरूम से स्टूडियो हॉल में प्रवेश किया और रोहित आर्य पर गोली चलाई। यह फैसला तत्काल लिया गया, क्योंकि रोहित पुलिस की ओर बढ़ रहा था और बच्चों की सुरक्षा प्राथमिक थी। गोली रोहित की छाती में लगी, उसे अस्पताल ले जाया गया और मृत घोषित किया गया। अमोल वाघमारे की बहादुरी और समय पर की गई कार्रवाई की काफी प्रशंसा हुई। उन्हें शांत और गोलीबारी में प्रशिक्षित अधिकारी बताया गया। अधिकारी हर छह महीने में यह प्रशिक्षण दोहराते हैं कि कब गोली चलानी है और कब नहीं। एक अधिकारी वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टीम किसी भी स्थिति के लिए तैयार थी और गोली चलाने का फैसला मौके पर ही लिया गया।



 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed